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राजनीति

राहुल के इस्तीफे के बाद गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन भी काम करने को तैयार थीं प्रियंका

Janjwar Desk
19 Aug 2020 10:33 AM GMT
राहुल के इस्तीफे के बाद गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के अधीन भी काम करने को तैयार थीं प्रियंका
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यह दावा प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह द्वारा लिखे गए एक किताब 'इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन विद द नेक्स्ट जनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स' में किया गया है, किताब में प्रियंका के एक बयान का उल्लेख किया गया है, जिसमें वह कह रही हैं, 'यदि कोई अन्य पार्टी अध्यक्ष बनता है, तो वह मेरा बॉस होगा....

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा साल 2019 में आम चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद गैर-गांधी अध्यक्ष के अधीन काम करने के लिए तैयार थीं। इस बात का खुलासा हाल ही में प्रकाशित एक किताब से हुआ है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि पार्टी को एक ऐसे अध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए जो गांधी परिवार के बाहर का हो, लेकिन पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को ही कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया कर दिया गया।

यह दावा प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह द्वारा लिखे गए एक किताब 'इंडिया टुमॉरो: कन्वर्सेशन विद द नेक्स्ट जनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स' में किया गया है। किताब में प्रियंका के एक बयान का उल्लेख किया गया है, जिसमें वह कह रही हैं, 'यदि कोई अन्य पार्टी अध्यक्ष बनता है, तो वह मेरा बॉस होगा। अगर वह मुझसे कल कहता है कि वह मुझे उत्तर प्रदेश में नहीं चाहता, बल्कि अंडमान और निकोबार (द्वीप) में देखना चाहता है, तो मैं खुशी-खुशी अंडमान और निकोबार जाऊंगी।'

पुस्तक में दावा किया गया है कि प्रियंका गांधी ने अपने साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह पूरी तरह से राहुल गांधी के साथ इस बात पर सहमत हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष एक गैर-गांधी को नियुक्त किया जाना चाहिए। प्रियंका ने कहा, "मुझे लगता है कि पार्टी को अपना रास्ता भी तलाशना चाहिए।' हालांकि पार्टी के सूत्रों का कहना कि यह साक्षात्कार पिछले साल राहुल गांधी के इस्तीफा देने के ठीक बाद दिया गया था, लेकिन अब स्थिति अलग है।

पार्टी से बर्खास्त पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने दावा किया था, 'अनुमानत: पार्टी के भीतर करीब 100 कांग्रेस नेता (सांसद सहित), पार्टी के हालातों से व्यथित हैं, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है, जिसमें सीडब्ल्यूसी में राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव और पारदर्शी चुनावों की मांग की गई है।'

हालांकि पार्टी ने इस तरह के किसी भी पत्र के मिलने से इनकार किया है। कांग्रेस ने 11 अगस्त को संकेत दिया था कि हो सकता है कि राहुल गांधी निकट भविष्य में पार्टी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के लिए अनिच्छुक न हो। वहीं पार्टी ने उन्हें राजस्थान संकट को हल करने का भी श्रेय दिया।

एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के माध्यम से जब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को याद दिलाया गया कि राहुल ने अध्यक्ष पद संभालने से मना कर दिया था, तो इस पर उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं या आप या हम में से किसी ने हाल ही में उनसे (राहुल गांधी) इस मुद्दे पर बात की है।'

उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले साल राहुल ने 'नैतिक आधार' पर इस्तीफा दिया था और इसके साथ उन्होंने चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली थी। सुरजेवाल ने आगे कहा, 'मैं भविष्य के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, मैं निश्चित हूं कि कुछ चीजें अच्छी होंगी।'

कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी को पार्टी प्रमुख के रूप में देखना चाहते हैं, न सिर्फ इसलिए क्योंकि वह राहुल गांधी हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि उन्होंने जिस तरह से मोदी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने का 'साहस' दिखाया है वह हर किसी में नहीं।

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