सीधी पेशाब कांड के बाद अब योगी के यूपी में सोनभद्र में दलित युवक की बेरहमी से पिटाई के बाद चटवाया गया थूक
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लखनऊ। सोनभद्र में एक दलित युवक की दबंगों द्वारा बर्बर पिटाई के बाद चप्पल पर थूक चटवाने की मानवीय गरिमा को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है। इसके खिलाफ भाकपा (माले) ने दोषियों के लिए सख्त सजा की मांग की है।
हालांकि विद्युत विभाग ने दोषी संविदा विद्युतकर्मी तेजबली सिंह पटेल को बर्खास्त कर दिया था और आरोपित पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था, मगर इस मामले में राजनीतिक दलों ने भाजपा सरकार को घेरा है।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था,'यूपी के सोनभद्र में, मप्र के सीधी जिले से कम शर्मनाक घटना नहीं घटी है, जहां एक दलित युवक से चप्पल तक चटवाई गई है। ऐसे दोषियों को देखकर बुलडोजर पंचर क्यों हो जाता है। देखते हैं इस पीड़ित की चरण-वंदना का नाटक कब खेला जाता है। भाजपाई दलित उत्पीड़न का काला इतिहास रच रहे हैं।'
वहीं आप सांसद संजय सिंह ने इस कांड का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'ये यूपी का सोनभद्र है। एक दलित युवक को हैवान चप्पल चटवा रहा है। तुम्हारे राज में तो दलितों को इंसान ही नहीं माना जाता। तुम समान नागरिक संहिता की बात करते हो भाजपाइयों।'
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने मंगलवार 11 जुलाई को जारी बयान में कहा कि मध्य प्रदेश के सीधी पेशाब कांड को, जिसमें एक आदिवासी युवक पर भाजपा विधायक के पूर्व प्रतिनिधि ने पेशाब किया था, अभी कुछ दिन ही बीते थे कि यूपी के सोनभद्र में निर्दोष दलित युवक की निर्मम पिटाई के बाद चप्पल चटवाने की घटना हो गई। दोनों ही राज्य भाजपा शासित हैं। कुछ दिन पहले सहारनपुर में भीम आर्मी प्रमुख दलित नेता चद्रशेखर रावण को तो जान से मारने तक की कोशिश की गई। यह दिखाता है कि भाजपा शासन में दबंगों का मनोबल अत्यधिक बढ़ा हुआ है और यह दलितों-आदिवासियों के अपमान व जानलेवा घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है।
माले नेता ने कहा कि योगी सरकार विकास का ढोंग करती है। सोनभद्र में यूपी के अन्य जिलों की तुलना में अधिक दलित आबादी रहती है। यदि विकास कागजों से सचमुच जमीन पर उतरा होता और गरीबों के लिए हुआ होता, तो ऐसी घृणित घटना न होती।
गौरतलब है कि जिले में चप्पल चटवाने की घटना शाहगंज थाना क्षेत्र के बालडीह गांव की है, जो घोरावल विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में हुआ उम्भा कांड, जिसमें 11 आदिवासियों को दबंगों ने भून डाला था, इस गांव के करीब में ही हुआ था। घटना 6 जुलाई की है, मगर पुलिस प्रशासन तीन दिन बाद जागा, जब सोशल मीडिया पर उक्त घटना का वीडियो वायरल हुआ।