जिग्नेश मेवाणी समेत 19 को 6 महीने की हुए सजा, 6 साल पहले भीड़ इकट्ठा करके दंगा भड़काने का था इल्जाम
Jignesh Mevani : गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पूर्व कांग्रेस से जुड़े दिग्गज दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को छः साल पुराने एक मामले में छः महीने की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार 16 सितंबर को अहमदाबाद की एक अदालत ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी को जो छः महीने की सजा सुनाई है, उसमें जिग्नेश पर साल 2016 में भीड़ इकट्ठा करके दंगा भड़काने का इल्जाम है।
मामला 2016 का उस समय का है जब गुजरात यूनिवर्सिटी के कानून विभाग की एक इमारत का नाम बदलकर डॉ. बी आर अम्बेडकर ने नाम पर रखने के विरोध में पूरे गुजरात में विरोध प्रदर्शन किए गए थे। इन्हीं विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर केस दर्ज किया गया था। इस केस में जिग्नेश सहित 20 लोगों को आरोपी बनाया गया था। एक आरोपी की मुकदमा सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी। जबकि 19 आरोपियों को मुकदमे का सामना करना पड़ा था, जिसमें सुनवाई समाप्त होने के बाद शुक्रवार को अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पी एन गोस्वामी ने कांग्रेस नेता व विधायक जिग्नेश मेवाणी, सुबोध परमार, राकेश मेहरिया समेत 19 आरोपियों को यह छः महीने जेल की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने विरोध प्रदर्शनों से जुड़े पूरे मामले में दर्ज तीन केस में सजा सुनाई है। पहले केस में छः महीने की जेल, दूसरे में 500 रुपए जुर्माना और तीसरे में 100 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जिन मुकदमों में यह सजा सुनाई गई है उनकी एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा) और 147 (दंगा) के साथ-साथ गुजरात पुलिस अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी।
बता दें कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय के रूप में जीत हासिल की थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपनी गुजरात इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था।