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राजनीति

गुजरात में एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिश पठान ने उठाया हिजाब का मुद्दा, पूछा - बीजेपी को तकलीफ क्या है?

Janjwar Desk
4 Nov 2022 3:43 AM GMT
Gujarat Election 2022 : एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिश पठान ने उठाया हिजाब का मुद्दा, पूछा - बीजेपी को तकलीफ क्या है?
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Gujarat Election 2022 : एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिश पठान ने उठाया हिजाब का मुद्दा, पूछा - बीजेपी को तकलीफ क्या है?

Gujarat Election 2022 : वारिश पठान ने कहा कि भाजपा ने मुसलमानों और दलितों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। भाजपा संविधान का गला घोट रही है।

Gujarat Election 2022 : चुनाव आयोग द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के कार्यक्रमों का एक दिन पहले ऐलान के बाद सियासी दलों के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर पर भारतीय नोट लगाने के बाद से यह चुनाव हिंदू बनाम मुस्लिम पहले से ही हो चुका है। उसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी की तरह गुजरात ( Gujrat ) में भी चुनाव को 80:20 का मुद्दा बनाने की कोशिश की है।

अब एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिश पठान ( AIMIM spokesperson Warish Pathan ) भी इसमें कूद पड़े हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लोगों से कहा कि आखिर भाजपा ( BJP ) को हिजाब ( Hijab ) से परेशानी क्या है? भाजपा हिजाब को विरोध क्यों करती है। AIMIM प्रवक्ता वारिस पठान ( Warish pathan ) ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मुसलमानों और दलितों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी संविधान का गला घोट रही है।

वारिश पठान ( Warish pathan ) ने फ्रीडम आफ च्वाइस की बात करते कहा कि सरदार पगड़ी पहनते हैं हमें ऐतराज नहीं है। हिंदू बहन टीका लगाती हैं और मंगलसूत्र पहनती हैं। हमें इस पर भी ऐतराज नहीं है। अगर हमारी मुस्लिम बच्चियां हिजाब पहनती हैं, तो भाजपा को इस पर तकलीफ क्यों है? यानि उन्होंने यूपी की तरह गुजरात में भी हिजाब का तड़का लगा दिया है।

देश में 20% होना गुनाह है क्या

इससे पहले मीडिया से बातचीत में असदुद्दीन ओवैसी पूछा था कि देश में 80- 20 की बात आखिर किसने की थी। उन्होंने ये भी पूछा कि क्या इस देश में 20 फिसदी होना गुनाह है?

AIMIM वाले दिखा रहे अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों का डर

दूसरी तरफ भाजपा ( BJP ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जेपी नड्डा का आरोप है कि एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी और उनके प्रवक्ता बहुसंख्यकों को डर दिखाकर अल्पसंख्यकों को बरगला रहे हैं। वे लोग मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को उकसा रहे हैं। उन्हें मुस्मिलों के मुद्दे उठाने हैं। ऐसा वह हर बार करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित है हिजाब का मुद्दा

बता दें कि हिजाब ( Hijab ) का मुद्दा 2021 से ही चर्चा में है। कर्नाटक से शुरू हुआ ये विवाद अब देशभर में फैल गया है। इस मसले पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब के खिलाफ फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ का फैसला खंडित आया है। उसके बाद से कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला ही प्रभावी है। अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच इस मसले पर सुनवाई करेगी।

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