Akhilesh Yadav : 'योगी वो होता है, जो दूसरों का दुख अपना समझे' अखिलेश यादव ने योगी पर साधा निशाना
अखिलेश यादव-योगी आदित्यनाथ
Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ललितपुर की रैली में भाजपा सरकार और योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि ये मुख्यमंत्री 'योगी' नहीं हैं। योगी वो होता है, जो दूसरों का दुख अपना समझे। बता दें कि अखिलेश यादव ने बेरोजगारी, महंगाई, टीईटी पेपर लीक, किसान, खाद, बिजली की समस्या को लेकर भाजपा और खासकर आदित्यनाथ योगी पर जमकर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव हुए योगी पर हमलावर
अखिलेश यादव ने ललितपुर की विजय संकल्प रैली में योगी आदित्यनाथ पर हमवार होते हुए कहा कि 'हमने तो सुना था कि दूसरों के दुख को अपना समझने वाला ही योगी होता है। अब आप ही बताइए कि ये योगी हैं या नहीं हैं। ललितपुर और बुंदेलखंड में भी इन्होंने कई वादे किए थे। जो चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में बैठाने की बात करते थे, उन्होंने पेट्रोल और डीजल इतना महंगा कर दिया कि आदमी गाड़ी से भी नहीं निकल सकता है। ये जानबूझकर महंगाई बढ़ाते जा रहे हैं।'
अखिलेश यादव ने क्या कहा
साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि 'यहां का मौसम देखकर लखनऊ में जो बैठे हैं, उनका मौसम खराब होगा। अब उनकी कोई चाल चलने वाली नहीं है। लोगों ने बहुत जुमले सुन लिए हैं, अब जुमले भी नहीं चलने वाले हैं। नोटबंदी के वक्त भी लाइन में लगना पड़ा। कोरोना के वक्त दवा और ऑक्सिजन के लिए लाइन में लगना पड़ा। अस्पताल के लिए हम लाइन में लगे। अब खाद के लिए हम लाइन में लग रहे हैं। ये बीजेपी की लाइन में लगवाने वाली सरकार है। खाद के लिए लाइन में लगे किसानों की भी जान चली गई।'
सपा सरकार के कार्य
अखिलेश यादव ने अपने सरकार के समय के कार्य याद दिलाये हुए कहा कि 'सूखे के समय यहां किसानों का नुकसान हुआ। ऐसी तस्वीर मिली कि लोगों को खाने को कुछ नहीं था। जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, एक अंग्रेजी चैनल ने दिखाया कि बुंदेलखंड में लोग घास की रोटी खाकर रह रहे हैं। उस समय हमने फैसला लिया कि सरकार से चाहे जितना पैसा देना हो, हम बुंदेलखंड के लोगों को खाने की चीज देंगे। समाजवादी सरकार में समाजवादी पैकेट बांटा करते थे। लोगों को इस पैकेट में राशन, दूध और घी मिलता था।'
लॉकडाउन के हालातों का जिक्र
अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने लॉकडाउन के वक्त का जिक्र कर कहा कि 'वो तस्वीर कौन भूलेगा। जब हमारे मजदूर भाइयों को दूसरे प्रदेश से लौटकर आना पड़ा। जब हमारे देश का बंटवारा हुआ तब भी ऐसा नहीं हुआ। लेकिन बीजेपी के लोगों ने बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को रोका। मजदूर ना जाने कितने दिन सीमा पर खड़े रहे। बिना खाए, बिना सुविधा मजदूर हफ्तों तक सीमा पर खड़े रहे। हमारी सरकार रही होती तो एक मजदूर पैदल ना चलता, चाहे डीएम की गाड़ी लगती मजदूरों को उससे घर भेजते।'