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राजनीति

Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा पर राज्यसभा में BJP सांसद के छलके आंसू, बोलीं- 'बंगाल में जन्म लेकर कोई अपराध नहीं किया'

Janjwar Desk
25 March 2022 12:48 PM GMT
Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा पर राज्यसभा में BJP सांसद के झलके आंसू, बोलीं- बंगाल में जन्म लेकर कोई अपराध नहीं किया
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Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा पर राज्यसभा में BJP सांसद के झलके आंसू, बोलीं- 'बंगाल में जन्म लेकर कोई अपराध नहीं किया'

Birbhum Violence : रूपा गांगुली ने पश्चिम बंगाल में तृणमुल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग पश्चिम बंगाल में बोल नहीं पा रहे वे लोग क्या अंदर ही अंदर रो नहीं रहे होंगें? पश्चिम बंगाल की सरकार हत्यारों की रक्षा करती है....

Birbhum Violence : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम (Birbhum) में हुई हिंसक वारदात पर राज्यसभा (Rajyasabha) में बोले हुए भाजपा की सांसद रूपा गांगुली (Rupa Ganguly) शुक्रवार (25 मार्च) को रो पड़ीं। बीरभूम की घटना पर बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने भावुक होते हुए कहा कि, "पश्चिम बंगाल में लोग जीने लायक नहीं रह गए हैं, वहां एक-एक कर के लोग भाग रहे हैं, हमें बंगाल में राष्ट्रपति शासन चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि हमने बंगाल में जन्म लेकर कोई अपराध नहीं किया है।

उन्होंने पश्चिम बंगाल में तृणमुल कांग्रेस (TMC) की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग पश्चिम बंगाल में बोल नहीं पा रहे वे लोग क्या अंदर ही अंदर रो नहीं रहे होंगें? पश्चिम बंगाल की सरकार हत्यारों की रक्षा करती है। वहां हर दिन दिनदहाड़े गोलियों की आवाज़ सुनाई देती है। ऐसा कोई राज्य नहीं जहां जीते हुए लोगों को सरकार पकड़-पकड़ कर मारती हो।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा के मामले की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के आदेश के बाद अब सीबीआई (CBI) को सौंप दी है। इस बीच सीबीआई की फॉरेंसिंक टीम जांच के लिए बीरभूम के रामपुरहाट के बागतुई गांव पहुंच चुकी है।

उधर, पंश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिलीप घोष (BJP Leader Dilip Ghosh) ने कोर्ट के मामले को सीबीआई को सौंपने के बाद कहा कि ममता बनर्जी हर घटना में SIT गठित कर घटना को दबाने की कोशिश करतीं हैं। कोर्ट को भी उन पर विश्वास नहीं था इसलिए इस मामले को कोर्ट ने अपने हाथ में लिया। अब इस पूरे मामले की जांच किसी एक न्यायमूर्ति की देखरेख में चेलेगी।

वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी बीरभूम में हिंसा की वारदात के बारे में मीडिया में छपी रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के माध्यम से पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस भेज रिपोर्ट मांगी हैं। इसके लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। इस मामले में सभी पक्षों को सुनकर आयोग अपनी सिफारिशें करेगा। यह जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोजन के मीडिया और संचार के उपनिदेशक जैमिनी कुमार श्रीवास्तव ने दी है।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुर हाट इलाके के बागतुई गांव में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या के बाद 21 मार्च को पूरे जिले में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में कुल 8 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। इस दौरान घरों को बाहर से बंद कर आग लगा दिया गया था।

इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त रुख अख्तियार किया था। ममता ने इस मामले मे पुलिस को अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सहयोगियों सहित बीरभूम हत्याकांड के सभी संदिग्धों को पकड़ने के निर्देश जारी किए थे. बंगाल सीएम के निर्देश के कुछ घंटे बाद, पुलिस ने गुरुवार 24 मार्च को को तीर्थनगरी तारापीठ स्थित एक होटल के पास से तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता अनारुल हुसैन को गिरफ्तार भी कर लिया था।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बोगतुई गांव का दौरा भी किया था जहां आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार दिया गया था। बनर्जी ने पीड़ितों के परिवार के सदस्यों के साथ बात की और उन्हें मुआवजे के रूप में स्थायी सरकारी नौकरी और धनराशि की भी पेशकश भी की थी। बनर्जी टीएमसी नेता भादु शेख के घर भी गईं थीं। जिनकी हत्या के बारे में संदेह है उसी के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क गयी थी।

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