आंदोलनकारी किसानों को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने बताया 'नकली किसान', कहा कर रहे हैं भारतीय संसद का अपमान
जनज्वार, पटना। कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद भी जारी किसान आंदोलन को लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जो लोग संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुंचाने पर तुले हैं, वे असली किसान नहीं हो सकते।
वे ट्रैक्टर रैली निकाल कर राजधानी में गणतंत्र दिवस की परेड में भी विघ्न डालना चाहते हैं, जबकि यह परेड कभी भाजपा या किसी सत्तारूढ़ दल का कार्यक्रम नहीं रही।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 14, 2021
जो लोग संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुँचाने पर तुले हैं, वे असली किसान नहीं हो सकते।
भाजपा नेता ने गुरुवार 14 जनवरी को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'तीनों नए कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगा कर सर्वोच्च न्यायालय ने आंदोलनकारी किसानों का भरोसा जीतने की अब तक की सबसे बड़ी कोशिश की, लेकिन अराजकता-प्रेमी विपक्ष और किसान नेताओं ने अदालत की पहल से बनी विशेषज्ञ समिति को मानने से इनकार कर गतिरोध के तिल को पहाड़ बना दिया।'
वे ट्रैक्टर रैली निकाल कर राजधानी में गणतंत्र दिवस की परेड में भी विघ्न डालना चाहते हैं, जबकि यह परेड कभी भाजपा या किसी सत्तारूढ़ दल का कार्यक्रम नहीं रही।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 14, 2021
जो लोग संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुँचाने पर तुले हैं, वे असली किसान नहीं हो सकते।
उन्होंने आगे लिखा, 'वे ट्रैक्टर रैली निकाल कर राजधानी में गणतंत्र दिवस की परेड में भी विघ्न डालना चाहते हैं, जबकि यह परेड कभी भाजपा या किसी सत्तारूढ़ दल का कार्यक्रम नहीं रही।'
तीनों नये कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगा कर सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलनकारी किसानों का भरोसा जीतने की अब तक की सबसे बड़ी कोशिश की, लेकिन अराजकता-प्रेमी विपक्ष और किसान नेताओं ने कोर्ट की पहल से बनी विशेषज्ञ समिति को मानने से इनकार कर गतिरोध के तिल को पहाड़ बना दिया।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 14, 2021
उन्होंने कहा कि, 'जो लोग संसद, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को ठेस पहुंचाने पर तुले हैं, वे असली किसान नहीं हो सकते।'
और जो बिना अख़बार कटिंग के ट्वीट कर रहे हैं वो सुशील चिचा नही हो सकते
— ZUBAIR HAYAAT (@HayaatZubair) January 14, 2021
हालांकि लोगों ने उनकी किसानों विरोधी इन ट्वीटों का विरोध भी करना शुरू कर दिया है। जुबेर हयात ने उन्हें जवाब दिया है, 'और जो बिना अख़बार कटिंग के ट्वीट कर रहे हैं वो सुशील चिचा नही हो सकते...'
लोहड़ी उत्सव का भी राजनीतिक दुरुपयोग किया।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 14, 2021
लोहड़ी पर पंजाबी मूल के लोग अग्नि को नवान्न और तिल अर्पित कर अच्छी फसल के लिए आभार प्रकट करते हैं, खुशी मनाते हैं, जबकि आंदोलनकारी किसानों ने नये कृषि कानून की प्रतियां जलाकर भारतीय संसद का अपमान किया।
अपने एक अन्य ट्वीट में सुशील मोदी ने लिखा है, 'लोहड़ी उत्सव का भी राजनीतिक दुरुपयोग किया। लोहड़ी पर पंजाबी मूल के लोग अग्नि को नवान्न और तिल अर्पित कर अच्छी फसल के लिए आभार प्रकट करते हैं, खुशी मनाते हैं, जबकि आंदोलनकारी किसानों ने नये कृषि कानून की प्रतियां जलाकर भारतीय संसद का अपमान किया।