भाजपा की ओर से फेसबुक पर बैटिंग करने की आरोपी अंखी दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जनज्वार। फेसबुक पर पक्षपात कर किसी विशेष पोस्ट को प्रतिबंधित करने और किसी को छूट देने को लेकर पिछले दो दिनों से मामला गरमाया हुआ है। इस बीच फेसबुक की पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास और न्यूज़ चैनल स्वराज के पत्रकार आवेश तिवारी ने एक-दूसरे के विरुद्ध पुलिस शिकायत दर्ज कराई है।
अंखी दास ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में धमकी देने, जान को खतरा होने आदि की शिकायत की है। वहीं स्वराज न्यूज़ चैनल के छत्तीसगढ़ स्टेट ब्यूरो चीफ आवेश तिवारी ने उनके विरुद्ध छत्तीसगढ़ पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में एक पत्रकार के रूप में उन्हें काम करने से रोके जाने का आरोप लगाया है।
आवेश तिवारी ने फेसबुक की नीति निदेशक (भारत, दक्षिण एशिया और मध्य एशिया) आंखी दास के खिलाफ रायपुर के कबीर नगर थाने में एफआइआर दर्ज करवायी है। इसमें उन्होंने अंखी दास के अलावा दो अन्य व्यक्तियों विवेक सिन्हा और राम साहू को भी नामजद किया है।
आवेश तिवारी और अंखी दास ने एक दूसरे के खिलाफ दोनों शिकायतें 17 अगस्त को दर्ज कराई गईं हैं और ऐसे वक्त में दर्ज कराई गईं हैं, जब कुछ दिन पूर्व अमेरिकी समाचार पत्र वाल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि कुछ बीजेपी नेताओं के हेट स्पीच को प्रतिबंधित किए जाने से फेसबुक को आंखी दास द्वारा रोक दिया गया था।
आवेश तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि तीनों नामजद आरोपियों ने मिलकर उन्हें आग से जलाने की धमकी दी है इसलिए उन्हें सुरक्षा चाहिए।। एफआइआर के मुताबिक आवेश तिवारी ने 16 अगस्त को अमरीकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपे एक लेख पर एक पोस्ट लिखी थी जिसमें साफ़ तौर पर कहा गया था कि आंखी दास लोकसभा चुनाव से पूर्व फेसबुक के राजनीतिक हित के लिए तमाम तरह के हेट स्पीच से जुड़ी पोस्ट को न हटाने के लिए अपने अधीनस्थों पर दबाव डाल रही थीं। उनका कहना था कि इससे केंद्र सरकार से राजनीतिक सम्बंध खराब हो सकते हैं।'
आवेश तिवारी ने आरोप लगाया है कि 'पत्रकार आवेश तिवारी का आरोप फेसबुक यूज़र राम साहू ने मुझे जला डालने व मेरे घर को जला डालने की बात कही है, फेसबुक की निदेशक आंखी दास का नाम लेकर मुझे जाने से मारने बरबाद करने की धमकी दी जा रही है...।'
दूसरी अंखी दास की शिकायत में 5 लोगों को आरोपित किया गया है, जिनमें से स्वराज एक्सप्रेस के पत्रकार आवेश तिवारी एक हैं। दिल्ली साइबर सेल में कई गयी इस शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि तिवारी ने 16 अगस्त को एक फेसबुक पोस्ट कर उन्हें धमकी दी है।
अपनी शिकायत में अंखी दास ने लिखा है कि ऑनलाइन कंटेंट के जरिए उनके और उनके परिवार को जीवन और हिंसा का खतरा है। उन्होंने दावा किया है कि कंटेंट में एक समाचार लेख के आधार पर उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्हें आरोपियों द्वारा राजनीतिक जुड़ाव के कारण जानबूझकर अपमानित किया जा रहा था और अब उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन धमकी दी जा रही है। इसके द्वारा उनकी प्रतिष्ठा को खराब करने की कोशिश की जा रही है।'
उधर आवेश तिवारी ने इन आरोपों से इंकार किया है, जबकि अंखी दास का पक्ष अभी सामने नहीं आया है। तिवारी ने मीडिया से कहा 'मैं कभी भी अंखी दास के संपर्क में नहीं रहे और न ही कोई धमकी दी है। मुझे नहीं पता कि कि मेरा नाम शिकायत में क्यों दिया गया है। मेरे सहयोगियों से मुझे इस बारे में पता चला।'
अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करते हुए उन्होंने आगे कहा 'यह बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है। मैंने सामान्य रूप से केवल उन्हीं मुद्दों को पोस्ट किया था, जिन्हें मूल रूप से वाल स्ट्रीट जर्नल ने प्रकाशित किया था।'
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फरवरी 2019 के बाद उनके ऐसे कई पोस्टों, जिनमें केंद्र सरकार से सवाल किए गए थे, को फेसबुक द्वारा बिना कोई वाजिब कारण बताए हटा दिया गया। उन्होंने कहा 'पत्रकारिता में सवाल पूछना मेर ड्यूटी है। पुलवामा हमलों, CAA-NRC और आदिवासियों के मुद्दों को लेकर किए गए मेरे कई पोस्ट को फेसबुक द्वारा ब्लॉक कर दिए गए।'