Faridabad News : कांग्रेस विधायक ने सिले हुए कपड़े और पांव में जूते-चप्पल न पहनने की खाई कसम, यह है पूरा मामला
(फरीदाबाद एनआईटी से कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा)
Faridabad News : हरियाणा के फरीदाबाद एनआईटी (Faridabad NIT) से विधायक नीरज शर्मा (MLA Neeraj Sharma) सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन्होंने प्रचंड प्रतिज्ञा की है कि वह सिले हुए कपड़े और पैरों में चप्पल-जूते नहीं पहनेंगे। विधायक की यह प्रतिज्ञा इसके पीछे के कारण को लेकर ली गई है। दरअसल, नंगे पांव विधानसभा पहुंचे विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद नगर निगम (Faridabad Municipal Corporation) में हुए घोटालों के विरोध में यह कदम उठाया है।
विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि नगर निगम में हुए घोटालों (Scams) की जब तक जांच नहीं होगी और दोषियों को सजा नहीं मिल जाती तब तक वह न तो सिले हुए कपड़े पहनेंगे और ना ही पांव में जूते ही पहनेंगे।
इसके साथ ही विधायक ने दावा किया कि जिन अफसरों के भ्रष्टाचार (Corruption) में नाम लिए हैं यदि वह निर्दोष पाए गए तो मैं अपना विधायक पद छोड़ दूंगा। दरअसल सदन में कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद नगर निगम में घोटाले का मामला उठाया। विधायक ने कहा कि 26-4-2019 को विजिलेंस ने नगर निगम को चिट्ठी लिखी कि 100 करोड़ का घोटाला हुआ है। विजिलेंस को जांच के लिए कागज नहीं दिए गए।
वहीं सीएम ने इसको लेकर कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उनकी सरकार जड़ों तक जाएगी। अभी तक जो मामले पकड़े गए हैं, वे उनकी सरकार में ही पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी का लाइसेंस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) की सरकार ने दिया था। इस पर हुड्डा बोले कि यदि मेरी कोई कमी है तो गिरफ्तार करवा दो। इसके बाद सीएम ने घोषणा की कि गुरुग्राम की चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में 10 फरवरी को हुए हादसे की जांच सीबीआई (CBI) करेगी।
सदन में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम में बिना काम किए 180 करोड़ के भुगतान घोटाले की जांच हुई पूरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पांच फरवरी 2021 को इस घोटाले की जांच स्टेट विजिलेंस को सौंपी थी।
विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन सरकार की तरफ से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विजिलेंस ब्यूरो ने फरीदाबाद नगर निगम के दो मुख्य अभियंताओं, संयुक्त आयुक्त (Audit), लेखाधिकारी, ठेकेदार सहित दस के खिलाफ भ्रष्टाचार, गबन, कागजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआइआर दर्ज कराने की संस्तुति की।
इस मामले में कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने जनज्वार से हुई बातचीत में बताया कि, हमारे यहां पिछले 7 सालों से भृष्टाचार की इंतहा हो रही है। 200 करोड़ रुपये के काम हो गए पैसा पास हो गया लेकिन एक रुपये का कहीं काम नहीं हुआ। इसकी इन्क्वायरी हो गई रिपोर्ट आ गई, उसके बाद कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके अलावा हमारे यहां एक प्राइवेट प्लॉट था, उस प्राइवेट प्लॉट में प्राइवेट किरायेदार थे, वहां से किरायेदारों को हटाकर सरकारी जमीन में रखवाया गया। हमारा सरकार से सवाल था कि ऐसी कौन सी पॉलिसी है उसके कागज उपलब्ध कराए जाएं।
MLA ने आगे बताया की एक मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे की जमीन थी। एक इंडस्ट्रियल प्लॉट को फायदा पहुंचाने के लिए उस जमीन पर ग्रीन बेल्ट बना दी, जोकि सरासर गलत है। सरकारी पैसे का दुरुपयोग है। इसके अलावा एक 100 करोड़ का टेंडर हुआ। काम शुरू होने के बाद उसका स्कोप ऑफ वर्क चेंज कर दिया गया। ये स्कोप ऑफ वर्क चेंज कर दिया गया सिर्फ और सिर्फ इंजीनयर की कमेटी और नगर निगम कमिश्नर की संतुस्ती पर। जबकि नगर निगम कमिश्नर का ये पावर नहीं होता, पावर होता है सरकार का।
मैने मंत्रीजी से सिर्फ एक ही सवाल किया कि जनता का हजारों करोड़ रुपया जो बर्बाद हो रहा है, उसकी जवाबदेही किसकी है। विजिलेंस की रिपोर्ट आ चुकी है आप बता दो की उसके बाद अगर एक चुहिया को भी जेल भेजा गया हो। या फिर मुझे टाइम बांड कर दीजिए। मंत्रीजी ने कहा मैं टाइम बांड नहीं कर सकता, जिसके बाद इंसाफ मिलने तक मैंने तन पर सिले हुए कपड़े और पैरों में जूते चप्पल न पहनने की प्रतिज्ञा की है।