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राजनीति

यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने थामा भाजपा का दामन

Janjwar Desk
9 Jun 2021 8:39 AM GMT
यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने थामा भाजपा का दामन
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(जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। वह यूपीए सरकार में उनके पास मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री भी रहे।)

जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा यूपीए सरकार में उनके पास मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री की जिम्मेदारी थी....

जनज्वार डेस्क। कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कई लोगों का मानना है कि जितिन प्रसाद ब्राह्मण नेता हैं और उनको पाले में लाकर भाजपा ब्राह्मणों में संदेश देना चाहती है कि पार्टी उनके साथ है।

इससे पहले उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। अनिल बलूनी समेत कई भाजपा नेताओं ने बुधवार को उनके शामिल होने की सूचना को ट्वीट कियाथा। भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने ट्वीट किया था कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में आज कोई बड़ी हस्ती पार्टी में शामिल होगी।

कांग्रेस के कई दिग्गज पार्टी आलाकमान से नाराज हैं। इसलिए गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, सचिन पायलट और जितिन प्रसाद के नाम पर कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि, इन नेताओं में सबसे अधिक चर्चा में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की ही हो रही थी।

जितिन प्रसाद धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। वह यूपीए सरकार में उनके पास मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री भी रहे। जितिन प्रसाद का नाम उन युवा नेताओं में शुमार रहा है, जो राहुल गांधी के करीबी हैं। इससे पहले राहुल के ही सबसे करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा भेजा था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था। उत्तर प्रदेश में इसको लेकर कुछ नेताओं ने उनका विरोध भी किया था।

जितिन प्रसाद लंबे समय से ब्राह्मण समाज के हक में आवाज उठाते रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था। यही वजह थी कि जब जितिन ने ब्रह्म चेतना सवांद कार्यक्रम की घोषणा की तो पार्टी ने इससे किनारा कर लिया। कई नेताओं ने यह तक कहा कि वह उनका अपना निजी मसला है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

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