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राजनीति

'पूर्व सीजेआइ रंजन गोगोई असम में भाजपा के सीएम उम्मीदवार हो सकते हैं', कांग्रेस नेता का दावा

Janjwar Desk
23 Aug 2020 2:36 AM GMT
पूर्व सीजेआइ रंजन गोगोई असम में भाजपा के सीएम उम्मीदवार हो सकते हैं, कांग्रेस नेता का दावा
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(Illustration by Nirmal Kant/Janjwar)

कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा है कि उन्हें उनके सूत्रों से पता चला है कि रंजन गोगोई का नाम भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों में है....

जनज्वार। असम के पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने यह दावा किया है कि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। तरुण गोगोई ने कहा है उन्हें उनके सूत्रों से इस संबंध में जानकारी मिली है कि रंजन गोगोई का नाम भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की सूची में है।

तरुण गोगोई ने खुद के कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की संभावना को खाजिर किया और शनिवार को कहा कि उन्हें लगता है कि रंजन गोगोई को अगला मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब रंजन गोगई पूर्व मुख्य न्यायाधीश होते हुए राज्यसभा जा सकते हैं तो भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी बनने को सहमत हो सकते हैं।

तरुण गोगोई ने कहा कि यह सब राजनीति है और अयोध्या में राम मंदिर मामले को लेकर आए फैसले से भाजपा रंजन गोगोई से काफी खुश है। ऐसे में राज्यसभा जाना स्वीकार कर वे राजनीति में प्रवेश कर गए। उन्होंने सवाल उठाया कि उन्होंने उससे मना क्यों नहीं किया। वे बड़ी आसानी से मानवाधिकार आयोग या अन्य संगठनों के प्रमुख बन सकते थे। लेकिन, उनके अंदर राजनीति महत्वाकांक्षाएं हैं और इसलिए राज्यसभा में जाने को वे तैयार हुए।

तरुण गोगोई ने कहा कि वे असम में महागठबंधन तैयार करेंगे और खुद कांग्रेस का सीएम उम्मीदवार नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में बदरुद्दीन अजमल की एआइयूडीएफ, वाम दल और अन्य क्षेत्रीय पाटियां आएं इसके लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सरकार के लिए एक सलाहकार के तौर पर काम करेंगे।

इस समय असम में भाजपा की सरकार है और सर्वानंद सोनोवाल उसके मुख्यमंत्री हैं। असम कैबिनेट के दूसरे अहम चेहरा हेमंत बिस्वा शर्मा हैं। भाजपा अगर वैकल्पिक रूप से भी नए नामों पर विचार करती है तो वह हेमंत बिश्वा शर्मा के नाम को आसानी से खारिज नहीं कर सकती है। हालांकि राजनीति में कुछ भी अप्रत्याशित हो सकता है।

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