सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अब्दुल एस नजीर बने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल, सोशल मीडिया यूजर्स बोले नोटबंदी को सही ठहराने का मिल गया ईनाम
अयोध्या फ़ैसला सुनाने वाले 5 जजों की बेंच में से रंजन गुगोई पहुंचे राज्यसभा, अशोक भूषण NCLT अध्यक्ष, एसए बोबड़े मुख्य न्यायाधीश और अब्दुल नज़ीर आज राज्यपाल बना दिए गए
Former Supreme Court judge S Abdul Nazeer appointed new Andhra Pradesh governor : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, मगर उनके राज्यपाल बनते ही वह सवालों के घेरे में हैं। सोशल मीडिया पर कई पत्रकारों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं। इसका कारण है कि एस अब्दुल नजीर के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराते हुए बरकरार रखा था। इसके अलावा वह अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच का हिस्सा रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले जस्टिस एस अब्दुल नजीर पिछले महीने चार जनवरी को रिटायर हुए थे जिसके बाद से उनके राज्यपाल बनने के कयास लग रहे थे।
इतना ही नहीं एस अब्दुल नजीर मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के स्वतंत्र भाषण अधिकार पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने से भी इनकार किया था, जिसके कारण भी वह चर्चा में थे।
अब्दुल नजीर को राज्यपाल बनाये जाने पर पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने ट्वीट किया है, 'जस्टिस अब्दुल एस नज़ीर पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए। जाते जाते नोटबंदी को सही ठहराने का फ़ैसला किया, अयोध्या का फ़ैसला करने वाली बेंच में थे। आज राष्ट्रपति ने उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है।'
वहीं वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक विनोद कापडी ने ट्वीट किया है, 'हेलो जस्टिस अब्दुल एस नज़ीर, न्यायपालिका और लोकतंत्र के लिए थोड़ी भी इज़्ज़त बाक़ी है तो ठुकराइए राज्यपाल की कुर्सी। जजों को इस तरह खुलेआम सौदा करते देख कर बहुत बहुत तकलीफ़ होती है। कुछ तो लोकलाज रखिए।
अजीत अंजुम लिखते हैं, 'जाते-जाते जज साहब कुछ दे गए, आते-आते कुछ पा गए, सिंपल।'
पत्रकार गोविंद प्रताप सिंह ने ट्वीट किया है, 'अब्दुल एस नज़ीर साहब को राष्ट्रपति ने आज आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है। वे पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे। नजीर साहब ने रिटायर होने से पहले नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया था। वह अयोध्या मामले का फ़ैसला देने वाली बेंच में भी शामिल थे।'
जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक पप्पू यादव ने ट्वीट किया है, 'सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज अब्दुल नजीर ने रिटायर होने से पहले नोटबंदी के फ़ैसले को सही ठहराया। रिटायरमेंट के एक ही महीने बाद आंध्र प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त किये गये।'
पत्रकार आरफा खानम कहती हैं, 'जस्टिस अब्दुल नज़ीर आंध्र के राज्यपाल बनाए गए हैं। हाल ही में SC से रिटायर हुए थे। नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया। राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने वाले में थे। नज़ीर RSS के अधिवक्ता मंचों पर जाकर मनु को रोल मॉडल बताते रहे हैं। ये इंसाफ ना करने का इनाम है।'
जैकी यादव ने ट्वीट किया है, 'अयोध्या फ़ैसला 5 जजों वाली बेंच ने सुनाया था। रंजन गुगोई, एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और अब्दुल नज़ीर ये जज थे। रंजन गुगोई को राज्यसभा में नामित किया गया। अशोक भूषण को NCLT का अध्यक्ष बनाया गया। एसए बोबड़े मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। अब्दुल नज़ीर आज राज्यपाल बना दिए गए।'
पत्रकार संजय शर्मा कहते हैं, 'जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर अभी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए है! रिटायर होने से पहले उन्होंने नोटबंदी के फ़ैसले को सही ठहराया था! आज उनको आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया गया! इससे पहले भी एक जज साहब थे जो अपने राम मंदिर के फ़ैसले के बाद सीधे राज्यसभा भेज दिये गये थे! वाह लोकतंत्र!'