Hate Speech : विहिप के खिलाफ FIR, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा पर दिल्ली पुलिस की दरियादिली क्यों?
Hate speech : मुसलमानों के बहिष्कार के मसले पर अपने ही घर में फंसे प्रवेश वर्मा, भाजपा नेतृत्व ने मांगा जवाब
Hate Speech : देश की राजधानी दिल्ली ( Delhi ) में दो दिनों पहले विश्व हिंदू परिषद ( VHP ) द्वारा दिलशाद गार्डन इलाके में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में कुछ हिंदूवादी नेताओं ने हेट स्पीच ( Hate Speech ) दिया था। इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने कार्यक्रम के आयोजक विश्व हिंदू परिषद ( VHP ) के खिलाफ तो केस दर्ज किया है, लेकिन भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ( BJP MP Pravesh Verma ) को इस केस से बाहर रखा है।
अब सवाल यह उठाया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने प्रवेश वर्मा ( Pravesh Verma ) का नाम एफआईआर में शामिल क्यों नहीं किया। क्या प्रवेश वर्मा को भाजपा सांसद होने का लाभ दिया गया है।
भाजपा सांसदों ने मुसलमानों के बहिष्कार की अपील की थी
दरअसल, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ( Pravesh Verma ) ने रविवार को विहिप ( VHP ) के एक कार्यक्रम में विशेष समुदाय यानि मुसलमानों के खिलाफ भड़काने वाला बयान दिया था। उनके बयान के के बाद से दिल्ली की पहले से गर्म सियासी और भी ज्यादा गर्म हो गई है। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने सार्वजनिक मंच से भाषण देते हुए जनता से मुसलमानों के बहिष्कार की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इनका बहिष्काकर कर दो। ये लोग यानि मुस्लिम समुदाय के लोग अपने आप रास्ते पर आ जाएंगे।
विहिप ने बिना इजाजत आयोजित की कार्यक्रम
दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने में भड़काऊ भाषण के मामले में विहिप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने दिलशाद गार्डन इलाके में बिना इजाजत कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के खिलाफ केस दर्ज किया है। दिलशाद गार्डन जैसे संवेदनशील इलाके में बिना इजाजत कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इस कार्यक्रम में कुछ वक्ताओं ने कथित तौर पर नफरत भरे भाषण दिए थे। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
हमने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया : प्रवेश वर्मा
विहिप ने कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अनुमति नहीं लेने के दिल्ली पुलिस के आरोपों को हास्यास्पद करार दिया है। विहिप का कहना है कि जब इजाजत नहीं ली तो मौक पर दिल्ली पुलिस के जवान वहां पर कैसे तैनात थे। उत्तर—पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन इलाके में 19 वर्षीय हिंदू युवक की हत्या के विरोध में कहा था कि एक खास समुदाय का पूरी तरह बहिष्कार करना चाहिए। खुद के खिलाफ जारी आरोपों के मामले में प्रवेश वर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने संबोधन में किसी खास समुदाय का नाम नहीं लिया था।
प्रवेश वर्मा ने ये सफाई इसलिए दी है कि शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) आर सत्यसुंदरम ने कहा कि पुलिस से अनुमति न लेने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) के तहत आयोजकों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन उसमें भाजपा सांसद का नाम नहीं है। अब इस मसले पर विरोधी पक्ष के लोग दिल्ली पुलिस पर उन्हें रियायत देने का आरोप लगा रहा है।
पुलिस का आरोप हास्यास्पद : विहिप
वहीं विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि पुलिस कह रही है कि कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, क्योंकि कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों सहित हजारों लोग मौजूद थे। बंसल ने दावा किया कि अनुमति की तो छोड़िए, हमने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सुझाव और सिफारिश के बाद दिलशाद गार्डन में रामलीला मैदान को आयोजन स्थल के लिए तय किया था। हमारी पहले मनीष के घर के पास बैठक करने की योजना थी लेकिन पुलिस के अनुरोध पर स्थान बदलकर इसे रामलीला मैदान कर दिया गया।