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राजनीति

पति दयाशंकर सिंह की गाली को जस्टिफाई कर हाउस वाइफ से BJP की मंत्री बनीं स्वाति सिंह का बड़ा फिल्मी है राजनीतिक सफर

Janjwar Desk
5 Feb 2022 10:58 AM GMT
स्वाति सिंह
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(Yogi's Ex Minister Swati Singh)

साल 2017 में दयाशंकर की वजह से ही वह पहले विधायक बनीं उसके बाद योगी सरकार में मंत्री बनीं। इस बीच एक हाउस वाइफ से नेता बनीं स्वाति सिंह की पूरी कहानी बड़ी दिलचस्प रही है

Swati Singh: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा (Sarojini Nagar Assembly) सीट से चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय करने वाली स्वाती सिंह (Swati Singh) को उनके पति दयाशंकर सिंह (Dayashankar Singh) वजह से ही टिकट नहीं मिली। मजे की बात यह है कि साल 2017 में दयाशंकर की वजह से ही वह पहले विधायक बनीं उसके बाद योगी सरकार में मंत्री बनीं। इस बीच एक हाउस वाइफ से नेता बनीं स्वाति सिंह की पूरी कहानी बड़ी दिलचस्प रही है।

कौन हैं स्वाती सिंह?

भारतीय जनता पार्टी की नेता और योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह को पिछले यूपी विधानसभा चुनाव-2017 में लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया था। स्वाति सिंह एक राजपूत/ठाकुर परिवार से हैं और उनकी पढ़ाई लिखाई लखनऊ में हुई है। शादी से पहले स्वाति सिंह ने एक सामान्य लड़कियों की ही तरह जीवन गुजार रही थीं। उन्होंने 2001 में इलाहाबाद (Allahabad) के एमएनआरईसी मौजूदा समय में एमएनएनआईटी से एमएमएस किया था और उसके बाद उन्होंने 2007 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलएम किया। स्वाति सिंह एक राजनीतिज्ञ के रूप में उस समय उभरकर सामने आई जब उनके पति दयाशंकर सिंह को भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष पद से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

मायावती से विवाद

स्वाति सिंह मायावती को गाली देने वाले यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं। बता दें कि स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह ने मायावती को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके जवाब में बीएसपी के लोगों ने दयाशंकर की पत्नी और बेटी के लिए भी वैसी ही भाषा का प्रयोग कर बदला लिया था। उसके बाद स्वाति ने भी बीएसपी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर बीजेपी ने दयाशंकर सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया था, लेकिन इसके बाद दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने गाली कांड में बीएसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

राजनीति में इस तरह हुआ था प्रवेश

स्वाति सिंह का राजनीति में अचानक ही प्रवेश हुआ है। स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह बीजेपी के नेता है। बलिया में दयाशंकर सिंह अपनी राजनीति चमकाने में जुटे रहते थे। वर्ष 2014 में केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार आ जाने के बाद बीजेपी का सारा फोकस यूपी चुनाव 2017 जीतना था इसके लिए बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने खास रणनीति पर काम शुरू कर दिया था। यूपी में उस समय अखिलेश यादव की सरकार थी। इसी बीच जुलाई 2016 में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर दी। इसके बाद तो प्रदेश की राजनीति में सियासी तूफान आ गया था। बसपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला।

इस तरह बदलता चला गया घटनाक्रम

यूपी चुनाव के साल भर पहले ही बीजेपी ऐसे भंवर में फंस चुकी थी जहां से निकला बहुत कठिन था। बीजेपी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दयाशंकर सिंह को पार्टी से छह साल के निष्कासित कर दिया। इसी बीच बसपा के तत्कालीन नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर सिंह पर हमला बोलते हुए उनकी पत्नी स्वाति सिंह व बच्ची पर विवादित बयान दे दिया। इसके बाद दयाशंकर सिंह की अध्यापक पत्नी स्वाति सिंह ने बसपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। स्वाति सिंह ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान के नारी अस्मिता के साथ ऐसा जोड़ा कि बसपा का दांव फेल होने लगा। उसके बाद जो कुछ हुआ वह सामने है।

मायावती के खिलाफ चुनाव लड़ने के एलान से मिली सुर्खियां

बीजेपी पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी थी बीजेपी का समझ नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेमेज कंट्रोल किया जाये। लगातार घिर रही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को इस लड़ाई में कूदना पड़ा था उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती का गुस्सा शांत करने के लिए गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी द्वारा की गयी मदद तक याद दिलानी पड़ी थी लेकिन इसका भी कुछ फायदा नहीं हुआ। गौरतलब है कि स्वाति सिंह उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी और कहा था कि मायावती यूपी में किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, वो खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।

दयाशंकर और स्वाति में रही अनबन

स्वाति और दयाशंकर सिंह के आपसी संबंध भी काफी खराब रहे हैं। साल 2008 में स्वाति ने पति के खिलाफ मारपीट की शिकायत की थी। उस वक्त नौबत तलाक तक पहुंच गई थी, लेकिन फिलहाल दोनों ओर से पिछले कुछ समय से सुलह की कोशिशें हुईं और मामला शांत हो सका था। कहा जाता है कि स्वाति सिंह अपने मायके में रहती हैं जबकि दयाशंकर सिंह अपनी मां के साथ। इस मामले में दोनों परिवार फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन स्वाति को इस मामले में काफी सफाई देनी पड़ी थी।

स्वाति के खिलाफ भाभी ने दर्ज कराई थी FIR

दरअसल, स्वाति सिंह पर भाभी के साथ मारपीट करने, बिना तलाक लिए भाई की दूसरी शादी कराने और भाभी को घर से निकालने का आरोप लगा था। लखनऊ के आशियाना थाने में स्वाति के खिलाफ अपनी ही भाभी के के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज हुआ था। स्वाति के खिलाफ मुकदमा उनके अपने सगे भाई की पत्नी आशा सिंह ने दर्ज कराया था। ये मामला करीब 11 साल पुराना है। 2008 में आशा सिंह ने लखनऊ के आशियाना थाने में अपनी ननद स्वाति के खिलाफ पति की दूसरी शादी कराने का मामला दर्ज कराया था।

विवादों से चोली दामन का रिश्ता

स्वाति सिंह और विवाद साथ ही साथ चलते रहे हैं। लखनऊ में बीयर बार का उद्घाटन करने के चलते विवादों में आईं स्वाति एक सीओ को धमकाने को लेकर भी चर्चा में रहीं थीं। एक कंपनी को फर्जीवाड़ा कर टेंडर दिलवाया था। बताया यह भी जाता है कि खुद वह जिस विभाग में मंत्री थी वहां भी अपने स्टाफ से उनकी खटपट रहती थी। इसे लेकर खुद मुख्यमंत्री ने उन्हें तीन बार तलब किया था। बता दें कि 2019 में स्वाति सिंह (Minister Swati Singh) का एक कथित ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह धोखाधड़ी और ठगी (Fraud) के मामले में लखनऊ में अंसल ग्रुप (Ansal Group) के खिलाफ एफआईआर (FIR) को खत्म करने की बात कहती सुनाई दे रही थीं।

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