J-K : पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने 2022 के पहले दिन मोदी के लोकतंत्र का उड़ाया मजाक, पूछा - प्रशासन खौफ में क्यों है?
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर बोला जोरदार हमला।
Jammu-Kashmir News : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ( Omar Abdullah ) ने एक तस्वीर ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्विट में आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उनके आवास के बाहर दोनों गेट पर ट्रक खड़े करवा दिए हैं। ताकि वो घर से बाहर न निकल सकें। साथ ही गुपकर अलायंस द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकूं। लेकिन मैं, प्रशासन से पूछता हूं, कि उसे डर किस बात को लेकर है?
लोकतांत्रिक गतिविधि से भी भयभीत है सरकार
Good morning & welcome to 2022. A new year with the same J&K police illegally locking people in their homes & an administration so terrified of normal democratic activity. Trucks parked outside our gates to scuttle the peaceful @JKPAGD sit-in protest. Some things never change. pic.twitter.com/OeSNwAOVkp
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 1, 2022
पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट में लिखा है - सुप्रभात.. 2022 में आपका स्वागत है। नए साल में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस ( Jammu-Kashmir Police ) अवैध रूप से लोगों को उनके घरों में नजरबंद कर रही है। प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से भी भयभीत है। @JKPAGD के शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन को भंग करने के उद्देश्य से पुलिस ने हमारे घर के दोनों गेट के बाहर ट्रक खड़े कर दिए हैं। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।
लोकतंत्र होने का दावा करने वालों पर ऐसे कसा तंज
Talk about a lawless police state, the police have even locked the internal gate connecting my father's home to my sister's. Yet our leaders have the cheek to tell the world that India is the largest democracy, hah!! pic.twitter.com/flNICRGk58
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 1, 2022
कुछ देर पहले के ट्विट में उन्होंने लिखा है - एक अराजक पुलिस राज्य की बात करें तो पुलिस ने मेरे पिता के घर को मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है। फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र ( Indian Democracy ) है, हा !!
पूछा - कश्मीर की अनदेखी क्यों?
बता दें कि उमर अब्दुल्ला परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिशों को लेकर सरकार पर हमलावर हैं। परिसीमन आयोग की सिफारिशों की नियमित रूप से आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि परिसीमन आयोग कश्मीर के लोगों को शक्तिहीन करने के भारतीय जनता पार्टी के एजेंडा को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ( नेकां ) लोकतांत्रिक तरीकों से इस कदम के खिलाफ लड़ाई लड़ती रहेगी। जम्मू संभाग में 6 विधानसभा सीट बढ़ाने और कश्मीर में महज एक सीट बढ़ाने के आयोग के प्रस्ताव ने आबादी की अनदेखी की गई है।