Kolhapur By Election में भी नहीं खिला कमल, कांग्रेस प्रत्याशी जयश्री के सिर पर ताज, महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष से बोले ट्विटर यूजर- अब पूरा करो हिमालय जाने वाला वादा
Kolhapur By Election में भी नहीं खिला कमल, कांग्रेस प्रत्याशी जयश्री के सिर पर ताज
Kolhapur By Election : महाराष्ट्र के कोल्हापुर विधानसभा उपचुनाव (Kolhapur By Election 2022) में कमल नहीं खिला है। यहां जीत का सेहरा कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी जयश्री जाधव के सिर पर बंध गया है। कोल्हापुर में दोबारा कांग्रेस (Congress) लौट आयी है। महाविकास अघाड़ी के तीन दलों का समर्थन जयश्री जाधव (Jayshri Jadhav) को मिला था। वैसे तो इस चुनाव 15 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे थे लेकिन पहले से ही असली लड़ाई कांग्रेस की जयश्री जाधव और भाजपा के सत्यजीत कदम (BJP Candidate Satyajeet Kadam) के बीच मानी जा रही थी। मतगणना के शुरूआत से लेकर अंत तक जयश्री जाधव अच्छी खासी बढ़त बनाई हुई थी।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस उम्मीदवार जयश्री ने 96226 मतों के साथ जीत दर्ज की है वहीं भजापा (BJP) प्रत्याशी सत्यजीत को 77426 वोट मिले। चुनाव परिणाम सामने आने पर महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जनता ने जो फैसला दिया है उसे हम स्वीकार करते हैं। पाटिल ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ अकेली बीजेपी थी और दूसरी तरफ तीन दलों वाली महाविकास अघाड़ी उम्मीदवार जयश्री जाधव।
कांग्रेस के विधायक चंद्रकांत जाधव की मौत के बाद यह उपचुनाव हुआ है। इस सीट पर कांग्रेस और शिवसेना का वर्चस्व रहा है। भाजपा को मिली इस करारी हार को लेकर चंद्रकांत पाटिल के ऊपर सोशल मीडिया पर खूब टिप्पणियां की जा रही हैं। दरअसल पाटिल ने चुनाव से पहले ऐलान किया था कि कोल्हापुर में कहीं भी चुनाव करवाओ। अगर मेरा प्रत्याशी नहीं जीता तो मैं राजनीति छोड़कर हिमालय जाऊंगा। इस सीट पर बीते 12 अप्रैल को मतदान हुआ था।
आपण पाहिलं हिमालयाचा दिलेला शब्द पूर्ण करा.
— Suryakant Patil (@Suryakant2579) April 16, 2022
जयश्री पाटिल के जीत के पीछे की पहली वजह उनके पति चंद्रकांत जाधव के निधन के बाद उन्हें सहानुभूति वोट मिलना माना जा रहा है। दूसरी वजह है कि किसी प्रत्याशी के निधान के बाद महाराष्ट्र में उस पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ अन्य दल अपना उम्मीदवार नहीं उतारते हैं। इसके चलते जयश्री को कांग्रेस के मतदाताओं के अलावा शिवसेना और एनसीपी के भी वोट मिले हैं। इस लड़ाई में भाजपा अकेले थी।
कांग्रेस उम्मीदवार के जीतने के पीछे की तीसरी वजह उपचुनाव होने की वजह से स्टार प्रचारकों का जमावड़ा नहीं रहा। कांग्रेस भले ही यह उपचुनाव जीती है लेकिन अभी उन्हें अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। हालांकि इन परिणामों से यह बात साफ हो गई है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन भाजपा पर भारी है।