Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

अतीक अहमद की तरह पूर्व सांसद आजम खान का भी हो सकता है एनकाउंटर, जता चुके हैं ये बड़ी आशंका

Janjwar Desk
23 Oct 2023 4:48 PM IST
अतीक अहमद की तरह पूर्व सांसद आजम खान का भी हो सकता है एनकाउंटर, जता चुके हैं ये बड़ी आशंका
x
पिछले दिनों जिस तरह से पूर्व सांसद अतीक अहमद और पूर्व विधायक अशरफ जिन्होंने हत्या की आशंका जाहिर की थी और सरेआम पुलिस की भारी मौजूदगी में मीडिया कैमरों के सामने उनकी हत्या हुई, उससे यह सवाल गंभीर हो जाता है....

लखनऊ। पूर्व सांसद आजम खान का एनकाउंटर भी हो सकता है, वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि 10 बार विधायक, मंत्री और सांसद रहे आजम खान को जब यह बोलना पड़ रहा है तो इससे समझा जा सकता है कि यूपी में हालत कितने भयावह हैं।

हिरासत के दौरान एनकाउंटर के खतरे की आशंका मानवाधिकार का गंभीर मसला है। एक नेता की सिर्फ बयानबाजी में इसे न देखा जाए। पिछले दिनों जिस तरह से पूर्व सांसद अतीक अहमद और पूर्व विधायक अशरफ जिन्होंने हत्या की आशंका जाहिर की थी और सरेआम पुलिस की भारी मौजूदगी में मीडिया कैमरों के सामने उनकी हत्या हुई, उससे यह सवाल गंभीर हो जाता है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मांग है कि इस सवाल पर संज्ञान लें।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि मुकदमे के नाम पर आजम खान को उत्पीड़ित किया जा रहा है। मुकदमे का सवाल है तो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के 51 फीसदी विधायक दागदार हैं और यह आंकड़ा 2017 के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा है। योगी आदित्यनाथ कहते हैं अपराध खत्म हो गया है, तब फिर दागदार विधायकों की संख्या कैसे बढ़ गई। 43 फीसदी सांसद दागदार हैं, जिनमें 159 बीजेपी सांसद शामिल हैं और जिन पर हत्या, बलात्कार, अपहरण के आरोप हैं।

राजीव यादव ने कहा कि मुकदमे के बहाने बीजेपी अपने वैचारिक विरोधियों से निपट रही है। पिछले दिनों न्यूज क्लिक से जुड़े पत्रकारों का उत्पीड़न करते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए गए। सच की आवाज का गला घोटा जा रहा है। आरएसएस के एजेंडे पर दलित, ओबीसी, मुस्लिम आवाजों को दबाया जा रहा है।

आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को ही नहीं, बल्कि पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, पत्रकार सिद्धार्थ रामू, अंबेडकर जन मोर्चा के श्रवण निराला समेत कइयों को भूमिहीनों के लिए एक एकड़ की जमीन की मांग करने पर गोरखपुर में जेल में डाल दिया गया है। यह सिलसिला विश्वविद्यालय तक में बदस्तूर जारी है। पिछले दिनों इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर राकेश सिंह द्वारा जाती सूचक गालियां देते हुए छात्र संगठन आइसा के दलित छात्र विवेक कुमार को लाठी से सरेआम पीटा गया था।

Next Story

विविध