Bull Sterilization : एमपी सरकार ने सांडों की नसबंदी का आदेश लिया वापस, साध्वी प्रज्ञा ने जताई साजिश की आशंका
सांडों की नसबंदी के आदेश को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बताया साजिश (file photo)
Bull Sterilization - मध्य प्रदेश सरकार ने सांडों की नसबंदी का आदेश 24 घंटे के भीतर ही वापिस ले लिया है। बुधवार 13 अक्टूबर को शाम को पशुपालन विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हेंडल से सांडों की नसबंदी के अभियान को रोकने वाला जारी आदेश शेयर करते हुए बताया कि "'पशुपालन विभाग द्वारा सांडों का बधियाकरण कार्यक्रम चलाया जाना था, लेकिन आज बुधवार को इस अभियान को स्थगित कर दिया गया है। पशुपालन एवं डेयरी पशुपालन एवं डेयरी विभाग संचालक डॉ. आर.के. मेहिया ने अभियान को स्थगित करने का आदेश जारी किया है।"
साध्वी प्रज्ञा ने सांडों की नसबंदी को बताया आंतरिक साजिश
भोपाल की भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सांडों की नसबंदी के मामले में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि "सांडों की नसबंदी की जा रही थी और उसका आदेश मुझे देखने में आया। मैंने तुरंत उस पर कार्रवाई की और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल को अवगत कराया और आज वो आदेश निरस्त हुआ।" साथ ही उनका कहना है कि "'मुझे ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं ये सांडों की नसबंदी कराने का आदेश कोई आंतरिक षड्यंत्र है और इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है। क्योंकि देशी गोवंश को तो कभी कोई नष्ट नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए।"
साध्वी प्रज्ञा इस आदेश को लेकर कहती है कि "ऐसे कैसे हुआ। यह जांच का विषय तो है। मैं इसमें मुख्यमंत्री जी से जांच करने के लिए आग्रह करूंगी कि जांच करवाइए और ऐसा कब से, क्यों और किसलिए हो रहा है। ये जो देशी गोवंश है, इसके साथ इतना अत्याचार क्यों और ऐसे आदेश दोबारा कभी न हों।"
4 अक्टूबर को को जारी किया गया था नसबंदी का आदेश
मंगलवार को मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग की तरफ से मध्यप्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए थे कि निकृष्ट सांडों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए बधियाकरण यानी नसबंदी अभियान 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलाया जाए। आदेश में लिखा था कि इसके लिए सभी गांव के पशुपालकों के पास गौशालाओं में उपलब्ध या निराश्रित निकृष्ट सांडों का बधियाकरण किया जाए।
आदेश का हुआ विरोध
इस आदेश के जारी होते ही आदेश का भरपूर विरोध होने लगा। एक तरफ पशुपालकों और हिन्दू संगठनों ने विरोध किया तो वहीं दूसरी तरफ भोपाल की भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी सांडों की नसबंदी अभियान के इस आदेश का पुरजोर विरोध किया। साध्वी प्रज्ञा ने इस आदेश को गलत बताते हुए मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल से आदेश को निरस्त करने की मांग की थी। साथ ही ठाकुर ने नसबंदी के इस तरीके पर सवाल खड़े किए थे और देशी गोवंश खत्म होने की बात कही थी। जिसके बाद बुधवार 13 अक्टूबर को सरकारी आदेश वापस ले लिया गया। लेकिन साध्वी प्रज्ञा अभी भी संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि वो मुख्यमंत्री से पुरे मामले की जांच की मांग करेंगी।
कांग्रेस ने भी बोला हमला
इस पुरे मामले के बाद कांग्रेस ने भी मध्य प्रदेश सरकार और शिवराज चौहान पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले शराब की बिक्री बढ़ने के लिए होने वाली मीटिंग रद्द की गई। अब 24 घंटे के भीतर इस आदेश को वापस ले लिया। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि ये सरकार चला रही है या सर्कस।