मणिपुर CM एन बीरेन सिंह ने सौंपा इस्तीफा, राहुल गांधी बोले जनदबाव, कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने किया रिजाइन को मजबूर

Manipur CM N Biren Singh Resign : पिछले दो साल से जातीय हिंसा में जलते मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आज रविवार 9 फरवरी की शाम को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा। पिछले साल 2024 के अंत में मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जनता से माफी मांगते हुए कहा था कि यह पूरा साल बेहद खराब रहा। मैं राज्य के लोगों से तीन मई 2023 से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए माफी मांगता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे इसका दुख है। पिछले तीन-चार महीनों में शांति की स्थिति देखकर मुझे उम्मीद है कि 2025 में राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।
अब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान आया है। राहुल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, 'करीब दो साल तक बीजेपी के सीएम बीरेन सिंह ने मणिपुर में बंटवारा कराया। मणिपुर में हिंसा, जानमाल के नुकसान और भारत के विचार के विनाश के बावजूद पीएम मोदी ने उन्हें बने रहने की अनुमति दी। सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे से पता चलता है कि बढ़ते जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने फैसले पर मजबूर कर दिया है।, लेकिन सबसे जरूरी प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करना और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने के लिए काम करना है।'
राहुल आगे कहते हैं, 'पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर का दौरा करना चाहिए, लोगों की बात सुननी चाहिए और अंत में सामान्य स्थिति वापस लाने की अपनी योजना बतानी चाहिए।'
राज्यपाल को सौंपे गये अपने इस्तीफे में एन बीरेन सिंह लिखते हैं, 'मैं नोंगथोम्बम बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं। मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार अत्यंत आभारी हूं, जिन्होंने समय पर कार्यवाही, हस्तक्षेप, विकास कार्य और विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया, ताकि मणिपुर के हर एक नागरिक के हित की रक्षा की जा सके। मेरी केंद्र सरकार से ईमानदार अपील है कि वे इसी तरह काम जारी रखें। मैं कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को आपके सामने रखना चाहता हूं-
1- मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए, जिसका हजारों वर्षों का समृद्ध और सभ्य इतिहास है।
2- सीमा पर घुसपैठ रोकी जानी चाहिए और अवैध प्रवासियों को देश से बाहर करने की नीति बनाई जाए।
3- नशे और नशे के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखी जाना चाहिए।
4- एमएफआर की कड़ी और पूरी तरह से सुरक्षित नई व्यवस्था लागू की जानी चाहिए, जिसमें बायोमेट्रिक जांच सख्ती से की जाए।
5- सीमा पर समयबद्ध और तेजी से काम जारी रहना चाहिए।
माना जा रहा है कि एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दबाव में दिया है। मणिपुर मई 2023 से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है और अब तक इस हिंसा में वहां 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा हजारों हजार लोग विस्थापित हुए हैं। पिछले साल नवंबर में मणिपुर के जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके तीन बच्चों की हत्या के बाद भी राज्य में भारी बवाल हुआ था। मणिपुर लगातार हो रही हिंसा के चलते एन बीरेन सिंह भारी दबाव में थे और उनको पद से हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी। एनडीए की सहयोगी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और नेतृत्व परिवर्तन करने की मांग की थी।
आदिवासी बहुल राज्य मणिपुर में मई 2023 में हिंसा की शुरुआत उस समय हुई थी जब मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय भिड़ गये थे। मई 2023 में मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्रों संघ (ATSUM) ने एक रैली आयोजित की थी, जिसमें मणिपुरी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से राज्य में हिंसा का सिलसिला जारी है, और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा।