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राजनीति

'गलत रास्ते पर हैं मोदी और शाह', मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मालिक ने किया किसान आंदोलन का समर्थन

Janjwar Desk
24 April 2021 2:46 PM GMT
गलत रास्ते पर हैं मोदी और शाह, मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मालिक ने किया किसान आंदोलन का समर्थन
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file photo

सांगवान को लिखे खत में राज्‍यपाल मलिक ने लिखा है- 'मैं मई के पहले हफ्ते में दिल्‍ली आ रहा हूं। इससे संबंधित सभी नेताओं से संपर्क करके किसानों के पक्ष में उन्हें सहमत करने का प्रयास करूंगा....

जनज्वार डेस्क। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। खबरों के मुुताबिक मालिक ने निर्दलीय विधायक और सांगवान खाप-40 के प्रधान सोमबीर सांगवान को पत्र भेजा है, जिसमें किसान आंदोलन को जायज ठहराया गया है।

पत्र में मालिक ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को यह बताने की कोशिश की है कि वे गलत रास्ते पर हैं। वे किसानों को दबाने, डराने और धमकाने का प्रयास न करें।

बता दें कि सोमबीर सांगवान ने किसानों की मांगों को लेकर हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। पिछले छह महीने से दिल्‍ली, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश की सीमाओं पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। इस मुद्दे पर सांगवान ने राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक को पत्र लिखा था। इसके जवाब में मलिक ने लिखा है कि किसानों को दिल्‍ली से खाली हाथ नहीं लौटाया जाना चाहिए।

पत्र में राज्‍यपाल ने लिखा है- 'किसानों के प्रदर्शन को लेकर मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर चुका हूं। मैंने उन्‍हें किसानों की वाजिब मांगों को मानने और उनके साथ न्‍याय करने की सलाह दी है। मैंने उनसे यह भी स्‍पष्‍ट कर दिया था कि किसानों का विरोध-प्रदर्शन दबाया नहीं जा सकता है। केंद्र सरकार को उनकी मांगें स्‍वीकार करनी चाहिए। मैं भविष्‍य में भी इस तरह का प्रयास करता रहूंगा। जो भी संभव होगा, मैं करूंगा।'

सांगवान को लिखे खत में राज्‍यपाल मलिक ने लिखा है- 'मैं मई के पहले हफ्ते में दिल्‍ली आ रहा हूं। इससे संबंधित सभी नेताओं से संपर्क करके किसानों के पक्ष में उन्हें सहमत करने का प्रयास करूंगा। आंदोलन के कारण 300 से अधिक किसानों को खोना दुखद है। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इन किसानों के प्रति संवेदना में एक शब्द भी नहीं कहा। केंद्र सरकार की मंशा ठीक नहीं है और वह आंदोलन को तोड़ने और बदनाम करने का प्रयास कर रही है। किसान बधाई के पात्र है कि इन सबके बावजूद वे शांतिपूर्ण तरीके से शानदार और लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं।'

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