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राजनीति

Monsoon Session: कांग्रेस के चार सांसदों का निलंबन, बार-बार चुनौती देने पर भी बात नहीं मान रहे थे सांसद

Janjwar Desk
25 July 2022 8:55 PM IST
कांग्रेस के चार सांसदों का निलंबन, बार-बार चुनौती देने पर भी बात नहीं मान रहे थे सांसद
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कांग्रेस के चार सांसदों का निलंबन, बार-बार चुनौती देने पर भी बात नहीं मान रहे थे सांसद

Monsoon Session: लोकसभा में विपक्ष की ओर से महंगाई के मुद्दे पर हंगामा हो रहा था। विपक्ष महंगाई पर चर्चा करने की मांग कर रहा था। सांसदों ने हाथो में तख्तियां ली हुई थीं...

Monsoon Session: कांग्रेस ने लोकसभा के अपने चार सदस्यों मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, जोतिमणि और राम्या हरिदास को संसद के मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए सभा से निलंबित किए जाने को लोकतंत्र को कलंकित करने वाली घटना करार देते हुए सोमवार को कहा कि सरकार उसे झुकाना चाहती है, लेकिन वह झुकने वाली नहीं है।

हाथो में तख्तियां ली हुई थीं

दरअसल लोकसभा में विपक्ष की ओर से महंगाई के मुद्दे पर हंगामा हो रहा था। विपक्ष महंगाई पर चर्चा करने की मांग कर रहा था। सांसदों ने हाथो में तख्तियां ली हुई थीं। और वह उन तख्तियां को सदन के अंदर लहरा रहे थे। लोकसभा स्पीकर ने उन्हें तीन बार चुनौती दी परंतु कांग्रेस के सांसदों ने उनकी बात नहीं मानी और चीख-पुकार जारी रखी इसके बाद कांग्रेस के चार सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

हमें धमकाने की कोशिश

लोकसभा मैं कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने चारों निलंबित सदस्यों की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा, 'सरकार हमारे सांसदों को निलंबित करवा कर हमें धमकाने की कोशिश कर रही है।' इन सदस्यों की गलती क्या है वह तो सिर्फ जनता से जुड़े मामले उठा रहे थे।

अहंकार से भरी हुई है सरकार

निलंबित सदस्य टैगोर ने कहा कि पिछले 6 दिनों से कांग्रेस महंगाई पर चर्चा की मांग कर रही है लेकिन सरकार पूरी तरह अहंकार से भरी है। उन्होंने आरोप लगाया यह सरकार आम आदमी और विपक्ष की आवाज नहीं सुनना चाहती है। वह सिर्फ दुनिया के सबसे चौथे अमीर व्यक्ति की आवाज सुनना चाहती है।

विरले मामलों में होता है निलंबन

कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, संसद की एक परंपरा रही है कि निलंबन बहुत ही विरले मामलों में होता है। अगर कुछ ऐसा हो गया है जिसमें निलंबन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है तो निलंबन किया जाता है। उन्होंने कहा लोकसभा और राज्यसभा की परंपरा रही है कि सदस्य आसन के निकट आते हैं और सदन स्थगित होता है बातचीत होती है और बीच का रास्ता निकाला जाता है फिर कार्यवाही आगे बढ़ती है।

हिटलर की परंपरा शुरू करने की कोशिश

वही गोयल ने आरोप लगाया कि सरकार मनमानी करके संसद चलाना चाहती है और वह हिटलर की परंपरा की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कभी भाजपा के नेताओं ने कहा था कि सदन नहीं चलने देना विपक्ष का हथियार है और सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है। अब इस सरकार द्वारा संवाद की बजाय निलंबन की कार्यवाही कराना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली घटना है।

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