'नड्डा जी, आप तो टुच्चई पे उतर आए और आपके पीछे-पीछे असभ्य, अशिष्ट मंत्रियों, सांसदों और बददिमाग़ प्रवक्ताओं की फौज भी!'

Janjwar : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किये जाने से मौजूदा मोदी सरकार सवालों के घेरे में है, क्योंकि कांग्रेस द्वारा उनके स्मारक स्थल के लिए जगह देने के साथ उनका अंतिम संस्कार वहीं किये जाने की मांग की थी। राहुल गांधी ने इस मसले पर ट्वीट किया था, 'आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए। डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था।'
राहुल ने लिखा था, ' 'भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है। एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं।'
अब कांग्रेस नेत्री सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाये हैं। सुप्रिया अपने एक्स हैंडल पर लिखती हैं, ''नड्डा जी, आप तो टुच्चई पे उतर आए - और आपके पीछे-पीछे असभ्य, अशिष्ट मंत्रियों, सांसदों और बददिमाग़ प्रवक्ताओं की फौज भी!'
आप सब मिलकर और ज़्यादा उच्छिद्रता और टुच्चई कीजिए - देश भी तो आपका असली रूप देखे। शोक की इस घड़ी में आप सरदार मनमोहन सिंह को सम्मान तो न दे सके, लेकिन जो आँख नचा-नचा कर और तमाम भावभंगिमाओं से आप ज़हर उगल रहे हैं, जिन शब्दों का आप चयन कर रहे हैं - वो दुनिया देख रही है।
सुप्रिया ने आगे लिखा है, 'किसी ने ठीक ही कहा है छोटे मन के लोग बड़ी राजनीति की अपेक्षा करना तो दूर, वक्त पड़ने पर उनसे ज़रा सी बड़प्पन की उम्मीद रखना भी बेमानी है। डॉक्टर मनमोहन सिंह जी न सिर्फ़ इस देश के प्रथम सिख प्रधानमंत्री थे, बल्कि एक शीलवान व्यक्तित्व, उत्कृष्ट अर्थशास्त्री और बेहद परिपक्व राजनेता थे जिन्होंने इस देश का परचम विश्व भर में लहराया। निगमबोध घाट पर, जहाँ आज तक किसी प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार नहीं हुआ, वहाँ उनकी अंत्येष्टि कराके आपने साबित कर दिया कि इस देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री, पहले सिख प्रधानमंत्री के प्रति आपके मन में कोई इज़्ज़त नहीं है।
बकौल सुप्रिया 'हम इसे मुद्दा बनाना तो नहीं चाहते थे, लेकिन क्योंकि आपने छेड़ ही दिया है तो अब सच सुनिए—
—DD News ने अंतिम संस्कार का लाइव प्रसारण तब शुरू किया जब नरेंद्र मोदी निगम बोध घाट पहुंचे।
—पूरी आगे की पंक्ति में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, किरण रिजिजू, ओम बिरला, जगदीप धनखड़ और महामहिम राष्ट्रपति बैठे हुए थे।
—परिवार वालों के लिए साइड में दो कुर्सियां बमुश्किल छोड़ी गईं थीं।
—कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष राज्य सभा खरगे जी को पहली पंक्ति में एक कुर्सी तो दी लेकिन लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी के लिए कुर्सी तक नहीं थी।
—सारे विदेशी राजनयिक पीछे बैठे थे, जहाँ से कुछ भी दिखना असंभव था. चिता के पास पूरे परिवार के खड़े होने की भी जगह नहीं थी।
—जगह की कमी के कारण परिवार के लोग भी पुष्पांजलि देने से वंचित रह गए। आम जान मानस को निगमबोध घाट के बाहर से ही श्रद्धांजलि देकर संतोष करना पड़ा।
सुप्रिया आगे लिखती हैं, 'DD News के कैमरे में सिर्फ मोदी दिखाए जा रहे थे, यहाँ तक कि डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को भी नदारद कर दिया गया, तो खड़गे जी, सोनिया जी या राहुल जी या किसी और कांग्रेस के नेता पर कैमरा आना तो बहुत दूर की बात है। गार्ड ऑफ ऑनर मनमोहन सिंह जी को दिया जा रहा था, कैमरे का फोकस मोदी पर था। BJP और उसके समर्थकों की जाहिलियत का तो खैर कोई अंत ही नहीं है। जिन राहुल गांधी ने डॉक्टर साहब को कंधा दिया, जाहिल भक्तों ने कह दिया वह अंतिम संस्कार में शामिल ही नहीं हुए।
सुप्रिया कहती हैं, सबसे आगे की लाइन में पूरी की पूरी मोदी सरकार को देखकर वो सारी गलीच बातें आँखों के सामने घूम गईं - जो डॉक्टर साहब के लिए कहीं गईं थीं। उनके नाम का, उनकी चाल का, उनकी बोली तक का मज़ाक़ इन्हीं भाजपाइओं ने उड़ाया। ख़ुद नरेंद्र मोदी ने मंच से ऐसे शालीन व्यक्ति को ‘मौन मोहन’ कहके बुलाया। मैं लाख चाहकर भी नरेंद्र मोदी का सदन में ‘वो रेनकोट पहन कर नहाते हैं’ जैसा वाहियात बयान नहीं भुला सकती।
सुप्रिया आगे कहती हैं, 'कई बार मन में ख्याल आया कि वहाँ बैठे मोदी और शाह के मन में कहीं तो कोई ग्लानि, कोई अफ़सोस, कोई पश्चाताप तो ज़रूर आया होगा। असलियत तो यह है कि उनके निधन के बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने सत्ता में बैठे आप जैसे लोगों की विफलताओं और खोखलेपन को और उजागर कर दिया। एक पूरी पीढ़ी जिसको व्हाट्सएप पर डॉक्टर साहब के बारे में अनर्गल बकवास पढ़ाया गया, उसके सामने उनकी उपलब्धियां, विश्व भर में उनकी विराटता, विषम परिस्थिति में उनका देश और अर्थव्यवस्था को कुशलता से संभालना सामने आ गया।
सुप्रिया भाजपा पर हमलावर होते हुए कहती हैं, आपके लाखों करोड़ों की मेहनत से फैलाये झूठे प्रोपेगंडा का नहीं - बल्कि सरदार मनमोहन सिंह के ज्ञान, देश के प्रति उनके समर्पण, उनकी शालीनता और उनकी गरिमा की ही चर्चा हो रही है । काश आप देश का मूड भाँप पाते, खासतौर से सिख समुदाय की अपेक्षाओं को समझ पाते, समझ पाते कि सरदार मनमोहन सिंह की अवमानना करके आपने सस्ती राजनीति नहीं बल्कि पाप किया है-प्रायश्चित कीजिए।











