Navneet Rana ने दलित जाति का फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर लड़ा चुनाव, जानिए हनुमान चालीसा विवाद में कूदने वाली सांसद पर शिवसेना ने कैसे हमला बोला
Maharashtra News : नवनीत राणा के गर्दन पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, फर्जी सर्टिफिकेट केस में गैर जमानती वारंट जारी होने से बढ़ी मुश्किलें
Navneet Rana : शिवसेना के मुखपत्र सामना में हनुमान चालीसा विवाद और सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह पूरा प्रकरण बीजेपी (BJP) के दिमाग की उपज है और इसके लिए उसने बीजेपी सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा (Ravi Rana) का इस्तेमाल किया गया है। आपको बता दें कि यह बातें सामना में सोमवार को संपादकीय में कही गई है।
संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि एक आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के लिए राणा दंपती ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का सहारा लिया। श्रीमती राणा ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ा। नवनीत कौर राणा और उनके पिता हरभजन सिंह कुंडलेस ने जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए। आपको बता दें कि अमरावती लोकसभा एक आरक्षित सीट है और वहीं से चुनाव लड़ने के लिए नवनीत ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था।
वहीं शिवसेना की ओर से आरोप लगाया गया है कि बीजेपी महाविकास अघाड़ी सरकार को हटाने की अपनी हताशा में बीजेपी हनुमान चालीसा पर विवाद खड़ा करवा रही है। शिवसेना की ओर से कहा गया है कि हिंदुत्व के नाम पर बीजेपी की ओर से हाल के दिनों में जो हंगामा किया गया है वह सरासर गलत है। भाजपा ने (एमपी-एमएलए) राणा दंपती का इस्तेमाल करके मुंबई की शांति भंग करने की योजना बनाई थी। जिससे शिवसेना कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने राणा दंपती को अपने घर से बाहर कदम रखने की अनुमति नहीं दी।
आपको बता दें कि शनिवार को अमरावती से लोकसभा एमपी नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के बाहर 'हनुमान चालीसा' का जाप करने की घोषणा की थी। इसके बाद, शिवसेना कार्यकर्ताओं ने नवनीत और रवि राणा के आवास को घेर लिया था जिससे दंपती को मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने से रोका जा सके।
शिवसेना कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच राणा दंपती ने 'हनुमान चालीसा' पढ़ने की अपनी योजना वापस ले ली थी। इस बीच राणा दंपती को गिरफ्तार कर लिया गया और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, बांद्रा की हॉलिडे एंड संडे कोर्ट ने नवनीत राणा और रवि राणा को रविवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। एमपी-एमएलए दंपती की अर्जी पर अदालत 29 अप्रैल को सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि अमरावती से सांसद नवनीत कौर राणा राजनीति में आने से पहले एक्ट्रेस रह चुकी हैं। 2011 में उन्होंने अमरावती के बादनेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रवि राणा से शादी की। 2019 के लोकसभा चुनाव में नवनीत कौर अमरावती से निर्दलीय चुनाव जीतकर संसद पहुंच गयी। पर इसके साथ ही उनकी जाति को लेकर विवाद शुरू हो गया।
दरअसल अमरावती लोकसभा सीट दलित जाति के उम्मीदवार के लिए सुरक्षित है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर कर दावा किया गया था कि नवनीत कौर राणा ने फर्जी प्रमाण पत्र देकर इस अमरावती सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। याचिका में कहा गया था कि नवनीत कौर असल में पंजाब से आती हैं। वो लबाना जाति की हैं, जो कि महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के तौर पर लिस्टेड नहीं है। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि स्कूल के फर्जी ट्रांसफर सर्टिफिकेट के आधार पर नवनीत राणा ने आपनी जाति प्रमाणपत्र बनवाई थी।
इस मामले में सुनवाई करते हुए जून 2021 में हाईकोर्ट की नागपुर बेंच का फैसला आया था जिसमें कोर्ट ने नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए रद्द कर दिया। साथ ही कोर्ट ने नवनीत राणा पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद माना जा रहा था कि नवनीत राणा की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो जाएगी पर मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया था।