वामदल के अधिवेशन में पहली बार मंच पर दिखे नीतीश, माले ने कराया विपक्षी एकता का अहसास
CPIML National Confrence In Patna : (पटना)। लगभग 20 साल बाद बिहार में भाकपा माले का महाधिवेशन होने जा रहा है, जिसे बिहार की सियासत के साथ साथ देश में बीजेपी विरोधी एकता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भाकपा माले (CPIML) के राष्ट्रीय महाधिवेशन (National Convention of CPIML) के मंच से आयोजित 'फासीवादी हमले के खिलाफ लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए व्यापक विपक्षी एकता का निर्माण' विषय पर आज पटना में नेशनल कन्वेंशन आयोजित किया गया है. सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक यह कार्यक्रम चलेगा. श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में विपक्षी नेताओं का बड़ा जमावड़ा लगा है.
पहली बार लेफ्ट के महाधिवेशन में शामिल हुए नीतीश
इस कन्वेंशन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दक्षिण भारत से भी कई बड़े नेता के शामिल होने की सूचना है. बिहार की राजनीति में यह पहली बार होगा कि सीएम नीतीश कुमार किसी वाम दल के कन्वेंशन में शिरकत करने पहुंच रहे हैं और यहां से विपक्षी एकजुटता की कवायद शुरु करेंगे.
सम्मेलन के पहले गांधी मैदान में निकली रैली
उसके पहले बुधवार को पटना के गांधी मैदान में CPIML द्वारा एक बड़ी रैली निकाली गई, जिसमें माले के संगठन के अलावा खेत मज़दूर संगठन, किसान महासभा, छात्र नौजवान संगठन, महिला संगठन के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे.
माले ने कराया ताकत का अहसास
इसका मक़सद ना सिर्फ़ भाकपा माले की ताकत का एहसास कराना है बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव में गैर बीजेपी एक मजबूत गठबंधन बनाने की कवायद भी मानी जा रही है. 15 फरवरी की रैली के बाद 16 से 20 तक पटना के एसकेएम हॉल में महाधिवेशन होना है जो बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया की भाकपा माले की लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ रैली में केंद्र की सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका जाएगा और देश के उन तमाम पार्टियों को एकजुट करने की कवायद की जाएगी जो बीजेपी को शिकस्त दे सके.