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राजनीति

मोदी-अडानी पर लगाए गये राहुल गांधी के आरोप संसद रिकॉर्ड से हटे, जयराम रमेश बोले 'झूठ के जगदगुरु का पर्दाफाश हो चुका है'

Janjwar Desk
9 Feb 2023 6:28 AM GMT
मोदी-अडानी पर लगाए गये राहुल गांधी के आरोप संसद रिकॉर्ड से हटे, जयराम रमेश बोले झूठ के जगदगुरु का पर्दाफाश हो चुका है
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राहुल गांधी के 53 मिनट के भाषण में से कुल 18 हिस्सों को हटा दिया गया है। यह वह हिस्सा है जिनमें राहुल ने मोदी और अडाणी के रिश्तों पर सवाल उठाया था। राहुल ने अडानी और मोदी की एक पुरानी तस्वीर भी सदन में लहरायी थी, जिसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया है...

संसद में राहुल गांधी ने कई दावों के साथ मोदी-अडानी के रिश्तों पर गंभीर आरोप लगाये थे, जिन्हें संसद रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने संसद में 53 मिनट का भाषण दिया था, जिसमें से कई हिस्से हटा दिया गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने राहुल गांधी के भाषण के कई हिस्सों को सदन के रिकॉर्ड से हटाने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी के तमाम आरोपों को भाजपा ने निराधार बताते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की थी। मोदी सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी पर बिना सबूत और आधार के संसद में बोलने का आरोप लगाते हुए कहा था, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को ध्यान देना चाहिए कि न तो राहुल ने अपने आरोपों को प्रमाणित किया और न ही उन्होंने आरोप लगाने से पहले इस संबंध में कोई नोटिस दिया, इसलिए राहुल की टिप्पणियों को सदन के रिकॉर्ड से हटाया जाए और उन्हें प्रिविलेज नोटिस भेजा जाए।' तब ओम बिड़ला ने कहा था कि वह इस मांग पर विचार करने के बाद कार्रवाई करेंगे और अब कार्रवाई के तहत राहुल के भाषण के कई हिस्सों को हटाने का फैसला किया गया।

जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी के 53 मिनट के भाषण में से कुल 18 हिस्सों को हटा दिया गया है। यह वह हिस्सा है जिनमें राहुल ने मोदी और अडाणी के रिश्तों पर सवाल उठाया था। राहुल ने अडानी और मोदी की एक पुरानी तस्वीर भी सदन में लहरायी थी, जिसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया है।

इसके अलावा राहुल गांधी के भाषण के वह हिस्से हटा दिये गये हैं जिनमें वह आरोप लगा रहे हैं कि मोदी-अडानी के करीबी संबंध तब से हैं, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों और गौतम अडानी को मिले कॉन्ट्रैक्ट्स से जुड़े जो आरोप लगाए थे, उन्हें भी हटा दिया गया है। राहुल ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अडानी ग्रुप को फायदा पहुंचाते हुए इजराइल में रक्षा कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया और बांग्लादेश में बिजली आपूर्ति की डील दिलवाई थी। राहुल ने श्रीलंका के एक पावर प्रॉजेक्ट से जुड़े आरोपों का भी जिक्र किया था, उसे भी संसद रिकॉर्ड से डिलीट कर दिया गया है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, "प्रधानमंत्री जी, आप लोकतंत्र की आवाज को मिटा नहीं सकते, भारत के लोग आपसे सीधे सवाल कर रहे हैं। जवाब दीजिए!" कांग्रेस ने भी इसकी आलोचना की है।

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश कहते हैं, राहुल गांधी के भाषण के हिस्सों को रिकॉर्ड से हटाकर "लोकतंत्र को लोकसभा में दफन" कर दिया गया है।

जयराम रमेश ने ट्वीट किया है, 'राहुल गांधी की 18 टिप्पणियों को लोकसभा रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। 1.पीएम से पूछा गया हर सवाल- डिलीट! 2. 2014 से पहले अडानी और मोदी के संबंधों के सभी संदर्भ- हटाए गए! 3.एजेंसियों और विदेश यात्राओं का दुरुपयोग- हटाया गया! आप इन्हें रिकॉर्ड से हटा सकते हैं, लेकिन ​मिटा नहीं सकते। झूठ के जगद्गुरु का पर्दाफाश हो गया है।'

हालांकि कल 8 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी के अभिभाषण से पहले उम्मीद की जा रही थी कि वह राहुल गांधी के सवालों का जवाब देंगे, मगर उन्होंने आरोपों पर कोई बात नहीं की। हालांकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को उन्होंने कटघरे में खड़ा जरूर किया और कहा कि 2004 से 2014 के बीच का दशक घोटालों और हिंसा से भरा हुआ था। इस दशक में हर अवसर को संकट में बदल देना यूपीए सरकार की खासियत थी।

राहुल का नाम लिये बिना पीएम मोदी ने कहा, 'मैं कल देख रहा था कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईको सिस्टम और समर्थक उछल रहे थे। खुश होकर कहने लगे कि ये हुई ना बात। नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है कि ये कह-कह के हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।"

मोदी के भाषण में अडानी से जुड़े आरोपों का जवाब न देने पर राहुल गांधी ने सदन से बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए कहा, 'पीएम सदमे में थे और उनके पास कोई जवाब नहीं था। एक जवाब नहीं दिया प्रधानमंत्री जी ने। और मैंने कोई जटिल सवाल तो नहीं पूछा है।'

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