राहुल गांधी बोले मोदी सरकार कर रही है अर्थव्यवस्था चौपट, यह नोटबंदी 2.0 है
नई दिल्ली, जनज्वार। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार 6 जून को आरोप लगाया कि मोदी सरकार नागरिकों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को नकद सहायता नहीं देकर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है। उन्होंने इसे नोटबंदी 2.0 करार दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि, "सरकार लोगों को और एमएसएमई को नकद सहयोग देने से इनकार कर सक्रिय रूप से हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है। यह नोटबंदी 2.0 है।"
गौरतलब है कि केरल के वायनाड से सांसद राहुल पिछले कई दिनों से जरूरतमंदों और एमएसएमई के लिए नकद सहायता की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से देशभर में 6 महीने के लिए कमजोर वर्ग के लोगों को 7,500 रुपये नकद सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया है।
दुनियाभर में अब तक लगभग 69 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और भारत में यह आंकड़ा 3 लाख पहुंचने वाला है। इस बीच कोरोना के मामले बड़ी तेजी से सामने आ रहे हैं।
कोरोना ने जहां पूरे विश्व को प्रभावित किया है, वहीं बड़े पैमाने पर भारतीय अर्थव्यवस्था भी इससे चौपट हुई है। देश कई साल पीछे चला गया है, मजदूरों की दुर्दशा के तमाम वीडियो—खबरें हर रोज सामने आ रही हैं। सबसे ज्यादा दुर्दशा यही वर्ग झेल रहा है।
मजदूरों की हालत देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 7500 रुपये हर महीने आर्थिक सहायता देने का अनुरोध मोदी सरकार से किया था।
राहुल ने अपने ट्वीट के साथ एक लेख शेयर किया है, जिसमें लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को साफतौर पर बताया गया है। राहुल गांधी पिछले कई दिनों से जरूरतमंदों और एमएसएमई को नकद सहायता देने की मांग कर रहे हैं। राहुल प्रवासी मजदूर वर्ग की दुर्दशा को देखते हुए मोदी सरकार से देश के कमजोर तबके के लोगों को अगले छह महीने तक हर महीने 7500 रुपए देने की मांग कर चुके हैं।
Govt is actively destroying our economy by refusing to give cash support to people and MSMEs.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2020
This is Demon 2.0.https://t.co/mWs1e0g3up
राहुल ने कहा भी था कि संकट के इस दौर से गुजर रहे लोगों और उद्योगों को पैसा न देना सरकार की ओर से किया जा रहा अक्षम्य अपराध है। मोदी सरकार द्वारा लगाया गया लॉकडाउन पूरी तरह असफल रहा है, क्योंकि जिस तादाद में यहां मरीज बढ़ रहे हैं उससे साफ होता है कि लॉकडाउन का मकसद साबित नहीं हो पाया है।
राहुल गांधी ने शुक्रवार 5 जून की शाम ट्विटर पर एक ग्राफिक्स शेयर किया था, जिसमें उन्होंने दुनिया के 4 सबसे प्रभावित देशों से भारत में संक्रमण के बढ़ते मामलों की तुलना की थी।
हालांकि कोरोना वायरस की महामारी के बीच देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves)में वृद्धि होने की खबरें भी आ रही हैं। 15 मई को समाप्त सप्ताह में यह 1.73 अरब डॉलर बढ़कर 487.04 अरब डॉलर हो गया है। यह देश के 12 महीने के आयात के बराबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल से 15 मई के बीच देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 9.2 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। आठ मई को समाप्त सप्ताह पर यह 485.31 अरब डॉलर था। छह मार्च को समाप्त हफ्ते में यह अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 487.23 अरब डॉलर पर था।