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राजनीति

UP विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले बोतल से बाहर लाया जाएगा राम मंदिर का जिन्न

Janjwar Desk
12 April 2021 2:41 AM GMT
UP विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले बोतल से बाहर लाया जाएगा राम मंदिर का जिन्न
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5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने जब राम मंदिर की नींव का पूजन कर आधारशिला रखी थी तो लग रहा था कि दो-चार दिनो में ही मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। अब सरकार की इच्छाशक्ति और जादुगरों की पार्टी भाजपा में कुछ भी संभव है। वैसे भी नारा है 'मोदी है तो मुमकिन है।'

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद सैकड़ों आयोजन किए गए। महफिलें लूटी और लुटाई गईं। सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी इस फैसले को भुनाने में। अयोध्या के मंदिर बनने के नाम पर लाखों करोड़ रूपया जुटा लिया गया है। भक्तमंडली कूपन और पर्चियां लेकर राम मंदिर में योगदान मांग रहे थे, लेकिन यह बेला धीमी कैसे पड़ गई, राममंदिर का तीर वापस तरकस में क्यों रख लिया गया, पता है। क्योंकि यह तीर 2022 के विधानसभा चुनाव का इंतजार कर रहा है।

अगस्त 2020 में मीडिया ने बड़ा हल्ला मचाया था। '492 का इंतजार आज हुआ खत्म' तो 'पीएम मोदी भूमि पूजन के लिए 29 साल बाद अयोध्या आए' ऐसी वीर रस से भरी हैडिंगो के साथ मीडिया ने तरह-तरह के एंगल से स्टोरियां की थीं। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने जब राम मंदिर की नींव का पूजन कर आधारशिला रखी थी तो लग रहा था कि दो-चार दिनो में ही मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। अब सरकार की इच्छाशक्ति और जादुगरों की पार्टी भाजपा में कुछ भी संभव है। वैसे भी नारा है 'मोदी है तो मुमकिन है।'

तमाम हो हल्ले के बाद तोते को पिंजड़े में बंद कर दिया गया है। एक अनुकूल समय तक के लिए। धर्म का ध्रुवीकरण करने में माहिर भाजपा अब यह मुद्दा उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव-2022 से ठीक पहले निकालेगी। ऐन वक्त पर गोदी मीडिया को काम पर लगा दिया जाएगा। यह सभी दिन-रात एक कर देंगे। राम मंदिर को घुमा-घुमाकर सरकार की काबिलियत का रोना रोएंगे। अभी आकाओं से आदेश मिलने के बाद इसकी चर्चा को विराम दे दिया गया है।

राम मंदिर के नाम पर वसूले गए रूपये का कोई हिसाब नहीं है। फंड में कितना रूपया जमा हो चुका है, गिनती नहीं है। चुनाव से ठीक पहले घर-घर वसूली अभियान शुरू किया जाएगा। मंदिर के नाम पर वोट की अलख जगाई जाएगी। आम जनता अपना पेट काटकर मंदिर निर्माण में योगदान देगी और वोट भी। मंदिर बनने के बाद आए रामराज्य में सबकी शिकायतें दूर हो जाने की खासी अम्मीद रहेगी। रोजगार, मंहगाई, किसान समस्या सब खत्म हो जाएगी। गरीबों के लिए आसमान से मनचाहा रूपया बरसेगा। और ये सब का क्रेडिट राष्ट्रप्रेमी भाजपा के अलावा कोई और नहीं ले सकता है।

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