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राजनीति

Sharad Pawar के घर पर हमले के मामले में 107 गिरफ्तार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मानी 'खुफिया विफलता'

Janjwar Desk
9 April 2022 6:30 AM GMT
Sharad Pawar के घर पर हमले के मामले में 107 गिरफ्तार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मानी खुफिया विफलता
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Sharad Pawar के घर पर हमले के मामले में 107 गिरफ्तार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मानी 'खुफिया विफलता'

Sharad Pawar : मुंबई के गांवदेवी पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में 107 प्रदर्शनकारियों पर हिंसा की साजिश रचने और दंगे जैस हालात तैयार करने से जुड़ी धाराएं लगाई गई हैं...

Sharad Pawar : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के मुंबई स्थित घर सिल्वर ओक के बाहर प्रदर्शन करने वाले महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 107 कर्मचारियों को पुलिस ने देर रात अरेस्ट कर लिया है। मुंबई के गांवदेवी पुलिस स्टेशन में दर्ज केस में इनपर हिंसा की साजिश रचने और दंगे जैस हालात तैयार करने से जुड़ी धाराएं लगाई गई हैं। गिरफ्तार करने के बाद इन सभी लोगों का बयान दर्ज किए गए हैं।

वहीं दूसरी ओर इस हमले के खिलाफ राकांपा (NCP) के नेता व कार्यकर्ता राज्यभर में इस घटना के खिलाफ मूक मार्च निकालने वाले हैं। मुंबई के सीएसएमटी स्टेशन पर बड़ी संख्या प्रदर्शनकारी एक बार फिर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है वो प्रदर्शन जारी रखेंगे। उनके प्रदर्शन के ऐलान को देखते हुए मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर भारी संख्या में बल तैनात किया गया है।

घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शरद पवार और पुलिस आयुक्त संजय पांडे से फोन पर बात की। उन्होंने पुलिस आयुक्त से पवार की सुरक्षा को लेकर चिंता और असंतोष जाहिर किया। फिर इस मामले की हाईलेवल जांच शुरू की गई और केस दर्ज हुआ। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री अजित पवार ने घटना के एक दिन बाद 'खुफिया विफलता' की बात स्वीकारी है।

बता दें कि पिछले छह महीनों से राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी शरद पवार के घर के बाहर दोपहर तीन बजकर बीस मिनट पर पहुंचे और चोर-चोर कहकर जोरदार नारेबाजी और पत्थरबाजी करने लगे। इन प्रदर्शनकारियों में महिलाएं भी शामिल थीं। प्रदर्शनकारी चप्पल मारो चूड़ियां तोड़ों के नारे लगा रहे थे। शरद पवार को चोरों का सम्राट कहा जा रहा था और उन्हें आंदोलन में अबतक हुई 120 कर्मचारियों की मौत का जिम्मेदार बताया जा रहा था।

इसके बाद गुस्साए आंदोलनकारियों ने पथराव और चप्पलें फेंकना शुरु कर दिया। यह प्रदर्शन करीब दो घंटे तक चला। जिस वक्त यह घटना हुई तब शरद पवार घर के अंदर ही मौजूद थे। इसी बीच उनकी बेटी सुप्रिया सुले बाहर आंदोलनकारियों के बीच पहुंची और हाथ जोड़कर शांति की अपील की लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद वह घर के अंदर चलीं गईं।

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