शिवसेना ने जलियांवाला बाग कांड से की करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज की तुलना, कहा खट्टर सरकार को जाना ही पड़ेगा
जनज्वार। हरियाणा के करनाल में हाल ही में भाजपा नेताओं की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज हुआ। पुलिस की इस कार्रवाई में दर्जनों किसान घायल हो गए थे। वहीं इसको लेकर हरियाणा सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गयी है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में इसकी तुलना जलियांवाला बागकांड से कर डाली है। मुख्यमंत्री में यह भी कहा गया है कि राज्य की खट्टर सरकार को अब जाना ही होगा।
'सामना' में लिखा गया है, 'हरियाणा में किसानों पर निर्घृण और अमानवीय लाठी हमला हुआ है। ये लाठी हमला साधारण नहीं। अंधाधुंध गोली से भी ज्यादा भयंकर है। अफगानिस्तान में तालिबानी जिस तरह से हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम देकर इंसानों को मार रहे हैं, उसी तालिबानी तरीके से हरियाणा में भाजपा सरकार ने सैकड़ों किसानों के सिर फोड़कर भारत माता की भूमि को खून से भिगो दिया है।'
पार्टी के मुखपत्र ने आगे लिखा, 'स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मनाए जाने के बीच ये खून-खराबा हुआ। किसानों के सिर फूटने तक मारो, आंदोलन के लिए उतरे किसानों के सिर पर निशाना साधकर लाठी-डंडे मारो। सिर फूटना ही चाहिए, ऐसा आदेश पुलिस को देते हुए उपजिलाधिकारी आयुष सिन्हा का यह वीडियो देश भर में वायरल हुआ है। उपजिलाधिकारी का आदेश सरकारी आदेश होता है। सरकार ने किसानों को खत्म ही किया।'
शिवसेना के मुखपत्र में लिखा है कि शनिवार को आंदोलनकारी किसानों पर शैतानी हमला हुआ। ब्रिटिश राज में किसानों के विरोध में कानून बनाने वाले साइमन के विरुद्ध किसानों के नेता लाला लाजपत राय सड़क पर उतरे थे। तब ब्रिटिश सिपाहियों ने उन्हें ऐसे ही सिर फूटने तक मारा। उसमें लाला जी का निधन हुआ। आज हरियाणा में भी वहीं घटित हुआ। भाजपा की राज्य स्तरीय बैठक शुरु होने के बीच किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विरोध में केवल नारेबाजी की इसलिए पुलिस ने सरकारी आदेश से किसानों की हत्या करने का प्रयास किया।
संपादकीय में लिखा है कि अमृतसर में प्रधानमंत्री मोदी के हाथों जलियांवाला बाग स्मारक के नूतनीकरण का उद्घाटन समारोह शुरु होने के बीच एकदम बगल के हरियाणा में किसानों का दूसरा जलियांवाला बाग घट रहा था। हरियाणा की खट्टर सरकार को सत्ता में रहने जरा भी अधिकार नहीं है।
हालांकि इस बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसानों के सिर फोड़ देने के आदेस देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा को लेकर कहा है कि संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई जरूर होगी। एक अधिकारी द्वारा ऐसी शब्दावली का प्रयोग करना निंदनीय है। एसडीएम का व्यवहार एक आईएएस अधिकारी के ट्रेनिंग के भी विपरीत है। वहीं मनोहर लाल खट्टर भी इस मामले पर जांच कराने की बात कह चुके हैं।
अपनी सफाई में दो दिन सो नहीं पाने संबंधी एसडीएम आयुष सिन्हा के बयान पर चौटाला ने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि किसान सालभर की 365 में से 200 रातें जागकर काटता है। लाठीचार्ज के लिए उनका यह स्पष्टीकरण स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि वह दो दिन से सोए नहीं है। अफसर को पता होना चाहिए कि किसान साल की 365 में से 200 रातें नहीं सोता।
वहीं सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर खूब चर्चा हो रही है। रविवार 29 अगस्त को ट्विटर पर एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई, वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को नया जनरल डायल बताया गया।