शिवसेना ने AIMIM के साथ गठबंधन का प्रस्ताव क्यों ठुकराया, जानें क्या है वजह?
(शिवसेना ने AIMIM के साथ गठबंधन का प्रस्ताव क्यों ठुकराया)
Shiv Sena : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनाव में जीत की हुंकार भरने वाली असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी का खाता तक नहीं खुला हैं| उत्तर प्रदेश में हार के बाद अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में अपनी जमीन मजबूत करने निकल चुकी हैं| बता दें कि हाल ही में एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने कहा है कि उनकी पार्टी कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, जो महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार का हिस्सा हैं| सांसद के इस प्रस्ताव को शिवसेना ने मानाने से इंकार कर दिया है| आइए आपको बताते है कि शिवसेना ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन का प्रस्ताव क्यों ठुकराया है और क्या है एआईएमआईएम की मजबूरी, जो वह शिवसेना से गठबंधन करना चाहती है|
हिंदुत्व पार्टी की छवि पर नुकसान
बता दें कि एआईएमआईएम एक मुस्लिम पार्टी की छवि रखती है और मुस्लिम समाज के लिए कार्य करती है| वहीं शिवसेना एक हिंदुत्व पार्टी की छवि रखती है| वो सदैव हिंदुत्व के लिए कार्य करती है| यदि ऐसे में अगर शिवसेना एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करती है तो पार्टी की छवि धूमिल हो सकती है, जिस करना शिवसेना ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया| बता दें कि शिवसेना ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन की संभावना को ख़ारिज करते हुए कहा कि वह इसे महाराष्ट्र में एमवीए में चौथे भागिदार के रूप में स्वीकार नहीं करेगी|
छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श की छवि
बात दें कि शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों पर चलती है और एआईएमआईएम को औरंगजेब से जोड़ती है| बता दें कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि एआईएमआईएम के साथ इस तरह के गठबंधन के बारे में सोचना एक बीमारी के बराबर है| हम उस पार्टी के साथ कैसे गठबंधन कर सकते हैं जो औरंगजेब की कब्र के सामने घुटने टेकती है| इसके बारे में सोचो भी मत| यह सोचना एक बीमारी के समान है| शिवसेना छत्रपति शिवाजी के आदर्शों पर चलती है और भविष्य में भी ऐसा करेगी|
भाजपा के साथ गुप्त गठबंधन का आरोप
बता दें कि एआईएमआईएम के गठबंधन के प्रस्ताव को खारिज करते हुए शिवसेना ने एआईएमआईएम पर बीजेपी के साथ गुप्त गठबंधन करने का आरोप लगाया है| शिवसेना का कहना है कि एआईएमआईएम भाजपा की बी पार्टी है| वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना एक हिंदुत्ववादी पार्टी है| उन्होंने इसे बीजेपी के ओर से शिवसेना को बदनाम करने की साजिश बताया है| शिवसेना का कहना है कि बीजेपी राजनितिक फायदे के लिए हिंदुत्व का इस्तेमाल करती है और हम हिंदुत्व के लिए राजनीति करते है| शिवसेना और बीजेपी के बीच यही मुख्य अंतर है| उनका कहना है कि बीजेपी ने एआईएमआईएम को शिवसेना को बदनाम करने का और शिवसेना के हिंदुत्व पर सवाल उठाने का निर्देश दिया है| इस वजह से ही एआईएमआईएम नेता गठबंधन की पेशकश कर रहे है|
बता दें कि AIMIM क्यों करना चाहती है शिवसेना से गठबंधन
एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील का कहना है कि हमारी पार्टी को हमेशा बीजेपी की जीत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, कहा जाता है कि हम बीजेपी की 'बी' टीम है, इसलिए हमने उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस को हमारे साथ गठबंधन करने का प्रस्ताव दिया है| चूंकि वे महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ हैं, वे हमारे साथ गठबंधन करने के लिए कभी भी सहमत नहीं होंगे|