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राजनीति

सोनिया छोड़ सकती हैं यूपीए अध्यक्ष का पद, शिवसेना की कांग्रेस को सलाह शरद पवार के नेतृत्व में करें काम

Janjwar Desk
11 Dec 2020 3:07 AM GMT
Maharashtra News : सरकार करती है धारा 124A का दुरूपयोग, राजद्रोह के कानून पर बोले शरद पवार
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Maharashtra News : सरकार करती है धारा 124A का दुरूपयोग, राजद्रोह के कानून पर बोले शरद पवार

सोनिया गांधी के यूपीए अध्यक्ष पद छोड़ने की संभावना के मद्देनजर इस पद की रेस में शरद पवार का नाम सबसे आगे है। शिवसेना ने भी उनकी वरिष्ठता व अनुभव के आधार पर उनके नेतृत्व में कांग्रेस को काम करने की सलाह दी है...

जनज्वार। कांग्रेस अध्यक्ष की ही तरह अगले यूपीए अध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर शुरू हो चुका है। इस बात की संभावना जतायी जा रही है कि सोनिया गांधी अपने स्वास्थ्य को लेकर यूपीए का अध्यक्ष पद छोड़ सकती हैं। ऐसे में अगले यूपीए अध्यक्ष के नाम को लेकर कयास का दौर शुरू हो चुका है। इस बीच शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कांग्रेस को सलाह दी है कि वह शरद पवार का नेतृत्व स्वीकार कर ले और उन्हें यूपीए के अध्यक्ष के रूप में चुन लिया जाए।

संजय राउत ने एक वेब चैनल के कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस के पास सीमित ताकत है। क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल शर पवार को अपना नेता मानते हैं। मुझे इस कद का कोई और दूसरा नेता नहीं दिखता है। विपक्ष को एक मजबूत नेतृत्व की जरूरत है जो क्षेत्रीय दलों को साथ ले सके। मैं उस भूमिका में केवल शरद पवार को देखता हूं।

शिवसेना नेता ने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब सर्वसम्मति का नेतृत्व होगा। कई दलों को कांग्रेस के नेतृत्व पर आपत्ति है, जिनमें गुलाम नबी आजाद जैसे नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस को शरद पवार के नेतृत्व को लेकर कुछ परिपवक्ता दिखानी चाहिए, क्योंकि कभी वह कांग्रेस का हिस्सा थे।

उन्होंने कहा कि अगर शरद पवार यूपीए का नेतृत्व करते हैं तो यह अभी जहां वहां से दो कदम आगे होगा।

वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम व एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि उन्हें यूपीए चेयरपर्सन के चयन को लेकर डेवलपमेंट की जानकारी नहीं है। पवार साहब के सभी दलों के नेताओं से अच्छे संबंध है, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष। अब उन्होंने किसानेां का संकट हल करने का बीड़ा उठाया है। मैंने यह खबर सुनी है कि पवार साहब यूपीए के प्रमुख चेहरे हो सकते हैं।

कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग भी शरद पवार के नेतृत्व के पक्ष में

कांग्रेस को अपना स्थायी अध्यक्ष चुनना है। सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पार्टी का संचालन कर रही है। कांग्रेस के अंदर राहुल गांधी को अध्यक्ष चुनने को लेकर एक राय नहीं है और इसके खिलाफ 23 नेताओं ने एक चिट्ठी भी लिखी थी, वहीं कांग्रेस के अंदर राहुल गांधी के अलावा किसी अन्य नेता को अध्यक्ष चुनने को लेकर भी संशय व भ्रम है। पार्टी का एक वर्ग निर्वाचित अध्यक्ष की मांग कर रहा है। बहरहाल, इतना तय है कि कांग्रेस देर-सबेर अपना स्थायी अध्यक्ष चुनेगी ही। कांग्रेस के स्थायी अध्यक्ष चयन के साथ यूपीए के अध्यक्ष का चयन होना ही है। फिलहाल विपक्ष बिखरा नजर आता है।

तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा चुकी हैं। ऐसे में अगर यूपीए के प्रमुख के रूप में शरद पवार के नाम पर सहमति बनती है तो ममता बनर्जी सहित कई दूसरे विपक्षी नेताओं को उनके नेतृत्व पर आपत्ति नहीं हो।

कांग्रेस के नेताओं का एक वर्ग भी यह मानता है कि राहुल गांधी यूपीए के प्रमुख चेहरे हो सकते हैं, लेकिन अपने अनुभव के आधार पर शरद पवार यूपीए प्रमुख के रूप में अधिक प्रभावशाली होंगे। उनके अंदर सभाी गैर एनडीए राजनीतिक धड़ों को एक मंच पर लाने का माद्दा भी है।

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