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राजनीति

Sudheendra kulkarni : 'नरेंद्र मोदी-अमित शाह की पार्टी और अटल बिहारी बाजपेयी की 'BJP' में जमीन आसमान का फर्क'

Janjwar Desk
2 March 2022 9:13 PM IST
Sudheendra kulkarni : नरेंद्र मोदी-अमित शाह की पार्टी और अटल बिहारी बाजपेयी की BJP में जमीन आसमान का फर्क
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Sudheendra kulkarni : नरेंद्र मोदी-अमित शाह की पार्टी और अटल बिहारी बाजपेयी की 'BJP' में जमीन आसमान का फर्क

Sudheendra kulkarni : "कारपोरेट मीडिया ने बदल दी है निष्पक्ष पत्रकारिता की परिभाषा, सरकार के विपरीत हट जनपक्ष की बात करने वाले कलाकारों को दमन का होना पड़ रहा है शिकार!"....

मिर्जापुर से संतोष देव गिरी की रिपोर्ट

Sudheendra kulkarni : कभी महाराष्ट्र राज्य से प्रकाशित होने वाले देश के प्रमुख हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्रों में शुमार रहे 'ब्लिट्ज' के संपादक एवं भारत सरकार के पूर्व प्रधान मंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के पूर्व सलाहकार व वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिंतक, अर्थशास्त्री सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी-अमित शाह (Narendra Modi-Amit Shah) की पार्टी अटल बिहारी बाजपेयी जी के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में जमीन आसमान का फर्क है।

केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर मुद्रा में नजर आए वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा समाज को तोड़़कर सत्ता में आई मोदी सरकार दमनकारी नीतियों के बल पर देश चलाना चाहती है। मंगलवार को मिर्जापुर शहर आगमन के दौरान नागरिक संगठन मिर्जापुर केे बैनर तले आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया से मुखातिब होते हुए कुलकर्णी पूरी तरह केंद्र व प्रदेश की सत्ता और उनके रहनुमा के खिलाफ नजर आए।

इस दौरान उन्होंने 'जनज्वार' प्रतिनिधि से आज की राजनीति और मीडिया की उपयोगिता पर भी खुलकर अपनेेेे विचार प्रकट किए। प्रमुख हिंदी साप्ताहिक ब्लिट्ज के संपादक के तौर पर कभी अपनी लेखनी का लोहा मनवा चुके सुधींद्र कुलकर्णी ने पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव पर न केवल खुलकर बात की बल्कि कहा कि वे खुद कई वर्षों तक पीएमओ (PMO India) में रहे हैं, लेकिन वर्तमान भाजपा की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट होकर सभी चुनावी राज्यों में भाजपा के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि भारतीय लोकतंत्र (Indian Democracy) के इतिहास में पहले किसी मुख्यमंत्री ने चुनाव को इस तरह सांप्रदायिक बनाने की कोशिश नहीं की जैसे योगी आदित्यनाथ ने इसे 80 बनाम 20 की लड़ाई बताकर किया है।

उन्होंने रेखांकित किया कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार (Yogi Govt) ने लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान पर हमले किए हैं और अपने वैचारिक और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ संस्था संस्थानों का जमकर दुरुपयोग किया है इन्होंने पूरे देश में भैया और अराजकता का माहौल बना दिया खासकर मुस्लिम भाई बहनों के लिए। इतना ही नहीं भाजपा ने "अच्छे दिन" के वायदे के नाम पर जनता को धोखा दिया है इस सरकार ने ना तो महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कुछ किया और ना ही युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया। इनके आर्थिक नीतियों के चलते अमीर और अमीर होते गए और गरीब पहले से भी ज्यादा गरीब हो गया। "सबका साथ सबका विकास" की बात करने वाली भाजपा ने केवल पूंजी पतियों को ही बढ़ावा देने का काम किया।

जनता इस बार लाएगी परिवर्तन का जनादेश

कभी भाजपा के धुर समर्थक रहे तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री, लेखक-पत्रकार अटल बिहारी वाजपेयी जी के खासे करीबी रहे वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी ने बताया कि 16 साल भाजपा में था, 2012 में पार्टी छोड़ी। इन दिनों वे भाजपा विरोधी अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आजमगढ़, रायबरेली और सोनभद्र का दौरा कर चुके हैं। कहा कि उन्हें यकीन है कि जनता इस बार "परिवर्तन" का जनादेश लाएगी। भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के लिए गोवा पंजाब महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों का प्रचार कर चुके सुधींद्र कुलकर्णी इन दिनों उत्तर प्रदेश में है पिछले 13 दिनों से लगातार यूपी में घूम रहे हैं। इसके तहत मंगलवार को वह मिर्जापुर में पधारे थे।

गैर भाजपाई गठबंधन एवं मजबूत विकल्प की हो रही है तैयारी

एक सवाल के जवाब में बताया कि गैर भाजपाई नया गठबंधन, मजबूत विकल्प तैयार करने में वह जुटे हुए हैं। इसके तहत शरद पवार, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी व कांग्रेस से मिलकर विकल्प के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि संविधान लोकतंत्र को बचाने के लिए केंद्र में मोदी मुक्त और यूपी में योगी मुक्त अभियान में वह लगे हुए हैं तथा इसके लिए लगातार पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां संपन्न होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल परिवर्तन का संदेश देगा।

छापेमारी पर खड़े के सवाल

वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के खास सलाहकार रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने उत्तर प्रदेश सहित देश के कुछ हिस्सों में हुई छापेमारी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 8 सालों में किसी भाजपा लीडर के यहां छापेमारी क्या हुई है? उन्होंने पुनः जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को हटाना जरूरी है। आज भारत में जितनी भी विसंगतियां हैं उतनी कभी नहीं रही है। कहां एक तरफ लाभार्थी तो दूसरी तरफ नुकसानार्थियों की भीड़ बढ़ी है।

विपक्ष की गलतियों ने भाजपा को किया मजबूत

वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी की माने तो पिछले 5 साल में ''सबका साथ सबका विकास" की बात यदि सच साबित हुई होती तो आज कोई समस्या ही ना होती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने सीधे तौर पर विपक्ष को भी अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि कमजोर विपक्ष की गलतियों के कारण ही भाजपा सत्ता में उभर कर आई है। इस दौरान उन्होंने खुलकर अपील किया कि जो बीजेपी को हरा रहे हैं उसे ही मतदाता अपना समर्थन प्रदान करें। उन्होंने कहा कि मेरा उद्देश्य भी यही है।

मीडिया के एक वर्ग पर भी खड़े किए सवाल

संचार क्रांति के युग में मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारियां भी जहां बढ़ी है वही वरिष्ठ पत्रकार सुधींद्र कुलकर्णी ने मीडिया की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए खास करके कारपोरेट मीडिया घरानों पर जो सरकार के इशारे पर नाच रहे हैं। उन्होंने जनपक्ष की रिपोर्टिंग करने वाले कलमकार के ऊपर सरकार के इशारे पर लादे गए मुकदमों की निंदा करते हुए कहा कि बेशक इसमें कोई शक नहीं कि इस सरकार में सर्वाधिक दमन मीडिया के लोगों का भी हुआ है जो खासकरके सत्ता के विपरीत रहे हैं।

कारपोरेट मीडिया की विश्वनियता पर उन्होंने सवाल खड़े करने के साथ ही साथ अपने पूर्व के भी अनुभव को साझा किया। बताया आज और कल की पत्रकारिता में निःसंदेह बड़ा बदलाव हुआ है, फिर भी पत्रकारिता का जो स्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है वह आज भी है लेकिन वह स्वरूप कारपोरेट मीडिया घरानों के चलते से सिसकता हुआ नजर आ रहा है।

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