2008 बेंगलुरु ब्लास्ट केस : सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी नेता को बताया 'खतरनाक आदमी'
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2008 के बेंगलुरु विस्फोट मामले में सुनवाई का सामना कर रहे केरल के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल नजीर मौदनी को एक 'खतरनाक आदमी' बताया। मौदनी ने बेंगलुरु को छोड़कर अपने गृहनगर केरल जाने के लिए अनुमति मांगने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि मुकदमा खत्म होने तक वह वहीं रहना चाहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि "आप एक खतरनाक आदमी हैं। जिस पीठ द्वारा आपको जमानत दी गई थी, उसका मैं हिस्सा था।"
बहरहाल, इस पीठ में बोबडे के अलावा न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन भी हैं। न्यायमूर्ति रामासुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने पहले एक वकील के रूप में उनका प्रतिनिधित्व किया होगा, और अगर यह सही है तो वह इस मामले को नहीं सुन पाएंगे।
मौदनी ने शीर्ष अदालत का रुख किया था और अपनी इस दलील के आधार पर राहत देने की अपील की थी कि इस मामले को पूरा होने में छह महीने का विलंब हो गया।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील जयंत भूषण ने पीठ के समक्ष अपनी दलील में कहा कि न्यायमूर्ति बोबडे ने उन्हें निजी कारणों से संक्षिप्त अवधि के लिए केरल की यात्रा करने की अनुमति दी थी। हालांकि, जमानत किसी अन्य पीठ द्वारा दी गई थी।
मौदनी के वकील ने न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यम द्वारा किए गए अवलोकन को सत्यापित करने के लिए समय मांगा। मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने इसे अगले सप्ताह सुनवाई के लिए निर्धारित किया।