Swami Prasad Maurya News: स्वामी प्रसाद मौर्य का ओपी राजभर पर निशाना कहा, राजभर की पार्टी 20 साल पुरानी फिर भी अपने दमपर नहीं जितवा पाए एक भी विधायक
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Swami Prasad Maurya News: ओपी राजभर और अखिलेश यादव के बीच पिछले काफी दिनों से सियासी ड्रामा जारी है। ओपी राजभर ने अखिलेश यादव की पार्टी जब से छोड़ी है। तब से दोनों तरफ से अलग-अलग बयानबाजी जारी है। सपा की तरफ से साफ शब्दों में कह दिया गया था कि राजभर को जहां ज्यादा सम्मान मिले वह वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं। जिसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने कहा था, उन्हें भी ये 'तलाक' मंजूर है।
राजभर का करारा जवाब
भाजपा से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य का एक बयान सामने आया है। स्वामी प्रसाद ने ओपी राजभर को अपरिपक्व बताते हुए उन पर तंज कसा है। मौर्य ने राजभर पर निशाना साधते हुए कहा, कि राजभर की पार्टी 20 साल पुरानी है लेकिन आजतक वो अपने दमपर एक भी विधायक नहीं जितवा पाये। स्वामी प्रसाद की इस बयानबाजी पर राजभर ने करारा जवाब दिया है।
बीजेपी की कृपा से मंत्री बने
राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब देते हुए कहा, ये जगजाहिर है कि बसपा की कृपा से वो विधायक व मंत्री बने। इसके बाद वो भाजपा में गए तो वहां बीजेपी की कृपा से मंत्री बने। राजभर ने कहा कि हम अपरिपक्व हैं, अच्छी बात है उनसे सीखेंगे, वो हमारे बड़े भाई हैं। ओपी राजभर ने तंज कसते हुए कहा, वो जहां से चुनाव लड़े, वहां पूरा जिला ही साफ हो गया, लेकिन जहां से हम चुनाव लड़े, गाजीपुर से वहां पूरा जिला ही जीत लिया। राजभर ने कहा कि मैंने चार जिलों में भाजपा का खाता तक खुलने नहीं दिया।
पार्टी के विचार एकदम शून्य
राजभर ने कहा कि में भाजपा के साथ था तो भाजपा पूर्वांचल में चुनाव जीती लेकिन भाजपा का साथ छोड़ा तो चार जिलों में बीजेपी का खाता तक नहीं खुल पाया। अब इसे मौर्य खुद तय कर सकते हैं कि कौन किस स्थान पर है। मौर्य ने कहा कि राजभर सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। राजभर केवल हवा हवाई राजनीति में विश्वास रखते हैं। उनकी पार्टी के विचार एकदम शून्य हैं। अगर विचारों की गंभीरता होती तो गठबंधन को हंसी मजाक का विषय नहीं बनाते। स्वामी मौर्य ने कहा राजनीति हिस्सेदारी की होती है या विचारों की होती है।
एक भी विधायक नहीं जितवा पाए
मौर्य ने तंज कसते हुए कहा, कि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी 20 साल पुरानी है। लेकिन अपने दम पर वह एक भी विधायक नहीं जितवा पाए। उन्होंने भाजपा से गठबंधन किया तो उनके चार विधायक जीते थे। 2022 में सपा से गठबंधन किया तो छह विधायक जीते। ओम प्रकाश राजभर को पहले से हिस्सेदारी कहीं ज्यादा मिली और साथ में सीट भी ज्यादा जीती।