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राजनीति

मोदी सरकार की अदभुत कूटनीति : भगवा ब्रिगेड ने राहुल गांधी को बना दिया चीन से बड़ा खतरा

Janjwar Desk
17 Dec 2022 4:24 PM GMT
मोदी सरकार की अदभुत कूटनीति : भगवा ब्रिगेड ने राहुल गांधी को बना दिया चीन से बड़ा खतरा
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file photo

हर बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार का चीन प्रेम लोगों की आंख का किरकिरी बन रहा है। चीन मामले में मोदी सरकार से सवाल पूछने पर इन दिनों विपक्ष भगवा ब्रिगेड के खासे निशाने पर है....

China vs India and PM Modi : भारत चीन सीमा पर स्थित लद्दाख के गलवान इलाके में चीन की अवैध घुसपैठ के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की "न कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही किसी ने कोई कब्जा किया है" की गर्वोक्ति के बाद चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ कर भारत भूमि पर किए गए कब्जे की पुष्टि होने के बाद से ही चीन मुद्दे पर बैकफुट पर चल रही केंद्र सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है। हर बार की तरह इस बार भी मोदी सरकार का चीन प्रेम लोगों की आंख का किरकिरी बन रहा है। चीन मामले में मोदी सरकार से सवाल पूछने पर इन दिनों विपक्ष भगवा ब्रिगेड के खासे निशाने पर है।

दरअसल मोदी सरकार की तकलीफ यह है कि वह कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को ही अपने लिए वास्तविक खतरा मानते हुए उनका चरित्र हनन करने पर उतारू रहती है। इसी खतरे के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी अभी तक राहुल गांधी को "पप्पू" साबित करने के लिए अरबों रुपए सोशल मीडिया, मेनस्ट्रीम मीडिया पर खर्च कर उन्हें उपहास का पात्र बनाने पर आमादा है, लेकिन भाजपा की इन तमाम कोशिशों के बीच बीते आठ सालों से राहुल हर बार कुछ ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर भाजपा को घेरने के लिए सफल हो जाते हैं, जो भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा करते हैं।

अपनी इसी विराट और दूर की सोच के कारण कोरोना काल में भी जब राहुल देशवासियों को इसके खतरे बता रहे थे, तब पूरी भाजपा इसे देशवासियों को डराने का प्रयास बताकर राहुल को झुठलाने में लगे थे, लेकिन कोरोना पर राहुल की सभी भविष्यवाणियां सही साबित होने के बाद बैक फुट पर आई सरकार ने अपनी उन गलतियों से भी कोई सबक नहीं लिया।

बीते कुछ समय से राहुल गांधी देश को चीन की ओर से बढ़ते तमाम खतरों के प्रति आगाह कर रहे हैं, लेकिन राहुल की शंकाओं के सत्य साबित होने के बाद भी केंद्र सरकार राहुल को श्रेय मिलने के खतरे के कारण इस मुद्दे पर न केवल चुप्पी साधे हुए हैं, बल्कि देशवासियों को गुमराह करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झूठ बोलने के लिए मैदान में आ जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक दिन पहले शुक्रवार 16 दिसंबर को जयपुर में देश विदेश में चर्चाओं में आ रही "भारत जोड़ो यात्रा" के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है और केंद्र सरकार सो रही है। खतरे को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है" तो पूरी भगवा पलटन उनके इस बयान पर तिलमिला गई।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जयपुर में भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने देश के बेहद संवेदनशील मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि "चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है और केंद्र सरकार सो रही है। खतरे को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है। राहुल ने आरोप लगाया कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय इलाके में कब्जा कर लिया है। हमारे 20 भारतीय सैनिकों को मार डाला और अरुणाचल प्रदेश में हमारे जवानों की पिटाई की जा रही है।" हालांकि यह राहुल की सदायशता ही थी कि इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के उस झूठ का उल्लेख नहीं किया जब लद्दाख के गलवान में चीन की घुसपैठ के दौरान उन्होंने "न कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही किसी ने कोई कब्जा किया है" सरीखा बयान देकर पूरे देश को गुमराह किया था।

लेकिन भारत की अस्मिता से जुड़े इस सवाल को करते ही पूरी भगवा पलटन बजाए राहुल के सवाल का जवाब देने के उल्टे उन पर ही हमलावर होकर सवाल से बचने की कोशिश करने लगी। राहुल के इस बयान के बाद तिलमिलाई भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठन अपने चिर परिचित अंदाज में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ही हमलावर हो उठे।

हालांकि इस कोशिश में भी भगवा पलटन के पास कहने को नया कुछ नहीं था। यहां भी वह एक पुरानी रट "बयान देशविरोधी है" के सहारे ही इस संकट से निकलने की कोशिश करती दिखाई दी। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी का यह दांव उल्टा पड़ गया। राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने ही भारत-चीन झड़प के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सात सवाल पूछकर उन्हें असहज स्थिति में धकेल दिया है।

कांग्रेस ने चीन से जुड़े तमाम पिछले घटनाक्रमों के आलोक में सवाल उठाते कहा है कि चीन से प्रधानमंत्री घबरा क्यों जाते हैं ? आखिर इसके पीछे क्या राज है? चीन की ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को बार-बार ठेके क्यों और किस मजबूरी के तहत दिए जाते हैं? इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करते हुए सवाल है कि "आपका चीन के साथ क्या रिश्ता है? इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रभारी महासचिव संचार जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए राहुल गांधी की देश में बढ़ती हुई ताक़त को इंगित करते हुए कहा कि "पिछले 100 दिन से भारत के लोगों की पीड़ा, आशा और आकांक्षाओं को सुनते हुए एक दिन में 20-25 किलोमीटर पैदल चलने वाले एक आदमी पर हमला करने के लिए अपने ढोल-नगाड़ों के जरिए विचलित या भटकाया नहीं जा सकता है। जवाब दो, प्रधानमंत्री!'

इसी क्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रभारी पवन खेड़ा ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि 'प्रधानमंत्री चीन से क्यों डरते हैं, इसके पीछे क्या राज है? आप बार-बार चीन की ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेके क्यों देते हैं? चीन आपका क्या रिश्ता है? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चीन प्रेम पर उंगली उठाते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने अपने ट्विटर हैंडल @Pawankhera के माध्यम से जो सवाल उठाये हैं वह कुछ इस तरह हैं।

1. चीन से प्रधानमंत्री घबरा क्यों जाते हैं? आखिर इसके पीछे क्या राज है? आप चीन की ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को बार-बार ठेके क्यों दे देते हो?

2.आपका चीन के साथ क्या रिश्ता है? 20 जून, 2020 को आपने ऐसा क्यों कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में चीन की ओर से कोई घुसपैठ नहीं हुई है?

3. आपने चीनियों को हमारे सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में हजारों वर्ग किलोमीटर तक पहुंच रोकने की अनुमति क्यों दी, जहां हम मई से पहले नियमित रूप से गश्त कर रहे थे?

4.आपने माउंटेन स्ट्राइक कोर की स्थापना के लिए 17 जुलाई 2013 को कैबिनेट द्वारा स्वीकृत योजना को क्यों छोड़ दिया?

5. आपने चीनी कंपनियों को पीएम केयर्स में योगदान करने की अनुमति क्यों दी है? आपने पिछले दो वर्षों में चीन से आयात को रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने की अनुमति क्यों दी है?

6. आप इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि सीमा की स्थिति और चीन से हमारे सामने आने वाली चुनौतियों पर संसद में बहस नहीं होनी चाहिए?

7. आपने शीर्ष चीनी नेतृत्व से अभूतपूर्व 18 बार मुलाकात की है और हाल ही में बाली में शी जिनपिंग से हाथ मिलाया है। इसके तुरंत बाद चीन ने तवांग में घुसपैठ शुरू कर दी और सीमा की स्थिति में एकतरफा बदलाव करना जारी रखा। आप देश को इन मामलों में भरोसे में क्यों नहीं लेते?

इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि "इन सात सवालों पर मन की बात करना प्रधानमंत्री का राजनीतिक कर्तव्य और नैतिक दायित्व है। देश जानना चाहता है। लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए यह सभी सवाल भारतीय जनता पार्टी को पूरी तरह बेनकाब करने वाले होने के कारण भाजपा न केवल इनके जवाब से बच रही है, बल्कि अपनी चिर परिचित शैली में विरोधियों के ही चरित्र हनन पर उतारू हो रही है।

भाजपा अपनी इस कोशिश में भले ही उठ रहे इन सवालों पर एक बार फिर अपने आईटी सेल के दम पर देश को गुमराह करने में सफल भले ही हो जाए लेकिन यह देश की अस्मिता से जुड़े इन सवालों का सही समय पर जवाब न मिलना देश के लिए ही घातक होगा।

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