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राजनीति

UP Election 2022 : अखिलेश यादव से पहले आडवाणी और शत्रुघन सिन्हा भी कर चुके हैं जिन्ना की तारीफ

Janjwar Desk
1 Nov 2021 1:36 PM GMT
UP Election 2022 : अखिलेश यादव से पहले आडवाणी और शत्रुघन सिन्हा भी कर चुके हैं जिन्ना की तारीफ
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अखिलेश ने कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही संस्थान में पढ़ाई की। वे बैरिस्टर बन गए और भारत की आजादी के लिए लड़े।

पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की यूपी चुनाव में एंट्री हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ​अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना की तारीफ करने के बाद से बीजेपी उन पर हमलावर हो गई। बीजेपी और सपा की बयानबाजी में बहुजन समाज पार्टी और औवेसी की पार्टी भी शामिल हो गये हैं। वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब जिन्ना का जिक्र आया हो और देश की राजनीति का पारा ऊपर न चढ़ा हो। अखिलेश यादव से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और कांग्रेस नेता प्रसिद्ध अभिनेता शत्रुघन सिन्हा भी जिन्ना की तारीफ कर विपक्ष के निशाने पर आ चुके हैं। पिछले दिनों राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के वक्त जिन्ना का मुद्दा गरमाया था।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेपिछले दिनों राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के वक्त जिन्ना का मुद्दा गरमाया था।श यादव समाजवादी विजय रथ लेकर रविवार को हरदोई पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना (मुहम्मद अली) ने एक ही संस्थान में पढ़ाई की। वे बैरिस्टर बन गए और भारत की आजादी के लिए लड़े। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने एक विचारधारा (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाया।

आडवाणी ने जिन्ना को 'सेकुलर' और 'हिंदू मुस्लिम एकता का दूत' बताया था

जून 2005 में बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने 4 जून को जिन्ना की मजार पर एक भाषण दिया था। अपने भाषण में आडवाणी ने उन्हें 'सेकुलर' और 'हिंदू मुस्लिम एकता का दूत' करार दिया था। आडवाणी 6 जून को दिल्ली आए तो उन्हें एयरपोर्ट पर 'जिन्ना समर्थक वापस जाओ' के नारे सुनने पड़े। 7 जून को आडवाणी ने अपने विश्वस्त और पार्टी में उस समय उपाध्यक्ष वैंकेया नायडू को संबोधित करते हुए इस्तीफा दे दिया। उसी शाम पार्टी के दूसरी पांत के नेता मिले और रस्मी तौर पर आडवाणी से इस्तीफा वापस लेने की मांग की। आडवाणी ने कह दिया कि वह सोचकर बताएंगे. मगर उसके बाद उनकी क्राइसिस मैनेजमेंट टीम डैमेज कंट्रोल नहीं कर पाई। संघ ने अपनी चलाई और राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बना दिया गया।

शत्रुघ्न सिन्हा ने भी की थी जिन्ना की तारीफ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ के लिए प्रचार करने गए शत्रुघ्न सिन्हा ने भी मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि जिन्ना ने भारत के विकास और आजादी में बड़ा योगदान दिया है। सरदार पटेल से लेकर नेहरू तक, महात्मा गांधी से लेकर जिन्ना तक, इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी में आया हूं। हालांकि विवाद बढ़ते ही सिन्हा पलट गए। उन्होंने कहा कि वह मौलाना आजाद का नाम लेना चाहते थे, लेकिन गलती से जिन्ना का नाम मुंह से निकल गया।

बीजेपी ने अखिलेश को घेरा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना को गांधी-नेहरू-पटेल जैसा फ्रीडम फाइटर बताने पर बीजेपी ने घेरा है। यूपी सियासत में बहस शुरू हो गई है। सीएम योगी ने कहा, 'समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कल जिन्ना और सरदार पटेल की तुलना की. ये शर्मनाक है। ये तालिबानी मानसिकता है जो बांटने में विश्वास रखती है। सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया था।' उन्होंने कहा कि अखिलेश को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। हमलावर मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि विभाजनकारी जिन्ना की विचारधारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू की विचारधारा है कह कर अखिलेश ने देश के महापुरुषों का अपमान किया है। उन्हें इसके लिए माफ़ी मांगना चाहिए। इससे पहले रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट किया है कि "सरदार पटेल की जयंती पर अखिलेश यादव मोहम्मद अली जिन्ना का गुणगान क्यों कर रहे हैं।" योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने अखिलेश यादव का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया 'सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर भी इनको अपने आदर्श 'जिन्‍ना' याद आ ही गए.''

ओवैसी ने दी अखिलेश को सलाह

एआइएमआइएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा कि उनको समझना चाहिए कि भारतीय मुसलमानों का मुहम्मद अली जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे बुजुर्गों ने दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत को अपना देश चुना। अगर अखिलेश यादव सोचते हैं कि इस तरह के बयान देकर वह लोगों के एक वर्ग को खुश कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं और उन्हें अपने सलाहकारों को बदलना चाहिए। उन्हें भी खुद को शिक्षित करना चाहिए और कुछ इतिहास पढ़ना चाहिए।

समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को आइना दिखाया

बीजेपी की तरफ से तीखे हमलों के बाद अब अखिलेश यादव की तरफ से एसपी नेताओं ने भी पलटवार किया है। एसपी के डिजिटल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने ट्वीट कर कहा है, 'भाजपा के पितामह आडवाणी ने जिन्ना को सबसे अच्छा नेता बताया था और उनकी कब्र पर जाकर माथा टेका था, अटल ने मुशर्रफ को बिरयानी खिलाई थी, मोदी ने नवाज़ शरीफ़ के यहां जाकर माथा टेका था! ये हैं भाजपाइयों का पाकिस्तानी प्रेम!'

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