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राजनीति

UP Election 2022 : बीजेपी में शामिल हुए दो बार के सपा विधायक सुभाष पासी

Janjwar Desk
2 Nov 2021 10:08 AM GMT
UP Election 2022 : बीजेपी में शामिल हुए दो बार के सपा विधायक सुभाष पासी
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बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद सुभाष पासी ने कहा बीजेपी के मूल्य, सीएम योगी के काम और पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ली।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नेताओं का दल-बदल पूरे उफान पर है। गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट से दो बार के विधायक सुभाष पासी (SP MLA Subhash Pasi) अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को बीजेपी में शामिल गये। यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (UP BJP President Swatantradev Singh) की मौजूदगी में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यासागर सोनकर को हराया था। गाजीपुर जिले के सैदपुर से लगातार दो बार विधायक सुभाष पासी के भाजपा में शामिल होने से पहले समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।

पिछले दिनों ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने बीजेपी विधायक राकेश राठौर को पार्टी में शामिल करवाया तो अब बीजेपी (BJP) ने दो बार के सपा विधायक सुभाष पासी (SP MLA Subhash Pasi) को अपने पाले में कर लिया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने सुभाष पासी की पत्नी को सपा महिला सभा का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया था। इससे पहले सुभाष पासी ने गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाक़ात की थी।

सुभाष पासी मूल रूप से देवकली ब्लाक के डिहिया गांव के रहने वाले हैं। वर्ष 2012 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बन गए। इनका मुख्य कारोबार मुंबई में है और परिवार के साथ वहीं रहते हैं। सुभाष पासी के अलावा ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य भी भाजपा में शामिल हुए।

बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद सुभाष पासी ने कहा बीजेपी के मूल्य, सीएम योगी के काम और पीएम मोदी के नेतृत्व से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ली। सीएम योगी ने सूबे में अपराध पर लगाम लगाया और कानून व्यवस्था प्रदेश में बेहतर हुई।

उन्होंने कहा कि दलित समाज से आता हूं और अपने समाज के लिए काम करने की लिए बीजेपी में आया हूं. हमारे क्षेत्र की 8 सुरक्षित विधानसभा सीटों पर हमारा प्रभाव है, जहां बीजेपी को पुरजोर तरीके से जिताने का काम करेंगे। दिनेश निरहुआ मेरा छोटा भाई और पार्टी के साथ लगातार जुड़े रहे। सुभाष पासी ने कहा कि सीएम योगी ने बुला कर मुझसे बात की क्षेत्र के काम और विकास के लिए चर्चा हुई।

गाजीपुर जिले के सैदपुर से लगातार दो बार विधायक सुभाष पासी के भाजपा में शामिल होने से पहले समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। पार्टी की तरफ ट्वीट कर कहा गया कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। इस कारण उन्हें समाजवादी पार्टी से निकाला जाता है। सुभाष पासी के भाजपा में शामिल होने से गाजीपुर में सपा का बड़ा नुकसान माना जा रहा है। सुभाष ने 2017 में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यासागर सोनकर को हराया था। उस चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत सैदपुर में झोंक दी थी। सुभाष पासी मूल रूप से मालवीय नगर, नगर पंचायत सैदपुर, के रहने वाले हैं उनकी पत्नी रीना पासी जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

1996 के बाद से कमल नहीं खिला

जनपद गाजीपुर की सैदपुर विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां से 1996 के बाद से बीजेपी का कमल कभी नहीं खिला। पिछले चार चुनावों की बात करें तो दो-दो बार सपा-बसपा के प्रत्याशी की जीत हुई है। 1996 में बीजेपी के टिकट पर महेंद्र नाथ बीजेपी के टिकट पर जीते थे। इसके बाद 2002 और 2007 में बसपा के कैलाश नाथ सिंह और दीनानाथ पांडेय की जीत हुई थी। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के टिकट पर सुभाष पासी ने जीत दर्जकर विधानसभा पहुंचे। अब उनके बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी को उम्मीद है कि वे इस बार सैदपुर सीट अपनी झोली में डालने में कामयाब रहेगी।

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