UP Election 2022 : योगी 5 साल के विकास पर नहीं राम और मंदिर के भरोसे अयोध्या से लड़ेंगे चुनाव
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। जहां एक तरफ विपक्ष योगी सरकार को विकास के मुद्दे पर घेर रही है तो वहीं बीजेपी इस बार चुनाव में राम और मंदिर के मुद्दे को लेकर चुनाव में उतरी है। यह मुद्दा इतना गर्माता हुआ नजर आ रहा है, कि साफ कहा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 5 साल के विकास के काम पर नहीं बल्कि राम और मंदिर के नाम पर वोट साधने की तैयारी में है।
राम मंदिर निर्माण की लहर
विधानसभा चुनाव में भाजपा राम मंदिर निर्माण की लहर बहा रही है। राष्ट्रवाद को धार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा के साथ मुख्यमंत्री के करीबी लोगों ने अयोध्या में योगी की चुनावी जमीन पर तैयारी करना शुरू कर दिया है। बता दें कि बुधवार को भाजपा की ओर से कमेटी की बैठक में भी योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाने पर सहमति बनी थी। भारतीय जनता पार्टी के लिए अयोध्या हिंदुत्व की प्रयोगशाला के रूप में जितनी सफल रही, उतनी ही राजनीतिक सफलता का मूल मंत्र भी साबित हुई है। इन सब को देखते हुए साफ है कि योगी आदित्यनाथ 5 साल के विकास पर नहीं बल्कि राम और मंदिर के भरोसे अयोध्या से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
राम जन्मभूमि को बनाया मुद्दा
भाजपा को हिंदुत्व और मंदिर के ब्रह्मास्त्र पर इतना भरोसा है कि वह अपने विकास के कार्यों से नहीं बल्कि राम जन्म भूमि को मुद्दा बनाकर जीतने की तैयारी में है। भाजपा ने प्रयोगशाला के रूप में अयोध्या को चुना और श्री राम जन्म भूमि के मुद्दे को अपने एजेंडे का केंद्र बिंदु बना दिया। इस मुद्दे के इर्द-गिर्द हिंदुत्व की ऐसी मजबूत व्यूह रचना तैयार हुई, जिसने भाजपा को यूपी से दिल्ली तक पहुंचा दिया और साथ ही साथ हिंदुत्व वाली सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी का चेहरा बनाया।
बीजेपी बना रही है अयोध्या को ट्रंप कार्ड
योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ने के मायने तलाशें जाए तो बात बिल्कुल साफ दिखती है कि भाजपा के लिए अयोध्या 2022 का ट्रंप कार्ड बन सकती है। इसके सहारे बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे को ऐसी धार देना चाहती है, जिससे बाकी समीकरण धरे के धरे रह जाए। इसलिए योगी आदित्यनाथ राम जन्मभूमि और अयोध्या के मुद्दे को इतना मजबूत बना रही है कि उत्तर प्रदेश में विकास के नाम पर सवाल खड़ा ना हो|
बता दें कि योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से ऐसा जुड़ाव है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद से आचार संहिता लगने से पहले तक वे 42 बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। हिंदुत्व के मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ की छवि स्पष्ट और मुखर होकर बोलने रही है। ऐसे में उनका अयोध्या में चुनाव लड़ना केवल हिंदुत्व और राम और मंदिर के मुद्दे पर केंद्रित है।
अयोध्या का 42 बार कर चुके हैं दौरा
योगी आदित्यनाथ जब से मुख्यमंत्री बने हैं तब से उन्होंने राम और मंदिर के मुद्दे को मजबूत बनाने की कोशिश की है। योगी ने मुख्यमंत्री के काल के दौरान 42 बार अयोध्या आने का रिकॉर्ड भी बनाया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा 80 बनाम 20 के नारे के साथ में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण और भविष्य में मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मुद्दा बना रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सत्ता संभालते ही अयोध्या को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। योगी आदित्यनाथ ने दिवाली पर हर वर्ष अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन के सात अयोध्या के घाटों, मंदिरों के निर्माण पर जोर दिया है।
राम नाम पर चुनाव लड़ने की तैयारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ राम के नाम पर वोट मांगने की तैयारी में जुटे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने से राम जन्मभूमि और मंदिर का मुद्दा मजबूत होगा। जिसके सहारे अवध और पूर्वांचल के सीटों पर भी भाजपा को बढ़त मिलेगी।
राम मुद्दे पर बना भजन
राम जन्मभूमि और मंदिर के मुद्दे को इतना मजबूत बनाया जा रहा है कि इसके सहारे योगी आदित्यनाथ जनता से वोट की अपील आसानी से कर सकते हैं। योगी के अयोध्या के चुनाव लड़ने पर भजन गायक कन्हैया मित्तल की ओर से भजन भी गाया गया है। यह भजन में राम मंदिर के मुद्दे पर बना है। योगी आदित्यनाथ के अयोध्या के चुनाव लड़ने पर कन्हैया मित्तल की ओर से गाया गया भजन 'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे' भजन सटीक बैठेगा। चुनाव में बीजेपी इस भजन के जरिए अपना प्रचार प्रसार तेजी से कर रही है।