UP election 2022 : राजनीति में Owaisi बड़ा नाम, संकट में पहचान, जानें AIMIM प्रमुख की असली ...
भारतीय राजनीति की लैला असदुद्दीन ओवैसी।
धीरेंद्र मिश्र/ नई दिल्ली : ये बात सच है कि भारतीय राजनति में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ( Asaduddin Owaisi ) लोकप्रिय और बड़ा नाम है। इसके बावजूद उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि वो जैसे ही हैदराबाद से बाहर निकलते हैं उनका सियासी पहचान संकट में पड़ जाता है। इसके लिए उन्हें कम कम उनके विरोधियों को ज्यादा जिम्मेदार माना जा सकता है। कोई उन्हें एजेंट, कोई वोट कटवा तो कोई खुला सांड उपनाम से पुकारता है। संभवत: यही वजह है कि इतने उपनामों से नवाजे जा चुके ओवैसी खुद को भारतीय 'राजनीति की लैला' और 'विरोधियों का मजनूं'बताते हैं।
हिंदुओं में भी फैन फॉलोइंग कम नहीं
हाल ही में उन्होंने कह दिया है कि वो क्या हैं ये विरोधी ही आपस में मिलकर तय कर लें। राजनीति में उनकी यही स्वीकारोक्ति उनके सियासी वजूद का आधार भी है। लेकिन ओवैसी की ये पॉलिटिकल लाइन इस कदर हिट है कि मुस्लिम ( Muslim) समुदाय में उनकी फैन फॉलोइंग बढ़ती ही जा रही है। हिंदू सहित अन्य समुदायों में भी उनकी फैन फॉलोइंग कम नहीं है।
खालिस तरीके से मुस्लिम राजनीति करने वाले असदुद्दीन ओवैसी का नाम और काम बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अपना डंका बजा चुका है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Assembly Elections 2022 ) के मद्देनजर अब ओवैसी का सियासी कारवां उत्तर प्रदेश में दखल देने आ चुके हैं। लेकिन, राजनीति की ये लैला उत्तर प्रदेश में आकर 'चाचा जान' बन गई है।
यूपी में 'चाचा जान'
किसान आंदोलन का चेहरा बन चुके राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) इन दिनों मिशन यूपी के तहत भाजपा (BJP) के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में बागपत की एक सभा में राकेश टिकैत ने असदुद्दीन ओवैसी को भाजपा का चाचाजान बता चुके हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा के चाचा जान असदुद्दीन ओवैसी यूपी आ गए हैं। अगर ओवैसी भाजपा को गाली भी देंगे, तो भी उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं होगा, क्योंकि बीजेपी और ओवैसी एक ही टीम हैं...।
तोगड़िया ने ओवैसी को बताया भाजपा का सेल्समैन
दो दिन पहले रायबरेली में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया पर तंज कसते हुए कहा कि वो BJP की मार्केटिंग कर रहे है। उन्होंने कहा कि असदुद्दीन बिहार चुनाव में न होते यादवों की सरकार बन जाती। ओवैसी भाजपा की मार्केटिंग कर रहे हैं और योगी जी को उन्हें सवा रुपये मार्केटिंग फीस भेज देनी चाहिए। उन्हें CM योगी भेजें सवा रुपए की फीस भेजेंं। प्रवीण तोगड़िया ने अशोक सिंघल, परामहंसदास, बाल ठाकरे और महंत अवैद्यनाथ का नाम लेते हुए कहा कि इन चारों ने ही देश के सौ करोड़ हिंदुओं की ताकत को एकजुट किया, जिससे राम मंदिर बन सका। प्रवीण तोगड़िया ने मोदी सरकार से अशोक सिंघल, परामहंसदास, बाल ठाकरे और महंत अवैद्यनाथ को भारत रत्न देने की अपील की है।
विपक्ष पर ली चुटकी
रायबरेली पहुंचे प्रवीण तोगड़िया ने विपक्षियों के सॉफ्ट हिंदुत्व पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि आनंद की बात है कि भारतीय राजनीति का हिन्दुकरण हो गया है। आज प्रियंका मंत्रों का पाठ कर रही हैं, राहुल गांधी जनेऊ दिखा रहे हैं। अखिलेश यादव मथुरा के विकास की बात कर रहे हैं। साथ ही कहा कि ओवैसी भाजपा की मार्केटिंग कर रहे हैं और योगी जी को उन्हें सवा रुपये मार्केटिंग फीस भेज देनी चाहिए।
योगी ने बताया सपा का 'एजेंट'
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 23 नवंबर को कानपुर में असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोला था। सीएम योगी ने ओवैसी को समाजवादी पार्टी का एजेंट बताते हुए भावनाओं को भड़काने के आरोप भी लगाए थे। इसी तरह सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी असदुद्दीन ओवैसी भाजपा का एजेंट बता चुके हैं।
कांग्रेस ने "वोट कटवा"
पिछले साल बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 के बाद ओवैसी को कांग्रेस ने "वोट कटवा" कहा था। ओवैसी की पार्टी ने महत्वपूर्ण सीमांचल क्षेत्र में 20 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। पार्टी ने मुस्लिम वोटों को विभाजित करते हुए पांच सीटें जीती थीं और इस क्षेत्र में व्यापक जीत की महागठबंधन की उम्मीदों को कुचल दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी साहब की पार्टी का इस्तेमाल करने की बीजेपी की रणनीति एक हद तक सफल रही है। सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को वोट-कटर ओवैसी साहब के बारे में सतर्क रहना चाहिए। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें सीधे तौर पर "भाजपा एजेंट" कहा था।
वह बेलगाम सांड है...
26 नवंबर को राकेश टिकैत भाारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने हैदराबाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा था। टिकैत ने एक जन सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि एक आप लोगों ने नाथ वाला बेलगाम सांड छोड़ दिया है, जो बीजेपी की मदद करता हुआ घूम रहा है। उसको यही बांधकर रखो। उसको यहां से बाहर मत जाने दो। वह बोलते कुछ और हैं और उनका मकसद कुछ और होता है।' टिकैत ने आगे कहा कि वह केवल बीजेपी की मदद करता है यह बात पुरे देश को पता है। बीजेपी और ये ( ओवैसी) एक ही टीम के लोग हैं।
असदुद्दीन ओवैसी - तीनों बैठकर तय कर लें कि मैं क्या हूं?
25 नवंबर को जौनपुर सूम्बुलपुर गुरैनी में शोषित वंचित समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा था कि 'योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि मैं सपा का एजेंट हूं और अखिलेश यादव कहते हैं कि मैं भाजपा का एजेंट हूं। कांग्रेस कहती है कि मैं बीजेपी की बी टीम हूं। मैं उन सभी से कहना चाहता हूं कि तीनों बैठकर आपस में तय कर लें कि मैं किसका एजेंट हूं।
क्या हैं ओवैसी?
दरअसल, असादुदीन ओवैसी भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ओवैसी पहली बार 2004 में हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। उसके बाद वे 2009 और 2014 के आम चुनाव में भी हैदराबाद क्षेत्र से सांसद चुने गए। 2019 के आम चुनाव में वह अपनी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन से फिर एक बार हैदराबाद क्षेत्र से उम्मीदवार हैं। असदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी भी एक राजनेता थे। वह दो दशक से भी अधिक तक हैदराबाद के सांसद रहे।
वह हैदराबाद के निजाम कॉलेज ( उस्मानिया विश्वविद्यालय ) से कला में स्नातक हैं। वह पेशे से एक बैरिस्टर हैं और लंदन के लिंकन इन में अध्ययन कर चुके हैं। उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी तेलंगाना विधानसभा के सदस्य हैं। उनका सबसे छोटा भाई बुरहानुद्दीन ओवैसी इटैमाद के संपादक हैं। ओवैसी की शादी फरहीन ओवैसी से हुई है। दंपति के छह बच्चे हैं जिनमें एक बेटा, सुल्तान uddin ओवैसी और पांच बेटियां - खुदसिया ओवैसी, यासमीन ओवैसी, अमीना ओवैसी, महेन ओवैसी और अतिका ओवैसी शामिल हैं।