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राजनीति

UP Election 2022 : चुनाव नजदीक आते ही योगी को याद आया 2017 का वादा, मुफ्त लैपटाप और स्मार्टफोन का दिया ताजा लॉलीपॉप

Janjwar Desk
29 Oct 2021 1:15 PM GMT
UP Election 2022 : चुनाव नजदीक आते ही योगी को याद आया 2017 का वादा, मुफ्त लैपटाप और स्मार्टफोन का दिया ताजा लॉलीपॉप
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(साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी करते भाजपा नेता)

UP Election 2022 : पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सत्ता में आने पर कॉलेज में दाखिला लेने वाले सभी युवाओं को मुफ्त लैपटाप देने का ऐलान किया था।

आशीष वशिष्ठ की रिपोर्ट

UP Election 2022। 28 जनवरी 2017 को यूपी विधानसभा से पूर्व राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 'लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017' (BJP Manifesto) जारी किया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) उस कार्यक्रम में बतौर सांसद उपस्थित थे। कुल 24 पेज के संकल्प पत्र में बीजेपी ने प्रदेश की 19 करोड़ से ज्यादा जनता के कल्याण हेतु तमाम संकल्प किये थे। इसी संकल्प पत्र के पेज नम्बर 8 पर जो लिखा है, पहले उसे पढ़ लीजिए-

मुफ्त लैपटॉप और इंटरनेट

प्रदेश के सभी युवाओं को कॉलेज में दाखिला लेने पर बिना जाति और धर्म के भेद-भाव के मुफ्त लैपटॉप दिया जाएगा। राज्य के सभी युवाओं को कॉलेज में दाखिला लेने पर स्वामी विवेकानंद युवा इंटरनेट योजना (Swami Vivekananda Youth Internet Scheme) के अन्तर्गत प्रति माह 1 जीबी इंटरनेट मुफ्त दिया जाएगा।

योगी सरकार (UP Govt) ने अपने चार साल के कार्यकाल पूरा होने पर एक पुस्तिका का वितरण किया था, जिसका स्लोगन 'वर्षों में जो न हो पाया, चार वर्ष में कर दिखाया' था। लेकिन तब भी योगी सरकार को युवाओं से किया वायदा याद नहीं रहा। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की युवाओं के लिये की जा रही घोषणाओं के बाद योगी सरकार की नींद एकाएक टूटी और उसे लगा कि युवा वोटर कहीं उसके हाथ से फिसल न जाएं। प्रदेश के लाखों युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट देने की घोषणा साढ़े चार साल पुरानी नींद टूटने का नतीजा है।

बताते चलें कि योगी सरकार प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों के युवाओं को मुफ्त टैबलेट और स्मार्टफोन बांटेगी। सरकार से यह सौगात पाने वाले युवाओं की संख्या 60 लाख से एक करोड़ तक हो सकती है। इस योजना से राज्य सरकार पर 3,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। प्रदेश में यूथ वोटर्स की संख्या करीब 30 फीसदी है।

वैसे ये पहली बार नहीं है, जब सरकार ने जनता में इस तरह के गैजेट्स बांटकर वोट बैंक बनाने की कोशिश की हो, इससे पहले साल 2012 के चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने भी छात्रों को लैपटॉप बांटने की घोषणा की थी। आज भी समाजवादी नेता अपनी सरकार के इस फैसले का जिक्र टीवी डिबेट्स और भाषणों में करते नजर आते हैं। गैजेटस की राजनीति में भाजपा, सपा के साथ कांग्रेस भी मैदान में हैं।

कांग्रेस महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी घोषणा की है कि, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो इंटरमीडिएट पास लड़कियों को स्मार्टफोन और ग्रेजुएशन पास लड़कियों को स्कूटी देंगे। पिछले दिनों योगी सरकार ने प्रदेश की एक लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन वितरित किये हैं। सरकार के इस कदम को भी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

यूपी कांग्रेस प्रवक्ता रफत फातिमा के मुताबिक, 'प्रिंयका गांधी की छात्राओं को स्मार्ट फोन और स्कूटी देने की घोषणा के बाद ही योगी सरकार की नींद टूटी है। इस सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिये कुछ नहीं किया। योगी सरकार बस जुमलेबाजी ही करती रही।'

साल 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी सरकार ने 12वीं पास करने वाले छात्रों को फ्री लैपटॉप देने की घोषणा की थी। इसके बाद पार्टी ने इस चुनाव में जीत हासिल की और बाद में ये माना गया कि लैपटॉप की घोषणा करना सपा के लिए इस चुनाव में जीत का एक अहम फैक्टर साबित हुआ। सपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के लाखों युवाओं को लैपटाॅप वितरित किये गये।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीते गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में 130 युवाओं को लैपटॉप वितरित किये हैं। इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि, 'यूपी के सीएम योगी को लैपटॉप चलाना नहीं आता है, तभी तो अपने संकल्प पत्र का वादा पूरा नहीं किया। यूपी में लैपटॉप अब तक नहीं बांटा गया। अब जब मैं बांट रहा हूं तो मुख्यमंत्री परेशान हैं कि कौन आ रहा। जनता तय कर चुुकी है कि भाजपा का सफाया करना है। सपा का लैपटाप खोलेंगे तो पता चलेगा कौन आ रहा।'

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया कहते हैं, 'यूपी के मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी की नकल करना चाहते हैं। पर वो भी नकल भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। आपको (योगी जी) समाजवादी पार्टी की नकल ही करनी थी तो पांच साल पहले कर लेते, कम से कम बच्चों को लैपटाॅप तो मिल जाता। अब तो चलाचली की बेला है। अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।'

सबसे ज्यादा युवा वोटर यूपी में

यूपी विधानसभा के चुनाव अगले साल होंगे। देश में सबसे ज्यादा विधानसभा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं, जिनकी संख्या 403 है तो वहीं सबसे ज्यादा युवा वोटर भी यूपी में ही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 के मुकाबले तकरीबन 71 लाख वोटर ज्यादा जुड़े थे और इनमें भी 18 वर्ष वाले वोटरों की संख्या 17 लाख थी। जबकि 29 वर्ष तक के युवा मतदाता की संख्या तकरीबन 27 फीसदी थी।

2014 आम चुनाव के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव में तकरीबन 57 लाख वोट अधिक पड़े थे। वहीं अगर 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो तब भी 17 लाख नए मतदाता जुड़े थे और इनमें तकरीबन 12 लाख वोटर 18 वर्ष के थे या फस्र्ट टाइम वोटर्स थे। अब आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव में युवा कितने खास हैं। युवाओं को स्मार्ट फोन और टैबलैट बांटने के अलावा बीजेपी युवा सम्मेलन और खेल के जरिये युवाओं को अपनी ओर करने की रणनीति पर भी काम कर रही है। युुवाओं को पार्टी से जोड़ने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पास है। उन्होंने लखनऊ में पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग कर इस बाबत रणनीति बनाई है।

प्रयागराज के वरिष्ठ पत्रकार विनय मिश्र के अनुसार, 'युवा वोटरों की संख्या को देखते हुए सब सियासी दल के केंद्र बिंदु में युवा सबसे आगे हैं, लेकिन आज का युवा वोटर सियासत के गुणा-गणित को अच्छी तरह से समझता है। यूपी में युवा वोटर सबसे अधिक हैं। यही नहीं, हार जीत में फर्क की रेखा यही खींचेंगे।'

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