यूपी में कोरोना की तीसरी लहर का कारण न बन जाये कल्याण सिंह की तेरहवीं, मृत्युभोज में 1 लाख लोग निमंत्रित
जनज्वार। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के त्रयोदशी संस्कार का कार्यक्रम बुधवार की सुबह 10 बजे प्रारंभ हो गया, जो देर शाम तक चलते रहने की उम्मीद है। पूरे आयोजन को अघोषित रूप से सरकारी जामा पहना देनेवाली भाजपा नेतृत्व का खुद कहना है कि इसमें एक लाख से अधिक लोग हिस्सा ले रहे हैं। सनातन परंपराओं के निर्वाहन के नाम पर एक बार फिर भाजपा की कुपमंडकतापूर्ण अवैज्ञानिक छवि यहां देखने को मिली।
कोविड 19 प्रोटोकाल (Covid Protocol) के उल्लंघन के नाम पर कानून का लगातार चाबूक चलानेवाली योगी-मोदी सरकार (Yogi-Modi Govt.) की नीति व नियति का फर्क यहां खूब देखने को मिला। भाजपा नेताओं के लिए 'सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क है जरूरी' के नारे त्रयोदशी संस्कार के कार्यक्रम में बेमतलब से रहे। यह तस्वीर ऐसे समय में सामाने आयी है, जब आमजन कोरोना की तीसरी लहर के अंदेशे को लेकर सहमा हुआ है। आयोजन में उमड़ी भीड़ को देख यह भय सताना स्वाभाविक है कि, यह उत्सव कोरोना की तीसरी लहर को फैलाने का संवाहक न बन जाए।
कोरोना काल में पूर्व मुख्यमंत्री के त्रयोदशी कार्यक्रम में भीड़ को लेकर हो रही चर्चा के बीच जरूरी है कि तकरीबन सत्रह माह पूर्व दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के आयोजन को भी आज याद कर लें। मार्च 2020 में दिल्ली के निजामुददीन में तबलीगी जमात (Tabligi Jamat) के आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी को सरकार व इसकी खुफियातंत्र ने जो तस्वीर सामने रखी उसके आधार पर देश की अधिकांश मीडिया हाउस यह प्रचारित करने में लगा रहा कि ये कोरोना बम बन कर उभरे हैं। जिनके चलते कोरोना महामारी फैल रही है। इसके बाद कानूनी कार्रवाई का सिलसिला लगातार चलता रहा।
यहीं तक नहीं विपक्षी दलों का कहना है कि इसे एक खास संप्रदाय के लोगों को निशाने पर लेने का माध्यम भी बनाया गया। अब एक बार फिर जब तीसरी लहर (Third Wave) के दस्तक देने का वैज्ञानिक अंदेशा जता रहे हैं, वैसे समय में आयोजन के नाम पर अधिक से अधिक भीड़ जुटाने का प्रयास आम लोगों को डराने लगा है। कोरोना की दूसरी लहर में लाखों की तादाद में अपनों को खो चुके लोगों को सरकार का यह आयोजन खटकने लगा है तथा अनहोनी की चिंता भी सता रही है।
एक बार फिर ऐसे ही आयोजन में लाखों की तादाद में लोगों की भागीदारी से सरकार की मंशा पर भी सवाल उठना स्वाभाविक है। एक योगी से सूबे के मुखिया तक का सफर तय कर चुके आदित्यनाथ द्वारा कोरोना को देखते हुए प्रोटोकाल का अनुपालन कराने के बजाय उनकी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पिछले कई दिनों से कल्याण सिंह के ब्रम्हभोज के इंतजाम में जुटी है।
गौरतलब है कि, कल्याण सिंह के तेरहवीं संस्कार के लिए 1400 हलवाई लगे हुए हैं। देसी घी से मिठाइयां तैयार की गई हैं। यहां राजस्थानी लड्डू से लेकर विभिन्न तरह की मिठाइयांं का इंतजाम है। इसके लिए यूपी, राजस्थान समेत अन्य कई राज्यों की हलवाइयों की टीम कई दिनों से लगी रही।
प्रशासन की निगरानी में सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ये सब राममंदिर आंदोलन के नायक के रूप में उभरे कल्याण सिंह को लोगों के जेहन में उतारकर एक बड़े हिंदु समुदाय को गोलबंद करने की मंशा के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए राममंदिर निर्माण को मूर्तरूप देने के साथ ही कल्याण सिंह की भव्य त्रयोदशी कार्यक्रम उनके लिए महत्वपूर्ण बन गया है।
कौन-कौन रहा शामिल?
इसी क्रम में घोषित कार्यक्रम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र व एटा सांसद राजवीर सिंह, उनके नाती व सूबे के वित्त राज्य मंत्री संदीप सिंह ने ब्राह्मणों को प्रसाद ग्रहण कराया। इसी के साथ ग्रामीणों के प्रसादी का कार्यक्रम भी शुरू हो गया है। दोनों क्षेत्रीय पंडाल में प्रसाद का कार्यक्रम चल रहा है। इसमें एक बार में पांच हजार से अधिक लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था है। दोपहर 12 बजे से प्रमुख लोगों के आने का क्रम शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश और प्रदेश के कई मंत्री व दिग्गज नेता त्रयोदशी में शामिल हो रहे हैं। वीवीआइपी पंडाल में स्वर्गीय कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देनेवालों का तांता लगा रहा।
देवरिया के सांसद रमापति राम त्रिपाठी, राजवीर सिंह राजू भैया, वित्त राज्य मंत्री संदीप सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के छाया चित्र पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के पहुंचने की सूचना है।
इनके अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री बलजीत सिंह औलख, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, राज्य सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार, राज्यसभा से सांसद ओम प्रकाश माथुर, अलीगढ जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश राणा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, केंद्रीय पिछडा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल, विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश, सेवा प्रमुख धनीराम, भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल, सह संगठन मंत्री कर्मवीर के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों के बडे नेता भी कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं।
अब यह देखा जाना अधिक महत्वपूर्ण रहेगा कि, कि कुंभ से लेकर यूपी के पंचायत चुनाव पर सरकार को लताड़ने वाली सर्वोच्च न्यायालय त्रयोदशी के आयोजन पर क्या हुक्म सुनाती है। या फिर मौन साधना में लीन होकर देर रात तक ब्रहमभोज का मजा लिया जाता रहेगा।