सोशल मीडिया पर फैली कल्याण सिंह के मौत की अफवाह तो ट्वीट कर कहा प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से हो रहा हूं ठीक
यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है (file pic)
जनज्वार। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह पिछले दिनों हार्ट अटैक आने के बाद से क्रिटिकल बने हुए थे, जिसके बाद कल 8 जुलाई से उनकी मौत की अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग चुका है। इनमें भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हैं। यानी कि भाजपा वालों को भी नहीं पता कि कल्याण सिंह ठीक हो रहे हैं या फिर उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, उनकी मौत हो चुकी है।
मगर आज 9 जुलाई को उन्होंने ट्वीट कर खुद कहा है कि 'प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद एवं आप सभी देश व प्रदेशवासियों के प्रार्थना व स्नेह से स्वास्थ्य में निरन्तर सुधार हो रहा है। कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें।'
प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद एवं आप सभी देश व प्रदेशवासियों के प्रार्थना व स्नेह से स्वास्थ्य में निरन्तर सुधार हो रहा है।
— Kalyan Singh (@KalyanSinghUP) July 9, 2021
कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें। pic.twitter.com/3n4wbwAf4v
कल्याण सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए अक्षय मिश्रा कहते हैं, 'माननीय जी आप के विधायक अफवाहें फैला रहे हैं, ऐसी गलतियां आम जनमानस करें तो उसे त्रुटि कह सकते हैं किंतु भाजपा के ही विधायक ही आपके निधन का समाचार फैलाकर धरा से परलोक सिधारे दे रहे है, इनकी जल्दबाजी व इनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है।'
माननीय जी आप के विधायक अफवाहें फैला रहे हैं, ऐसी गलतियां आम जनमानस करें तो उसे त्रुटि कह सकते हैं किंतु भाजपा के ही विधायक ही आपके निधन का समाचार फैलाकर धरा से परलोक सिधारे दे रहे है,इनकी जल्दबाजी व इनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है pic.twitter.com/967r5l5bNw
— अक्षय मिश्रा (@akshayptrkaar) July 9, 2021
गौरतलब है कि कल 8 जुलाई को कल्याण सिंह से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुलाकात की थी और बताया था कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने भी उनसे मुलाकात कर हाल जाना था। हालांकि इससे पहले तक उनके स्वास्थ्य में गिरावट की खबरें ही आ रही थीं। फिलहाल उनका इलाज लखनऊ के एसजीपीजीआई में चल रहा है।
कल्याण सिंह 4 जुलाई से अस्पताल में भर्ती थे और उनकी हालत क्रिटिकल बनी हुयी थी। सबसे पहले बाबरी विध्वंस से चर्चा में आये कल्याण सिंह के कार्यकाल में ही मस्जिद ढहायी गयी थी और वे आरोपियों में भी शामिल थे। हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से क्लीनचिट मिल गयी थी। आरोप लगा था कि कल्याण सिंह ने बाबरी विध्वंस रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की, इसे विध्वंस के लिए उकसावा माना गया था।
Former UP chief minister is no more
— PANKAJ Yadav (@pnknydv) July 9, 2021
RIP sir😢
May his soul rest in peace
He was one of the strongest leader of BJP
#kalyanSingh pic.twitter.com/wqNTCJR6O0
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व राजस्थान-हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह बाबरी विध्वंस की लोहिया संस्थान में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 4 जुलाई की शाम करीब साढ़े पांच बजे पीजीआई में शिफ्ट किया गया। क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग (सीसीएम) में भर्ती कल्याण सिंह का उपचार आधा दर्जन डॉक्टरों की निगरानी में शुरू कर दिया गया था।
कल्याण सिंह की सेहत ठीक नहीं लगने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को तुरंत उन्हें पीजीआई शिफ्ट करने के निर्देश दिये थे, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री को पीजीआई शिफ्ट किया गया। कल्याण सिंह लोहिया में एक हफ्ते से अधिक समय से भर्ती हैं। 3 जुलाई की देर रात उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद तबीयत बिगड़ गई थी।
भाजपा के तेजतर्रार नेताओं में शुमार कल्याण सिंह साल 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उस समय अयोध्या बाबरी विध्वंस मामले को लेकर वह काफी चर्चा में रहे थे। उन्हीं के कार्यकाल में बाबरी मस्जिद ढहायी गयी थी, जिसमें उनकी संलिप्तता मानी जाती है। साल 1097 में वह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे और 1999 तक अपने पद पर बने रहे। कल्याण सिंह बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई जांच के घेरे में भी रहे, हालांकि बाद में उन्हें इस मामले में उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था।
बाबरी मस्जिद ढहाये जाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के दोषी होने पर उनके अधिकारी अनिल स्वरूप ने अपनी किताब में लिखा था, 'उस दिन क्या हुआ था, उन्हें इस बारे में पहले से जानकारी है। शिक्षा मंत्रालय में सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए अनिल स्वरूप ने अपनी किताब एथिकल डिलेमाज ऑफ़ ए सिविल सर्वेंट (Ethical Dilemmas of a civil servant) के एक चैप्टर में लिखा है कि बाबरी मस्जिद पर चैप्टर लिखते समय मुझे दुविधा का सामना करना पड़ा।
अनिल स्वरूप ने अपनी किताब में लिखा है, 'बीजेपी ने बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने का अभियान जोर-शोर से चलाया था। इसके बाद बीजेपी कल्याण सिंह के नेतृत्व में यूपी में सत्ता पर काबिज हुई और मुझे सूचना और जन कल्याण विभाग का डायरेक्टर बनाया गया था। कल्याण सिंह ने सही मायने में अपना काम संभाला था, वह निश्चित रूप से राम मंदिर मुद्दे के बारे में चिंतित थे, लेकिन पद संभालने पर, उन्होंने ईमानदार और उद्देश्यपूर्ण शासन देने के इरादे स्पष्ट कर दिए थे।'
उन्होंने आगे लिखा था, 'कल्याण सिंह अच्छी सरकार चलाने के लिए बेहतरीन अफसरों को ऊंचे पदों पर तैनाम कर चुके थे और डिलीवरी देने और सुधारात्मक कार्यों के लिए वह प्रतिबद्धता दिखा रहे थे। उन्होंने अच्छा काम करने की नीतियों में कमी नहीं छोड़ी, उन्हें अपने साथ काबिल अफसर भी मिले थे। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में कहा गया कि कल्याण सिंह अन्य पार्टियों के नेताओं को बाबरी मस्जिद गिराने के लिए साथ ला रहे थे।'
6 दिसंबर को कल्याण सिंह और उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत की बातचीत का जिक्र करते हुए अनिल स्वरूप ने लिखा है, वह लोगों की भीड़ के खिलाफ हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। इस तरह की बात उन्होंने ढांचे को गिराए जाने की आशंका के तहत नहीं कही थी, बल्कि वह आश्वस्त थे कि ढांचा नहीं गिराया जाएगा। इस तरह की मंडली के लिए वह जुलाई में भी विरोध में थे, लेकिन उस समय कोई अप्रिय घटना नहीं घटी थी।