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राजनीति

Uttar Pradesh News : बीजेपी नेता हत्या के आरोप में हुआ बरी तो समर्थकों ने निकाला विजय जुलूस, अब इस मामले में हुआ केस दर्ज

Janjwar Desk
9 July 2022 6:48 PM IST
Uttar Pradesh News : बीजेपी नेता हत्या के आरोप में हुआ बरी तो समर्थकों ने निकाला विजय जुलूस, अब इस मामले में हुआ केस दर्ज
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Uttar Pradesh News : हत्या के मामले में भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय बरी क्या हुए कि उनके समर्थकों ने एटा से अलीगढ़ तक जुलूस ही निकाल दिया, जिसके बाद फिर एक बार मुकदमा दर्ज हो गया है...

Uttar Pradesh News : CAA - NRC प्रोटेस्ट के दौरान अलीगढ़ में साल 2020 में हुई एक हत्या के मामले में भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बता दें विनय वार्ष्णेय को कोर्ट ने 6 जुलाई को बरी कर दिया था। जेल से बरी होने के एक दिन बाद ही विनय और उनके समर्थकों ने गुरुवार (7 जुलाई) को एटा जिला जेल से अलीगढ़ तक जुलूस निकाला। धारा 144 का उल्लंघन होने कि वजह से पुलिस ने थाना लोधा में केस दर्ज किया है।

मोहम्मद तारिक की गोली मारकर हत्या के आरोप में किया गया था गिरफ्तार

विनय वार्ष्णेय के हत्या के मामले से बरी होने पर उनके समर्थकों ने उनके स्वागत में एटा जिला जेल से अलीगढ़ तक जुलूस निकाला था। दरअसल विनय वार्ष्णेय को अलीगढ़ में हुए सीएए-एनआरसी विरोध के दौरान मोहम्मद तारिक की गोली मारकर हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तब से विनय जेल में ही थे।

शहर में कई जगहों पर जाम की स्थिति

भाजपा नेता के जेल से वापस आने कि खुशी में उनके समर्थकों ने उनके स्वागत में अलीगढ़ के चौराहों पर फूल बरसाए थे। इसके साथ देर शाम अलीगढ़ के देहली गेट इलाके में भी आतिशबाजी की गई। उनके इस जुलुस की वजह से शहर में कई जगहों पर जाम की स्थिति बन गई। एसपी सिटी कुलदीप सिंह ने बताया कि जिले में धारा 144 लागू है। और धारा 144 के अंतर्गत इतनी भारी मात्रा में भीड़ एकत्रित करना कानून का उल्लंघन है। जिसको लेकर भाजपा नेता विनय वार्ष्णेय के साथ-साथ उनके डेढ़ सौ से अधिक अज्ञात समर्थकों पर केस दर्ज किया गया है। इस कारणवश जेल से रिहा होने के बाद विनय वार्ष्णेय फिर से सुर्खियों में हैं व धारा 144 के उल्लंघन के मामले में उन पर फिर से केस दर्ज हो गया है।

अहम गवाहों के मुकर जाने पर वार्ष्णेय को किया गया बरी

बता दें 6 जुलाई को जिला जज डा. बब्बू सारंग की अदालत ने अलीगढ़ के बाबरी मंडी के तारिक की हत्या के मामले में अहम गवाहों के मुकर जाने पर विनय वार्ष्णेय और उनके दो अन्य सह आरोपियों, सुरेंद्र कुमार और उनके बेटे त्रिलोकी को बरी कर दिया।

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