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राजनीति

Uttarakhand Assembly Election 2022 : चुनाव आते ही उत्तराखण्ड में भी बजने लगी पाकिस्तानी धुन

Janjwar Desk
17 Oct 2021 3:30 AM GMT
Uttarakhand Assembly Election 2022 : चुनाव आते ही उत्तराखण्ड में भी बजने लगी पाकिस्तानी धुन
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Uttarakhand Assembly Election 2022 : BJP के रणनीतिकारों की 'मुख्यमंत्री बदलो योजना' के कारगर न होने के मिलने वाले संकेतों को पहचानकर पार्टी को अब अपनी चिर-परिचित 'हिन्दू-मुस्लिम' एजेण्डे की शरण में ही जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

देहरादून। उत्तराखंड राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) जितनी तेजी से नज़दीक आते जा रहे हैं, उतनी ही तेजी से भारतीय जनता पार्टी (BJP) 'मुसलमान-पाकिस्तान' जैसे जुमलों को बहस के केंद्र में लाने की कोशिशों में जुट गई है।

पांच साल तक सत्ता का सुख भोग चुकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार को इस चुनाव में जनता के बीच जाने के लिए अपनी एक भी ऐसी उपलब्धि नहीं मिल रही हैं, जिससे वह मतदाताओं को रिझा सके। पशोपेश में पड़े पार्टी के रणनीतिकारों द्वारा प्रदेश में लागू की गई 'मुख्यमंत्री बदलो योजना' के भी कारगर न होने के मिलने वाले संकेतों को पहचानकर भाजपा के सामने अब अपनी चिर-परिचित 'हिन्दू-मुस्लिम' एजेण्डे की शरण में ही जाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

प्रदेश में आम आदमी पार्टी (AAP) के बढ़ते कदमों को 'मुस्लिम आहट' और प्रदेश में मुस्लिमों की जमीनों की खरीद-फरोख्त को 'लैंड जिहाद' (Land Jihad) के तहत सोची-समझी साजिश बताकर चुनाव को हिन्दू-मुसलमान की पिच पर ले जाने की कोशिश में भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के चुनाव संचालन समिति के मुखिया हरीश रावत (Harish Rawat) पर 'पाकिस्तानी' टैग चस्पा करने की कोशिश शुरू कर दी है। जैसा कि भारतीय जनता पार्टी की रणनीति है कि विवादित मुददे का आरम्भ निचले स्तर से कराकर उसे ऊपरी स्तर से हवा दी जाए। जिससे दांव उल्टा पड़ने की सूरत में इसे निचले स्तर का मामला बताकर कन्नी काटने की सुविधा रहे। इसी रणनीति के तहत यह टैग पार्टी की तरफ से निचले स्तर से उछाला गया है।

भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) की ओर से कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पर टिप्पणी करता एक बैनर भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नाम से उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून (Dehradun) के एक मुख्य चौराहे पर लगाया गया है।इस बैनर में हरीश रावत को पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा का भाई बताते हुए शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या का जिम्मेदार ठहराया गया है। देर शाम दिलाराम चौक स्थित जलकल भवन की चहारदीवारी पर एक लगे इस बैनर में एक तस्वीर के साथ लिखा गया है "हरीश रावत जी, इस बेटी के पिता अमर शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या आपके भाई व पाकिस्तानी जनरल कमर चीमा बाजवा ने करवाई है।"

इस बैनर के सहारे भाजपा की ओर से हरीश रावत को पाकिस्तानी जनरल का भाई स्थापित करने की कुत्सित कोशिश की गई है।

अक्सर ऐसा ही होता आया है कि जब भी चुनाव निकट आते हैं, तो भारतीय जनता पार्टी हिंदू और मुसलमान (Hindu And Muslim) के साथ पाकिस्तान (Pakistan) का नाम लेकर राजनीति का कार्ड खेलना शुरू कर देती है। अभी तक ऐसी घटिया राजनीति से उत्तराखंड अछूता रहा, लेकिन अब यहां भी इसी तरह का खेल शुरू हो गया है। हालांकि अभी इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के किसी मुख्य नेता की टिप्पणी नहीं आयी है लेकिन कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि तीन सीएम बदलने वाली भाजपा सरकार के पास अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ है ही नहीं। ऐसे में उसे ऐसी ही घटिया राजनीति पर आना ही था।

हरीश रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने इस प्रकार के बैनर को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे बैनर लगाकर उत्तराखंड (Uttarakhand) का वातावरण खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार है तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी पर कुछ भी आरोप लगाए जाएं। कांग्रेस हमेशा मर्यादा में रहकर आरोप लगाती है और बैनर लगाती है। यदि भाजयुमो की ओर से इस प्रकार का बैनर लगाया गया है तो यह गलत है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है। भाजपा लोगों को क्या बताएगी कि हमने तीन सीएम बदल दिए। क्या बताएगी कि कोरोना की दूसरी लहर में भाजपाई घरों में दुबक कर बैठ गए थे। क्या बताएगी कि अस्पतालों में बेड की कमी, आइसीयू की कमी, ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों को यूं ही मरने के लिए छोड़ दिया गया। क्या लोग कोरोना के उस भयावाह दौर को भूल चुके हैं। सबको याद है और भाजपा को यही डर सता रहा है।

इसी डर के चलते सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने की बजाय वही जातिवाद, क्षेत्रवाद, हिंदु मुसलमान, पाकिस्तान का कार्ड खेल रही है। साथ ही पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने काम किया होता तो उसे इस तरह के दुष्प्रचार की जरूरत नहीं पड़ती और वह काम को लेकर जनता के बीच जाती। आखिरकार उसे पूर्व सीएम हरीश रावत को लेकर डर क्यों सता रहा है। यह प्रदेश की जनता भी जानती है कि भाजपा के दिन अब लद गए हैं।

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