Uttarakhand Election 2022 : हरीश रावत को उत्तराखण्ड के लिए कांग्रेस से मिला फ्री हैंड तो BJP कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत हुए नतमस्तक!
(कांग्रेस ने हरीश रावत केंद्र की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया उत्तराखंड का फ्रीहैंड)
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Uttarakhand Election 2022 । विधानसभा चुनाव की चौखट पर खड़ी उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की राजनीति में निकट भविष्य में एक बार फिर खासे उलटफेर की संभावनाएं बन रहीं हैं। आज शुक्रवार 22 अक्टूबर को ऐसे दो राजनीतिक घटनाक्रम एक साथ ही हुए जो बता रहे हैं कि दीपावली की फुलझड़ियां समय से पहले ही फूट सकती हैं।
पहला राजनीतिक घटनाक्रम कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) को केंद्र की जिम्मेदारियों से मुक्त कर उत्तराखण्ड में फ्री हैण्ड देना रहा, तो दूसरा घटनाक्रम प्रदेश के सर्वाधिक चर्चित नेता हरक सिंह रावत का हरीश रावत के सामने 'नतमस्तक' हो जाना।
मालूम हो कि हरीश रावत ने उत्तराखण्ड के विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) के लिए पूरा समय न देने के कारण पार्टी से 'जन्मभूमि और कर्मभूमि' दोनों को एक ही करने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को पंजाब व छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी के प्रभार से मुक्त कर दिया। इसके साथ ही उन्हें एआइसीसी के महासचिव के पदभार से भी मुक्त कर उत्तराखण्ड में खुलकर बैटिंग करने का पूरा मौका दे दिया। शुक्रवार 22 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस बाबत पत्र जारी भी जारी किया है।
पंजाब सहित कई प्रदेशों की राजनीति में उलझे हरीश रावत उत्तराखंड में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पंजाब के दायित्व से खुद को मुक्त करने की गुहार लगा चुके थे। इस संबंध में कई बार उनका बयान भी आया था, क्योंकि वह उत्तराखंड में ज्यादा वक्त नहीं दे पा रहे थे। हरीश रावत ने खुद सोशल मीडिया में इसकी जानकारी शेयर कर लिखा कि कांग्रेस के नेतृत्व को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने पंजाब के दायित्व से मुझे मुक्त करने का जो मेरा अनुरोध था उसे स्वीकार किया।
हरदा (Harish Rawat) को प्रदेश में मिले इस फ्री हैण्ड के साथ आज 22 अक्टूबर को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) का भी एक वीडियो बयान सोशल मीडिया पर दौड़ने लगा, जिसमें हरीश रावत के सामने नतमस्तक होते नज़र आ रहे हैं।
हरीश-हरक के संबंधों की बात करें तो हरीश अपनी सरकार गिराने का इल्ज़ाम मुख्य रूप से दो लोगों सतपाल महाराज व हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) पर ज्यादा लगाते हैं। यह ही दोनों नेता कद व जातिगत समीकरण के चलते हरीश के लिए घातक साबित हो सकते हैं। बागियों की घर वापसी के मुद्दे पर भी हरीश इनका विरोध इन्ही वजह से कर रहे हैं। हरीश की '"अपने पापों की सार्वजनिक माफी" मांगकर पार्टी में वापस लेने की जिदद भी यही है कि दोनों नेता उन्हें बाईपास कर कांग्रेस में दाखिल न हो पाएं। भाजपा (BJP) में लगातार असहज स्थिति में चल रहे हरक अभी हाल तक हरीश के सामने ताल ठोककर खड़े थे। लेकिन अब अचानक ही शुक्रवार को उनका सुर अपेक्षाकृत नरम पड़ गया है। विधायक चैंपियन को छोटा भाई बताते हुए इस बयान में हरक हरीश को न केवल अपना बड़ा भाई बता रहे हैं। बल्कि हाथ जोड़कर उनके सामने नतमस्तक होने की बात भी कह रहे हैं।
बकौल हरक "हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं। वह मुझे कुछ भी कहें गाली दें, चोर बोले। अपराधी कहे। सब मेरे लिए आशीर्वाद के समान है। मैं उनके चरणों में नतमस्तक हूँ।" हाँ, इसके साथ उन्होंने यह जरूर कहा कि वह ऐसा कांग्रेस में आने के लिए नहीं कह रहे हैं।
लेकिन हरक सिंह के ये बोल सूबे की राजनीति में एक नये मोड़ की ओर संकेत देते नजर आ रहे हैं। एकाएक अपने धुर विरोधी हरीश रावत को लेकर हरक सिंह रावत के नरम होते सुर उत्तराखंड की राजनीति में एक नई कहानी लिखने जा रहे हैं। दोनों हाथ जोड़कर हरीश रावत से माफी मांग रहे हरक सिंह रावत का यह रूप न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि इस बात का संकेत भी है कि पंछी ने परवाज़ के लिए अपने पर तोलने शुरू कर दिए हैं। देखने वाली बात सिर्फ यह है कि धमाका दीपावली से पहले होगा या दीपावली के बाद में !