Uttarakhand Election 2022 : कांग्रेस के बाद भाजपा की बढ़ी मुसीबत, थमने का नाम नहीं ले रहा BJP में गुटबाजी, सकते में नेतृत्व
भाजपा विधायक ने मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ खोला मोर्चा।
देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस के बाद अब सत्ताधारी पार्टी भाजपा ( BJP ) में आंतरिक गुटबाजी ( internal factionalism ) चरम पर है। भाजपा के एक विधायक ने सीएम पुष्कर सिंह धामी ( CM Pushkar Singh Dhami ) को एक पत्र लिखकर अनशन पर जाने की धमकी दे दी है। राज्य के पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ लैंसडाउन के विधायक दिलीप रावत ने हरक सिंह रावत पर उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक ने सीएम धामी को पत्र लिखकर समस्या का समाधान न होने पर अनशन ( Hunger Strike ) पर बैठने की चेतावनी दी है।
विधायक दिलीप सिंह रावत ( BJP MLA ) का दावा है कि राजनीतिक शत्रुता के चलते हरक सिंह ( Harak Singh Rawat ) उनके निर्वाचन क्षेत्र की उपेक्षा कर रहे हैं। उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर इस समस्या को सुलझाने की बात कही है। ऐसा न होने पर उन्होंने राज्य विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की धमकी दी है। हालांकि, नाराज विधायक ने बताया है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें भरोसा दिया है कि वो इसकी जांच कराएंगे और मामले को सुलझाएंगे।
टाइगर सफारी में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
भाजपा विधायक दिलीप सिंह ने इससे पहले भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कालागढ़ एवं लैंसडाउन वन संभागों में हुए निर्माण कार्यों में कथित अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन पर जांच की मांग की थी। विधायक ने पत्र में कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में पखरो टाइगर सफारी का निर्माण, दीवार निर्माण समेत भवन निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
हरक सिंह पर अपने प्रभाव का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया
भाजपा सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत राज्य के बिजली, वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं। ऐसे में दिलीप सिंह रावत ने सीएम धामी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि हरक सिंह रावत के प्रभाव के चलते हिया क्षेत्र के धूमाकोट में नव स्थापित बिजली वितरण कार्यालय में कार्यपालक अभियंता की नियुक्ति नहीं की जा रही है।
बता दें कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 मे होने हैं। ऐसे में भाजपा विधायक द्वारा ही विरोध के सुर उठने से पार्टी में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। हाल ही में हरक सिंह रावत ने अपने क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज न बनने पर इस्तीफा देने की धमकी दी थी। अब उनके क्षेत्र के विधायक ने ही उनके खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया है।
दूसरी तरफ भाजपा के अंदर जारी गुटबाजी की वजह से पार्टी नेतृत्व में सकते हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से भाजपा नेतृत्व की सियासी खेमेबाजी ने चिंता बढ़ा दी है। भाजपा इस गुटबाजी को थामने की कोशिश में जुटी है, लेकिन ममता थमता नहीं दिख रहा है। अगर असंतोष जारी रहा तो इसका असर चुनाव पर भी देखने को मिल सकता है।