Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

Uttarakhand Election 2022 Result : 'अब समय आ गया है कि मैं...', हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए भावुक हुए हरीश रावत

Janjwar Desk
12 March 2022 9:21 AM GMT
Uttarakhand Election 2022 Result : अब समय आ गया है कि मैं..., हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए भावुक हुए हरीश रावत
x

हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए भावुक हुए हरीश रावत

Uttarakhand Election 2022 Result : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) में कांग्रेस (Congress) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) की हार के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है...

Uttarakhand Election Result : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) में कांग्रेस (Congress) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) की हार के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है| हरीश रावत की हार उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है| उनके रानीतिक भविष्य के साथ उन मुद्दों पर भी बहस शुरू हो गई है, जिन्हे वो उठाते रहे हैं| हरीश रावत की मानें तो अब वह इस पर मंथन करेंगे|

हरीश रावत ने ली हार की जिम्मेदारी

हरीश रावत का कहना है कि अब आगे क्या करेंगे, यह कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन जो भी करेंगे, नई पारी ग्रास रुट से ही शुरू करेंगे| फिलहाल वह जनादेश को स्वीकार करते हुए हार की जिम्मेदारी लेते हैं| हरीश रावत को पार्टी ने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था| अघोषित तौर पर वह सीएम पद का चेहरा भी थे लेकिन इस भर भी भाजपा की अंधी में वह लालकुआं का किला नहीं बचा पाए|

नए सिरे से मंथन करने की जरुरत

बता दें कि हरीश रावत वर्ष 2017 में दो-दो सीटों से अपनी हार का बदला लेना चाहते थे लेकिन कामयाब नहीं हो पाए| हरीश रावत का कहना है कि अब इन बातों पर मंथन करने का समय आ गया है कि जिन मुद्दों को उठाते हैं, क्या वह उत्तराखंड की जनता की वास्तविक सवाल हैं भी या नहीं| हरीश रावत ने कहा है कि उन्होंने उत्तराखंडियत के मुद्दे उठाए, उन्होंने रोजगार, भ्रष्टाचार और गैरसैंण का मुद्दा उठाया| वह राज्य में चकबंदी की बात करते हैं|

हरीश रावत ने कहा है कि वह उत्तराखंड के गाड़ गदेरों की बात करते हैं। वह उन तमाम चीजों को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिससे उत्तराखंड के विकास के साथ उत्तराखंडियत भी बची रहे। बकौल हरीश, वर्ष 2017 में मैंने किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ा था। दोनों ही सीटों पर पर्वतीय और मैदानी परिवेश के मिले-जुले लोग रहते हैं, लेकिन इस बार तो उन्होंने विशुद्ध रूप से पर्वतीय परिवेश वाली लालकुआं सीट को चुना था।

अब समय आ गया है..

हरीश रावत का कहना है कि लालकुआं के लोगों ने भी उनके मुद्दों को नकार दिया। आगे हरीश रावत ने कहा कि अब समय आ गया है कि मैं नए सिरे से मंथन करू। वह जिन मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वह उसमें कितने सही थे। आगे क्या करेंगे, इस सवाल पर हरीश ने यह सोचने या इस पर कुछ बोलने का उचित समय नहीं है। आगे जो भी करेंगे, ग्रास रूट से शुरू करेंगे। फिलहाल कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाए रखना है।

Next Story

विविध