Vidhan Sabha Chunav Results 2023 : नहीं चला राहुल गांधी का जादू, जाति जनगणना बना कांग्रेस के लिए भस्मासुर !
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Vidhan Sabha Chunav Results 2023 : 5 राज्यों में हुए चुनावों का रिजल्ट के रुझानों से साफ हो चुका है एक बार फिर मोदी का करिश्मा काम कर गया और 5 किलो अनाज के अलावा ऐसा लग रहा है कि जाति जनगणना की बात करके राहुल गांधी ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। तेलंगाना और मिजोरम में भाजपा सरकार नहीं बना पायेगी और ये राज्य उस तरीके से केंद्र की सत्ता का गणित बदलने का दमखम भी नहीं रखते हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इच्छा की विरूद्ध सभी राज्यों में कांग्रेस ने जाति जनगणना का मुद्दा जोर—शोर से उठाये रखा। राहुल गांधी हर मंच से जाति जनगणना की बात करते नजर आये। अभी तक के रूझानों से साफ हो चुका है कि राहुल गांधी का जादू बेअसर रहा और मोदी का चेहरा फिर भाजपा को जिताने वाला साबित हुआ।
राजस्थान की बातें करें तो जाति जनगणना को कांग्रेस ने जैसे ही घोषणापत्र में शामिल किया उसके बाद प्रदेश की दो मुख्य जातियों जाट और गुर्जर ने कांग्रेस से किनारा करना शुरू कर दिया और भाजपा के नजदीक दिखायी देने लगीं। कारण कि जाट आरक्षण पर इससे कुठाराघात होता, वहीं गुर्जर समुदाय के रिजर्वेशन में बड़ी कटौती भी होती। राजनीतिक विश्लेषकों ने तभी कहना शुरू कर दिया था कि जाति जनगणना कांग्रेस के लिए भस्मासुर साबित हो सकती है।
सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक स्थिति और उलटफेर छत्तीसगढ़ में नजर आ रहा है। यहां भूपेश बघेल की नेतृत्व को जनता नकारते नजर आ रही है, जबकि लगभग हर एग्जिट पोल में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पाले में जाता नजर आ रहा था, मगर यहां भी अब तक के रूझानों में भाजपा की ही सरकार बनती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी ही सीट गंवाते हुए नजर आ रहे हैं। सिर्फ तेलंगाना ही एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस बढ़त बनाये हुए है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जाति सर्वेक्षण का अभियान छेड़ा हुआ था। उन्होंने मंचों से नारा दिया था,- जितनी आबादी, उतना हक। इसके उलट पीएम मोदी समेत भाजपा के किसी भी नेता ने जाति सर्वेक्षण की बात नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने जाति जनगणना के उलट यह कहकर मीडिया की सुर्खियां बटोरी कि 'मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- गरीब। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- युवा। मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- महिलाएं, मेरे लिए सबसे बड़ी जाति है- किसान। इन चार जातियों का उत्थान ही भारत को विकसित बनाएगा। और अगर चार का हो जाएगा ना, इसका मतलब सबका हो जाएगा।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम ने जिन चार जातियों को सबसे बड़ी बताया है, वही उनकी सबसे बड़ी वोटर है और सबसे बड़ा समर्थक भी। अगले पांच साल के लिए 5 किलो मुफ्त अनाज ने भी उनके वोटबैंक में निश्चित तौर पर इजाफे का काम किया। दूसरी तरफ राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का नारा भी जनता के मन-मस्तिष्क में बोकर भाजपा ने अपनी जीत सुनिश्चित की है। चुनावी विश्लेषकों का एक धड़ा तो अब यह दावा भी करने लगा है कि 2024 में मोदी के अजेय रथ को हरा पाना किसी के बूते की बात नहीं है। वे 2014 और 2019 से भी ज्यादा मतों से विजयश्री हासिल करेंगे।