कोरोना को हराने में दुनिया भर में चर्चित हुईं शैलजा को केरल मंत्रिमंडल से सीएम विजयन ने किस डर से किया बाहर !

के के शैलजा, केरल राज्य से विधायक व राज्य की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री
जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। केरल में दोबारा सरकार बनाने के बाद वाम लोकतांत्रिक मोर्चे ने अपने नये मंत्रिमंडल का खुलासा कर दिया है। इस मंत्रिमंडल में सभी नए चेहरों को जगह दी गई है। पुराने मंत्रिमंडल में से किसी को भी दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया है।
विजयन के नए मंत्रिमंडल में केरल की सरकार के पिछले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री रही के के शैलजा को भी इस बार जगह नहीं मिली है। कोरोना आपदा के समय केरल की स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा किए गए काम को दुनिया भर में सराहा गया है। शैलजा पिछली सरकार की उन पांच मंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव जीता लेकिन मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली। शैलजा मट्टनूर विधानसभा क्षेत्र से दोबारा विधायक चुनी गई हैं। इस विधानसभा चुनाव में शैलजा ने 61 हजार से अधिक मतों के अंतर के साथ सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।
विजयन मंत्रिमंडल में शैलजा को शामिल न किए जाने पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर सवाल उठ रहे हैं। विजयन सरकार की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। लोगों का आरोप है कि शैलजा को उनके जेंडर के कारण मंत्रिमंडल से बाहर किया गया है। विजयन सरकार में शैलजा को फिर से शामिल नहीं किए जाने पर केरल से कांग्रेस के सांसद और नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर अफसोस जताते हुए कहा है- शैलजा को केरल कैबिनेट छोड़ते हुए देख कर दुख हो रहा है। उनकी प्रतिष्ठित क्षमता और दक्षता के अलावा मैंने उन्हें हमेशा कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मददगार, उत्तरदाई और सुलभ पाया, उनकी कमी खलेगी।
Sorry to see @shailajateacher leave the Kerala cabinet. Aside from her reputed competence & efficiency, I always found her helpful, responsive & accessible as Health Minister, esp during the #Covid crisis. She will be missed.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 18, 2021
इस संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए शैलजा ने कहा कि उन्होंने पार्टी द्वारा उन्हें दी गई जिम्मेदारी को पूरा किया है। नई टीम बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा- व्यवस्था महत्वपूर्ण है व्यक्ति नहीं। उनके निष्कासन के बाद सोशल मीडिया पर हो रही चर्चाओं के बारे में पूछने पर शैलजा ने कहा- "इन चीजों के बारे में भावुक होने की कोई जरूरत नहीं है." इस मामले में जब इंडियन एक्सप्रेस ने माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से बात की तो उन्होंने बताया कि माकपा के निर्वाचित विधायकों के राज्य सरकार में मंत्रियों के रूप में शामिल होने से संबंधित मामले पार्टी की राज्य समिति के क्षेत्र में आते हैं। पार्टी की राज्य समिति ने उस मुद्दे पर चर्चा की और सर्वसम्मति से इस पर फैसला किया है।











