UP Election 2022 : भाजपा में अंदरखाने सबकुछ नहीं है ठीक, योगी की इस डिमांड के बाद BJP में छाया राष्ट्रीय संकट
UPCM Yogi Adityanath File Photo (Janjwar/Archieve)
UP Election 2022 : भारतीय जनता पार्टी फॉर उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले एक बार फिर अंदरखाने विवाद सरीखी स्थितियां पैदा होनी शुरू हो गईं हैं। इससे पहले यह हालत तमाम उन चुनावों में भी देखी जाती रही है जो स्टेट लेवल पर होते रहे हैं। बल्कि यह कहा जाना और भी ज्यादा ठीक रहेगा की भाजपा का एक भी चुनाव ऐसा नहीं रहता जो अंतर्कलह से अलग रह सके।
वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी लिखते हैं कि, आपको नजर नही आ रहा होगा लेकिन बीजेपी में अंदरखाने हड़कंप की स्थिति है। अपने काम-काज के गड़बड़ तौर तरीकों से जनता के बीच अपनी साख खो चुके आदित्यनाथ ने भाजपा हाईकमान से 125 सीटों की डिमांड कर दी हैं। उनका कहना है कि इन सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला मैं करूंगा। मुसीबत यह है कि यह सारी वह सीटें हैं जिनमे किसान आंदोलन का असर नहीं के बराबर है।
योगी की इस जिद के पीछे की असल बात यह है कि योगी आदित्यनाथ की डिमांड से परे अरविंद शर्मा, जेपी नड्डा, राजनाथ, और अमित शाह अपने अपने उम्मीदवारों को उतारना चाह रहे हैं। अमित शाह ने अपनी सूची में योगी को केवल 12 सीटों पर उम्मीदवार तय करने के अधिकार दिए हैं, वहीं राजनाथ का कहना है कि पूर्वी यूपी में टिकट बंटवारे का अधिकार मुझे दिया जाए।
भाजपा इस बात से डरी हुई है कि अगर योगी आदित्यनाथ को उम्मीदवारों को चुनने का अधिकार नहीं दिया जाएगा तो वह भाजपा द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रॉक्सी कैंडिडेट खड़े कर सकते हैं ऐसा वह पहले भी चुनाव के दौरान करते रहे हैं। भाजपा जानती है कि अगर सरकार बनाने की स्थिति हुई तो योगी सीएम पद के लिए सब का जीना मुश्किल कर देंगे।
कहा जाता है कि योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रखकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनसे कहा था कि आप इस तरह की डिमांड ना रखें, उस वक्त तो योगी ने हां-हां कह दिया लेकिन बाद में जेपी नड्डा को साफ बोल दिया कि 125 सीटों से 1 सीट भी कम नहीं लेंगे।
सच्चाई यह है कि योगी आदित्यनाथ डरे हुए हैं कि अगर कहीं भाजपा की ठीक-ठाक सीटें आ गई तो शाह, नड्डा और मोदी मिल करके उनकी जगह किसी और को सीएम बनवा सकते हैं। बताया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ ने अपने गुट के लोगों को चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है उन्हें साफ कहा गया है कि अगर टिकट नहीं भी मिला तो भी चुनाव लड़ना है।